पाठ- 13. हुदहुद
तुम्हारी समझ
(क) हुदहुद को कहीं ‘हजामिन’ चिड़िया और कहीं ‘पदुबया’ के नाम से पुकारते हैं। क्यों?
उत्तर- हुदहुद को कहीं कहीं ‘हजामिन’ चिड़िया के नाम से पुकारते हैं, क्योंकि इसकी की चोंच नाखून काटने वाली ‘नहरनी’ से मिलती है।
हुदहुद को कही-कही ‘पदुबया’ के नाम से पुकारा जाता है, क्योंकि यह दूब में से भी कीड़ा ढूँढ लेती है।
(ख) हुदहुद की चोंच पतली, लंबी और तीखी होती है। इस बात को ध्यान में रखकर बताओ-
* वे कैसा भोजन खाते होंगे?
* चोंच से वे क्या–क्या ले सकते हैं?
उत्तर- *वे छोटे – छोटे कीड़े मकोड़े खाते होंगे।
* चोंच से जमीन खोदकर भी कीड़े निकाल लेते होंगे। वे घास में छिपे हुए कीड़े-मकोड़े भी ढूँढ लेते होंगे। लड़ाई के समय चोंच को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते होंगे। अपने रहने के लिए कोसा बनाने में इसकी सहायता लेते होंगे।
मैंने जाना
पाठ में ऐसे शब्दों की सूची बनाओ जो पक्षियों के लिए इस्तेमाल होते हैं।
पाठ पढ़ने के बाद अपनी कॉपी में एक तालिका तैयार करों और उस तालिका में मालूम की गई जानकारी लिखो।
उत्तर-
जानती थी | पढ़कर मालूम हुआ | जानना चाहती हूँ | कैसे/कहाँ से पता लगाऊँगी |
गिद्ध | हुदहुद | किन-किन पक्षियोंकी कलगी होती है? | अध्यापिका से पूछकर और पुस्कालय पता लगाऊँगी पक्षी-संग्रहालय से एवं पुस्तकालय से। |
पहचानें कैसे
(क) अगर तुम्हें हुदहुद को पहचानने में किसी की मदद करनी है तो तुम उसे कौन-सी बातें बताओगे? चार-पाँच वाक्यों से लिखो।
उत्तर- हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला होता है। उसके पंख काले होते हैं उन पर मोटी सफेद धारियाँ होती है। उसके सिर पर बादामी रंग की कलगी होती है जिसके सिरे काले और सफेद होते हैं। इसकी दुम का हिस्सा सफेद और बाहरी हिस्सा काले रंग का होता है। इसकी चोंच पतली, लम्बी और तीखी होती है।
(ख) अब कौवे या कबूतर को पहचानने के लिए चार-पाँच बिंदु लिखो। यह जनाने के लिए तुम्हें इन पक्षियों को कुछ समय तक बहुत गौर से देखना होगा।
उत्तर- कौवे की पहचान
1. कौवा काले रंग का होता है।
2. कौवा कोयल से बड़ा होता है।
3. इसके बोलने पर ‘कॉव-कॉंव की आवाज आती है।’
4. इसकी चोंच काली और लंबी होती है।
तरह-तरह की नाम
तुम्हारे आसपास कौन – कौन से पक्षी पाए जाते हैं, उनके नामों की सूची बनाओ। तुम्हारे और तुम्हारे दोस्तों के घर की भाषा में क्या कहते हैं? जिन पक्षियो के नाम तुम्हें नहीं पता है, उनके नाम तुम्हें पता करने होंगे।
उत्तर- पक्षियों के नाम-
1. कौवा, 2. कबूतर, 3. गौरैया, 4. कोयल, 5. तोता, 6. बगुला।
बातचीत
तुमने हुदहुद से जुड़ी एक कहानी पढ़ी है। उस कहानी को बातचीत के रूप में लिखो। नीचे हमने इस बातचीत को तुम्हारे लिए शुरू कर दिया है-
शाह सुलेमान – अरे भाई गिद्ध! जरा मेरी बात तो सुनो।
गिद्ध (उड़ते-उड़ते) – कहिए, मगर जरा जल्दी से।
शाह सुलेमान – ……………
गिद्ध – ……………….
तुम अपने दोस्तों के साथ बातचीत को कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत कर सकते हो।
उत्तर- शाह सुलेमान – मुझे गर्मी लग रही है। तुम अपने पंखों से मेरे सिर पर छाया कर दो।
गिद्ध – हम तो इतने छोटे हैं। हम छाया कैसे कर सकते हैं?
(गिद्ध उड़ते हुए आगे चले जाते हैं। हुदहुद का मुखिया उड़ता हुआ आता है।)
शाह सुलेमान – अरे भाई हुदहुद! जरा इधर तो आओ।
मुखिया हुदहुद – (उड़ता हुआ पास आकर) कहिए, महाराज! क्या बात है?
शाह सुलेमान – इस समय मैं तपती धूप से परेशान हो गया हूँ। क्या तुम मेरी कुछ मदद करोगे।
मुखिया हुदहुद – कुछ उपाय करता हूँ। आप थोड़ी देर इंतजार कीजिए।
(थोड़ी देर में बहुत सारे हुदहुद आकाश में उड़ते हुए आते हैं और बादशाह सुलेमान के सिर पर छाया कर देते हैं)
शाह सुलेमान – (खुश होकर) वाह! तुम सब ने तो कमाल कर दिया।
मुखिया हुदहुद – यह तो हमारा फर्ज था।
शाह सुलेमान – तुम सब कितने अच्छे हो। मैंने तो गिद्धों से भी मदद माँगी थी। उनके पंख भी बड़े – बड़े थे। वे चाहते तो मेरी मदद कर सकते थे पर उन्होंने मेरी मदद नहीं की।
दूसरा हुदहुद – उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। किसी की मदद करने में तो हमें खुशी होनी चाहिए।
शाह सुलेमान – (मुस्कुराते हुए) तुम गिद्धों से छोटे तो हो पर उनसे अधिक चतुर हो। तुम सबने मिलकर मेरी सहायता की है। मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। बताओ, तुम्हारी क्या इच्छा है?
मुखिया – महाराज मैं अपनी सभी साथियों से सलाह करने के बाद ही अपनी इच्छा बताऊँगा।
शाह सुलेमान – ठीक है।
(मुखिया हुदहुद अपने साथ कुछ बातें करता है।)
शाह सुलेमान – सलाह हो गई? वरदान माँग लो।
मुखिया – महाराज! आज से हमारे सिर पर कलंक सोने की कलगी निकल आए।
शाह सुलेमान – (हँसकर) मुखिया इसका फल क्या होगा यह तुमने सोच लिया है?
मुखिया – हाँ, महाराज! खूब विचार करके यह वर माँगा है।
शाह सुलेमान – ठीक है, ऐसा सही हो।
(सभी हुदहुद के सिर परसोने की कलगी निकल आती है। सभी खुश हो कर चले जाते हैं।)
(कुछ दिन बाद….. महाराज के दरबार में हुदहुदों का मुखिया पहुँचता है।)
मुखिया – (घबराया हुआ) महाराज, हमारी रक्षा कीजिए।
शाह सुलेमान – क्यों क्या हुआ?
मुखिया – महाराज वरदान वापस ले लीजिए। जब से हमारे सिर पर सोने की कलगी निकल आई तब से लोग हमें ढूँढ-ढूँढ कर मानने लगे हैं।
शाह सुलेमान – मैंने तो शुरू में ही तुम्हे चेतावनी दी थी। खैर, जाओ आज से तुम्हारे सिर का ताज सोने का नहीं बल्कि सुंदर परों का हुआ करेगा।
मुखिया – (खुश होकर) महाराज! आपका बहुत – बहुत धन्यवाद। (पर्दा गिरता है।)
रंगारंग
(क) हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला होता है।
हुदहुद का रंग चटकीला बताया जाता है। रंग कैसे हैं- यह बताने के लिए कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे, फीका रंग, चटकीले रंग आदि।
बताओ कि ऐसे किन – किन चीजों के रंग होते हैं।
उत्तर-
रंग का नाम | इस रंग की चीजों के नाम |
गहरा | पत्तियाँ, कौवा, भालू |
(ख) यूनी ने आसमानी रंग की कमीज़ पहनी है
‘आसमानी’ रंग का नाम कैसे बना होगा? सोचो।
(संकेत- फल, सब्जी, पत्तों आदि के नाम पर)
उत्तर- बैगनी चम्पई बादामी
सुनहरा, मेहँदी, सिंदूरी
नारंगी जमुनी तांबई
कत्थई , नीला गेरुआ
शब्द एक-अर्थ अनेक
शाह की भेंट हुदहुद के मुखिया से हुई।
मुझे मेरी बहन ने एक सुन्दर भेंट दी।
ऊपर वाले वाक्य में भेंट का मतलब मुकालात से है, नीचे वाले वाक्य में उपहार से।
तुम भी कोई ऐसे चार शब्द सोचो जिनके दो मतलब नेकमते हों। उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर-
(क) पर – हुदहुद के पर सुन्दर हैं।
आजा का काम कल पर मत छोड़ो।
(ख) कलम – हम सब कलम से लिखते है।
– राजा ने चोर का सर कलम कर दिया।
(ग) अर्थ – इस कविता का अर्थ बताओ।
हर चीज़े खरीदने के लिए अर्थ की आवश्यकता होती है।
(घ) पत्र – आम का पत्र पूजा के काम आता है।
आज मैंने चाचा जी को पत्र लिखा।
नाम
हुदहुद एक बहुत ही सुन्दर पक्षी है।
हुदहुद और पक्षी, दोनों को ही हम संज्ञा कहते हैं।
अब नेचे दी गई तालिका को आगे बढ़ाओ।
हुदहुद पक्षी भारत देश अनार फल
उत्तर- हाथी जानवर
मुंबई शहर
गंगा नदी
हिमालय पर्वत
इंद्र देवता
रामायण पुस्तक
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