2. उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के निम्नलिखित चार भेद हैं-
तत्सम, तद्भव, देशज और
विदेशज
1. तत्सम शब्द - जो शब्द संस्कृत भाषा से हिन्दी
में बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग कर लिए जाते हैं। वे तत्सम शब्द कहलाते हैं।
जैसे-अग्नि, क्षेत्र, वायु,
रात्रि,
सूर्य
आदि।
2. तद्भव शब्द - जो संस्कृत शब्द अपना रूप बदलने
के बाद संस्कृत से हिन्दी में आए हैं। वे शब्द तद्भव शब्द कहलाते हैं।
जैसे-आग (अग्नि), खेत(क्षेत्र), रात
(रात्रि), सूरज (सूर्य) आदि।
3. देशज शब्द - जो शब्द क्षेत्रीय प्रभाव,
परिस्थिति
व आवश्यकतानुसार प्रचलित हो गए हैं । वे देशज शब्द कहलाते हैं।
जैसे-पगड़ी, गाड़ी, थैला,
पेट,
खटखटाना
आदि।
4. विदेशी शब्द या विदेशज शब्द - विदेशी
जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे
हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज शब्द कहलाते हैं।
जैसे-स्कूल, अनार, आम, कैंची,अचार,
पुलिस,
टेलीफोन,
रिक्शा
आदि।
कुछ विदेशी शब्दों की सूची नीचे दी जा रही है।
अंग्रेजी- कॉलेज, पैंसिल,
रेडियो,
टेलीविजन,
डॉक्टर,
लैटरबक्स,
पैन,
टिकट,
मशीन,
सिगरेट,
साइकिल,
बोतल
आदि।
फारसी- अनार,चश्मा,
जमींदार,
दुकान,
दरबार,
नमक,
नमूना,
बीमार,
बरफ,
रूमाल,
आदमी,
चुगलखोर,
गंदगी,
चापलूसी
आदि।
अरबी- औलाद, अमीर, कत्ल,
कलम,
कानून,
खत,
फकीर,
रिश्वत,
औरत,
कैदी,
मालिक,
गरीब
आदि।
तुर्की- कैंची, चाकू,
तोप,
बारूद,
लाश,
दारोगा,
बहादुर
आदि।
पुर्तगाली- अचार, आलपीन,
कारतूस,
गमला,
चाबी,
तिजोरी,
तौलिया,
फीता,
साबुन,
तंबाकू,
कॉफी,
कमीज
आदि।
फ्रांसीसी- पुलिस, कार्टून,
इंजीनियर,
कर्फ्यू,
बिगुल
आदि।
चीनी- तूफान, लीची,
चाय,
पटाखा
आदि।
यूनानी- टेलीफोन, टेलीग्राफ,
ऐटम,
डेल्टा
आदि।
जापानी- रिक्शा आदि।
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