30. व्याकरण हिन्दी || 02.01 उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद


2. उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के निम्नलिखित चार भेद हैं-
तत्सम, तद्भव, देशज और विदेशज

1. तत्सम शब्द - जो शब्द संस्कृत भाषा से हिन्दी में बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग कर लिए जाते हैं। वे तत्सम शब्द कहलाते हैं।
जैसे-अग्नि, क्षेत्र, वायु, रात्रि, सूर्य आदि।

2. तद्भव शब्द - जो संस्कृत शब्द अपना रूप बदलने के बाद संस्कृत से हिन्दी में आए हैं। वे शब्द तद्भव शब्द कहलाते हैं।
जैसे-आग (अग्नि), खेत(क्षेत्र), रात (रात्रि), सूरज (सूर्य) आदि।

3. देशज शब्द - जो शब्द क्षेत्रीय प्रभाव, परिस्थिति व आवश्यकतानुसार प्रचलित हो गए हैं । वे देशज शब्द कहलाते हैं।
जैसे-पगड़ी, गाड़ी, थैला, पेट, खटखटाना आदि।

4. विदेशी शब्द या विदेशज शब्द - विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज शब्द कहलाते हैं।
जैसे-स्कूल, अनार, आम, कैंची,अचार, पुलिस, टेलीफोन, रिक्शा आदि।

कुछ विदेशी शब्दों की सूची नीचे दी जा रही है।

अंग्रेजी- कॉलेज, पैंसिल, रेडियो, टेलीविजन, डॉक्टर, लैटरबक्स, पैन, टिकट, मशीन, सिगरेट, साइकिल, बोतल आदि।

फारसी- अनार,चश्मा, जमींदार, दुकान, दरबार, नमक, नमूना, बीमार, बरफ, रूमाल, आदमी, चुगलखोर, गंदगी, चापलूसी आदि।
अरबी- औलाद, अमीर, कत्ल, कलम, कानून, खत, फकीर, रिश्वत, औरत, कैदी, मालिक, गरीब आदि।

तुर्की- कैंची, चाकू, तोप, बारूद, लाश, दारोगा, बहादुर आदि।

पुर्तगाली- अचार, आलपीन, कारतूस, गमला, चाबी, तिजोरी, तौलिया, फीता, साबुन, तंबाकू, कॉफी, कमीज आदि।

फ्रांसीसी- पुलिस, कार्टून, इंजीनियर, कर्फ्यू, बिगुल आदि।

चीनी- तूफान, लीची, चाय, पटाखा आदि।

यूनानी- टेलीफोन, टेलीग्राफ, ऐटम, डेल्टा आदि।

जापानी- रिक्शा आदि।

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