30. व्याकरण हिन्दी || 21. वाक्य और वाक्यों के भेद
वाक्य :- सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे कोई अपेक्षित अर्थ प्रकट हो वाक्य कहलाता है।
वाक्यों के भेज दो प्रकार से किए जा सकते हैं।।
वाक्य को दो आधारों पर बाँटा गया है ==>
(क) अर्थ के आधार पर
(ख) रचना के आधार पर
(क) अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद हैं ==>
१ - विधानवाचक वाक्य ।
२ - आज्ञावाचक वाक्य ।
३ - निषेधवाचक वाक्य ।
४ - प्रश्नवाचक वाक्य ।
५ - विस्मयादिवाचक वाक्य ।
६ - इच्छावाचक वाक्य ।
७ - संदेहवचक वाक्य ।
८ - संकेतवाचक वाक्य ।
1. विधानवाचक वाक्य --> जिस वाक्य से क्रिया करने या होने का बोध हो , वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे :- रमा खेल रही है। सूर्य पूरब से उगता है। राम अयोध्या के राजा थे।
2. आज्ञावाचक वाक्य --> जिस वाक्य में किसी को आज्ञा , उपदेश , आदेश , अनुमति या प्रार्थना आदि के भाव प्रकट हो या निवेदन या प्रार्थना की गई हो , वह आज्ञावाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे --> बैठ जाओ। कृपया खड़े हो जाइए। पंखा बंद कर दो।
3. निषेधवाचक वाक्य --> जिस वाक्य में क्रिया यह कार्य के न करने या न होने का बोध हो , उसे निषेधवाचक वाक्य कहते है।
जैसे :- बाहर जाना मना है। वह विद्यालय नहीं जाएगा। गोलू पाठ नहीं पढ़ता है। शोर मत करो।
4. प्रश्नवाचक वाक्य --> जिस वाक्य में किसी से कोई प्रश्न किया जाए या प्रश्न का बोध हो , वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है। इसके अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह '?' होता है।
जैसे --> तुम्हारा नाम क्या है? क्या आप दिल्ली में रहते हैं? आपका स्वास्थ्य कैसा है?
5. विस्मयादिवाचक वाक्य --> जिस वाक्य में विस्मय , हर्ष , क्रोध , घृणा आदि के भाव प्रकट हों , वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता है। इस वाक्य में विस्मयादिबोधक चिन्ह ' ! ' का प्रयोग किया जाता है।
जैसे --> अरे! तुम इतने बड़े हो गए। बस करो ! तुम्हें कुछ समज में नहीं आता ? अहा! क्या मौसम है। हाय! मैं तो डर ही गई।छिः ! कितना गंदा पानी है।
6. इच्छावाचक वाक्य --> जिस वाक्य में किसी की इच्छा , शुभकामना, मनोकामना ,मंगलकामना या आशीर्वाद , आशा आदि के भाव प्रकट हों प्रकट हो , वह इच्छावाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे --> आपकी यात्रा मंगलमय हो। आप अच्छे अंको से पास हो। ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करे। सदा कल्याण हो। नव वर्ष की बधाइयाँ।
7. संदेहवचक वाक्य --> जिस वाक्य में किसी कार्य के होने में संदेह हो , वह संदेहवाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे -->
संभव है आज धूप निकले। संभवत: मैं जीत जाऊँ। शायद उसे खबर ही न हो।
8. संकेतवाचक वाक्य --> जिस वाक्य में किसी एक क्रिया के होने पर ही दूसरी क्रिया के होने का संकेत हो , वह संकेतावाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे ==>
जब धूप निकलेगी , तब कपड़े धोएँगे । आप होते , तो इतनी परेशानी नहीं उठानी पड़ती।
यदि तुम बुलाते , तो मैं ज़रूर आता । अगर मन लगाकर पढ़ते , तो पास हो जाते।
रचना के आधार पर वाक्य प्रकार
1) सरल वाक्य (simple sentence)
जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है , उसे सरल वाक्य कहते है।
जैसे :- सोहन खेलता है। (‘सोहन’ उद्देश्य है और ‘खेलता है ‘ विधेय है। ) राम खाता है ।वह स्कूल जाता है ।आदि।
2) संयुक्त वाक्य (compound sentence)
जिस में दो या अधिक स्वतंत्र उपवाक्य होते है और वे ‘या’ , ‘किंतु’ , ‘और’ जैसे समुच्चबोधकों से जुड़े होते हैं , उसे संयुक्त वाक्य कहते है।
जैसे :- शीला बहादुर है और चतुर भी है। (‘शीला बहादुर है।’ , ‘चतुर भी है।’ दोनों स्वतंत्र उपवाक्य है। ‘और ‘ समुच्चयबोधक अव्यय है।) वह ताकतवर और इमानदार है। राजा हरिश्चंद्र सत्यवादी और दृढ़ निश्चय थे।
3) मिश्र वाक्य (complex sentence)
जिस वाक्य में उपवाक्य मुख्य उपवाक्य पर आश्रित होता है और वे ‘कि ‘ , ‘ तथापि ‘ , ‘ इसलिए ‘ जैसे समुच्चयबोधकों से जुड़े होते है , उसे मिश्र वाक्य कहते है।
जैसे :- मैंने देखा कि पर्दे के पीछे कोई छिपा था। (‘मैंने देखा’ मुख्य उपवाक्य है और ‘पर्दे के पीछे कोई छिपा था।’ आश्रित उपवाक्य है। ‘कि ‘ समुच्चयबोधक अव्यय है। ) वह मुझे देख भी नहीं पाया था कि मैंने उसे पकड़ लिया। अभी छात्र ने चीटिंग शुरू भी नहीं की थी कि निरीक्षक ने उसे पकड़ लिया।
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