Class 04 || Hindi || Ch. 05 – दोस्त की पोशाक

Class 4 
Hindi 
Ch 5 – दोस्त की पोशाक

Page No 38:

तुम्हारे सवाल

कहानी के बारे में कई पाँच प्रश्न बनाकर नीचे दी जगह में लिखो| कॉपी में उनके उत्तर लिखो|

प्रश्न 1. नस्सिरुद्दीन किससे मिलकर बहुत खुश हुए?

उत्तर- नसीरुद्दीन अपने मित्र जमाल साहब से मिलकर बहुत खुश हुए|

प्रश्न 2. जमाल साहब ने घूमने जाने से क्यों मना कर दिया?

उत्तर- जमाल साहब की पोशाक बहुत ही मामूली सी थी, इसलिए उन्होंने घूमने जाने से मना कर दिया।

प्रश्न 3. नसीरुद्दीन सबसे पहले किस से मिले? 
उत्तर- नसीरुद्दीन सबसे पहले हुसैन साहब से मिले।

प्रश्न 4. नसीरुद्दीन ने हुसैन साहब से क्या कहा?
उत्तर- 
नसीरुद्दीन ने हुसैन साहब से कहा कि जमाल साहब मेरे पुराने दोस्त है और इन्होने जो अचकन पहनी है वह इनकी अपनी ही है।

प्रश्न 5. जमाल साहब ने नसीरुद्दीन को क्या समझाया?

उत्तर- जमाल साहब ने नसीरुद्दीन को समझाया कि पोशाक के बारे में न कहना ही अच्छा है।

प्रश्न 6. नसीरुद्दीन ने अपने पडोसी को जमाल साहब की पोशाक के बारे में क्या बताया?
उत्तर- 
उन्होंने जो अचकन पहन रखी है, वह मेरी है।


तुम्हारी बात

प्रश्न 1:  

नसीरूद्दीन और जमाल साहब बनठन कर घूमने के लिए निकले।

(क) तुम बनठन कर कहाँ-कहाँ जाते हो?

(ख) तुम किस-किस तरह से बनते-ठनते हो?

उत्तर:

(क) हम बनठन कर किसी पार्टी में, विवाह में, रिश्तेदारों के घर या बाज़ार घूमने जाते हैं।

(ख) मैं स्नान कर, नये कपड़े पहनकर, बालों में कंघी कर, पॉलिश किए जूते पहनकर, हाथ में घड़ी बाँधकर तथा परफ्यूम लगा कर बनता-ठनता हूँ।

प्रश्न 1:

(क) तीसरे मकान से बाहर निकलकर जमाल साहब ने नसीरूद्दीन से क्या कहा होगा?

(ख) जमाल साहब अपने मामूली से कपड़ों में घूमने क्यों नहीं जाना चाहते होंगे?

(ग) नसीरूद्दीन अपनी अचकन के बारे में हमेशा क्यों बताते होंगे?

उत्तर:

(क) जमाल साहब ने कहा होगा, “तुमने उसका ज़िक्र क्यों किया ? तुम्हारी बात से उन्हें पता चल गया होगा कि अचकन में ज़रूर कोई न कोई राज़ है।”

(ख) जमाल साहब को लगि होगा कि यदि वे मामूली से कपड़ों में घूमेंगे, तो लोग उन्हें गरीब समझेंगे। इसलिए मामूली कपड़ों में घूम रहा है। यह भी संभव था कि लोग उन्हें नसीरूद्दीन का नौकर ही समझ लें। 

अतः जमाल साहब नसरुद्दीन के साथ अपने मामूली कपड़ों में घूमना नहीं चाहते होंगे।

(ग) नसीरूद्दीन मज़ाकिया इंसान थे। वे अपने दोस्त को यह समझाना चाहते होंगे कि आदमी पोशाक से नहीं, अपने गुणों से पहचाना जाता है।

गपशप

जब जमाल साहब और नसरुद्दीन हुसैन साहब के घर से बाहर निकले तो उन्होंने अपनी बेगम को नसरुद्दीन और जमाल साहब से मुलाकात का किस्सा सुनाया| उन दोनों के बीच में क्या बातचीत हुई होगी?

लिखकर बताओ

बेगम – कौन आया था?

हुसैन साहब – नसरुद्दीन अपने दोस्त के साथ आया था|

बेगम – ……….

उत्तर- 

बेगम – कौन से दोस्त के साथ?


हुसैन साहब –कोई जमाल नाम का उनका पुराना दोस्त था। लेकिन नसीरूद्दीन कह रहा था कि जमाल ने अपनी ही अचकन पहन रखी है।


बेगम – (हँसती हुई) ओह जमाल साहब! तब जरुर, वह अचकन उनकी अपनी नहीं होगी।

हुसैन साहब – हाँ, हाँ! उसने तो नसरुद्दीन की ही अचकन पहन रखी थी। यह वही अचकन है, जो नसीरूद्दीन ने पिछले साल अपनी बहन की शादी में पहनी थी।

बेगम – बेचारे, जमाल साहब बुरे फंसे।


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प्रश्न 1:

जब जमाल साहब और नसीरूद्दीन हुसैन साहब के घर से बाहर निकले तो उन्होंने अपनी बेगम को नसीरूद्दीन और जमाल साहब से मुलाकात का किस्सा सुनाया। उन दोनों के बीच में क्या बातचीत हुई होगी? लिखकर बताओ।

बेगम– कौन आया था?

हुसैन साहब– नसीरूद्दीन अपने दोस्त के साथ आया था।

बेगम– ……… ………… …………… ………… ……… ………..

उत्तर:

बेगम– किस दोस्त के साथ?

हुसैन साहब– जमाल नाम का कोई पुराना दोस्त था। लेकिन नसीरूद्दीन कह रहा था कि जमाल ने अपनी ही अचकन पहन रखी है

बेगम– (हँसती हुई) तब ज़रूर ही वह अचकन उसकी अपनी नहीं होगी

हुसैन साहब– हाँ-हाँ उसने तो नसीरूद्दीन की ही अचकन पहन रखी थी। यह वही अचकन है, जो नसीरूद्दीन ने पिछले साल अपनी बहन की शादी में पहनी थी

प्रश्न 1:

नसीरूद्दीन ने कहा, “चलो दोस्त, मोहल्ले में घूम आएँ।”

जब नसीरूद्दीन अपने दोस्त से मिले, वे उसे अपना मोहल्ला दिखाने ले गए। जब तुम अपने दोस्तों से मिलते हो, तब क्या-क्या करते हो?

उत्तर:

मैं जब अपने दोस्तों से मिलता हूँ तो उनके साथ पार्क जाता हूँ, हम आपस में मिलकर खूब खाते पीते हैं। वहां हम तरह तरह के खेल खेलते हैं।

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करके दिखाओ
नीचे कुछ वाक्य लिखे हैं| तुम्हें इनका अभिनय करना है| तुम चाहो तो कहानी में देख सकते हो कि इन कामों का जिक्र कहाँ आया है|
* बनठन कर घूमने के लिए निकलना|
* घड़ों पानी पड़ना|
* मुँह बनाकर शिकायत करना|
* गर्मजोशी से स्वागत करना|
* नाराज होना|
* देखते ही रह जाना|

उत्तर- घर में इनके अभिनय का अभ्यास करो|

प्रश्न 1:

नसीरूद्दीन की बात सुनकर जमाल साहब पर तो मानो घड़ों पानी पड़ गया।

(क) घड़ों पानी पड़ना एक मुहावरा है। इसका क्या मतलब हो सकता है? पता लगाओ। तुम इसका मतलब पता करने के लिए अपने साथियों या बड़ों से बातचीत कर सकते हो या शब्दकोश देख सकते हो।

(ख) इस मुहावरे को सुनकर मन में एक चित्र सा बनता है। तुम भी किन्हीं दो मुहावरों के बारे में चित्र बनाओ। कुछ मुहावरे हम दे देते हैं। तुम चाहो तो इनमें से कोई पसंद कर सकते हो–

• सिर मुंडाते ही ओले पड़ना

• ऊँट के मुँह में जीरा

• दीया तले अँधेरा

• ईद का चाँद

उत्तर:

(क) घड़ों पानी पड़ना- 

बहुत लज्जित होना। या बहुत लज्जित महसूस करना।

(ख) ईद का चाँद


(ग) दीया तले अँधेरा


(घ) ऊँट के मुँह में जीरा



प्रश्न 1:

नसीरूद्दीन एक भड़कीली अचकन निकालकर लाए।

भड़कीली शब्द बता रहा है कि अचकन कैसी थी। कहानी में से ऐसे ही और शब्द छाँटो जो किसी के बारे में कुछ बताते हों। उन्हें छाँटकर नीचे दी गई जगह में लिखो।

देखें, कौन सबसे ज़्यादा ऐसे शब्द ढूँढ पाता है।

पुराना दोस्त

………………………

………………………

………………………

………………………

………………………

………………………

………………………

………………………

भड़कीली, पुराना जैसे शब्द किसी के बारे में कुछ खास या विशेष बात बता रहे हैं। इसलिए इन्हें विशेषण कहते हैं।

उत्तर:

पुराना दोस्त,  मामूली सी पोशाक, खास दोस्त, कई सालों, अन्य पड़ोसी, यह अचकन, कैसी अकल, कैसे पड़ोसी

अपनी अचकन

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प्रश्न 1:

पड़ोस के घर मे में जाकर नसीरूद्दीन पड़ोसी से मिले।

तुम अपने पड़ोसी बच्चों के साथ बहुत-से खेल खेलते हो। पर क्या तुम उनके परिवार के बारे में जानते हो?

चलो, दोस्तों के बारे में और जानकारी इकट्ठी करते हैं। यदि तुम चाहो तो उनसे ये बातें पूछ सकते हो-

घर में कुल कितने लोग हैं?

उनके नाम क्या हैं?

उनकी आयु क्या है?

वे क्या काम करते हैं?

इस सूची में तुम अपने मन से बहुत-से सवाल जोड़ सकते हो।

उत्तर:

अपने पड़ोसियों, मित्रों, घर वालों से पूछकर स्वयं जानकारी इकट्ठी करो।

प्रश्न 1:

इन शब्दों को बोलकर देखो। ये मिलती-जुलती आवाज़ वाले शब्द हैं। ज़रा से अंतर से भी शब्द का अर्थ बदल जाता है।

नीचे इसी तरह के कुछ शब्दों के जोड़े दिए गए हैं। इन सबके अर्थ अलग-अलग हैं। इन शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करो।


घड़ा  गढ़ा

घूम  झूम

राज  राज़

फ़न  फन

सजा  सज़ा

खोल  खौल

उत्तर:

घड़ा– कुम्हार घड़ा बनाता है।

गढ़ा– सुनार ने हार गढ़ा

घूम– बच्चे पार्क में घूम रहे हैं।

झूम– फूल हवा में झूम रहे हैं।

राज– भारत में अंग्रेेेेज राज रहा है।

राज़– घर के राज़ नहीं बताने चाहिए।

फ़न– जोकर अपने फ़न में महिर होता है।

फन– गुस्से में साँप अपना फन उठाया।

सजा– दीपावली में सारा शहर सजा है।

सज़ा– चोर को चोरी करने पर सज़ा मिली।

खोल– दुकानदार ने दुकान खोल दी।

खौल– गुस्से में मेरा खून खौल उठा। 


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