कक्षा 4
हिंदी
पाठ 1 – मन के भोले भाले बादल
Page No 3:
Q. 1:
कभी-कभी ज़िद्दी बन करके
बाढ़ नदी-नालों में लाते
प्रश्न (क) बादल नदी-नालों में बाढ़ कैसे लाते होंगे?
उत्तर (क)
अधिक बारिश करने के कारण नदी-नालों में पानी अधिक भर कर वे नदी-नालों में बाढ़ लाते होंगे।
बादलों के बार-बार गरजने से तेज आवाज़ होती है। जिससे ऐसा लगता है मानों वे ढोल बज रहा है।
कुछ तो लगते हैं तूफ़ानी
कुछ रह-रह करते शैतानी
प्रश्न (ग) बादल कैसी शैतानियाँ करते होंगे?
उत्तर (ग)
1.बादल कभी शान्त दिखाई देते हैं तो कभी अचानक गरज कर डराते हैं।
2.कभी कभी धीरे बरसते हैं तो कभी तेज़ बारिश से अचानक भिगो जाते हैं।
3.कभी रिमझिम बारिश करते हैं। तो कभी तेज़ बारिश से नदी-नालों में बाढ़ ला देते हैं। बादल इस प्रकार शैतानियाँ करते रहते हैं।
प्रश्न 1: –
कैसा कौन
सूरज-सी चमकीली थाली चंदा-सा। …………… …………
हाथी-सा …………… …………
जोकर-सा …………… …………
परियों-सा …………… …………
गुब्बारे-सा …………… …………
ढोलक-सा …………… …………
उत्तर : –
कैसा कौन
सूरज-सी चमकीली थाली
चंदा-सा गोरा मुखड़ा
हाथी-सा भारी-भरकम आदमी
जोकर-सा हँसमुख स्वभाव
परियों-सा सुंदर पंख
गुब्बारे-सा फूला पेट
ढोलक-सा बजता डिब्बा
Page No 4:
प्रश्न (क) तूफान क्या होते हैं ? बादलों को तूफानी क्यों कहा गया है?
उत्तर –आंधी की तरह उससे तेज चलने वाली तेज हवाओं को तूफान कहते हैं।
जब तेज़ हवाएँ चलती है, आकाश में बादल के मध्य बिजली कड़कती है। इससे ही तूफ़ान सा पैदा होता है । शायद इसलिए बादलों को तूफ़ानी कहा गया है।
प्रश्न (ख) साल के किन किन महीनों में ज्यादा बदल जाते हैं ?
उत्तर– जुलाई और अगस्त के महीने में ज़्यादा बादल छाते हैं।
(ग) कविता में ‘काले’ बादलों की बात की गई है। क्या बादल सचमुच काले होते हैं?
उत्तर (ग)
पानी की भाप से बनी नन्हीं बूंदों से बादल बनते हैं। बादल सचमुच काले नहीं होते, वे काले रंंग के साथ साथ, सफ़ेद और गहरे स्लेटी रंग के हो सकते हैं।
(घ) कक्षा में बातचीत करो और बताओ की बादल किन-किन रंगों के होते हैं।
उत्तर (घ)
बादल काले, गहरे स्लेटी और सफेद रंगों के होते हैं। सुबह और शाम को सूर्य की किरणों के कारण कभी-कभी वे लाल और केसरिया रंग के भी दिखाई देते हैं।
प्रश्न 1:
(क) तरह-तरह के बादलों के चित्र बनाओ।
काले-काले डरावने |
गुब्बारे-से गालों वाले |
हल्के-फुल्के सुहाने |
उत्तर :
(क) छात्र इसे स्वयं करें। इस प्रकार से चित्र बनाएँ-
काले-काले डरावने |
|
गुब्बारे-से गालों वाले |
|
हल्के-फुल्के सुहाने |
|
(ख) कविता में बादलों को ‘भोला’ कहा गया है। इसके अलावा बादलों के लिए और कौन-कौन से शब्दों का इस्तेमाल किया गया है? नीचे लिखे अधूरे शब्दों को पूरा करो।
म ……………… ज़ि ………………….
शै …………….. तू ………………….
उत्तर–
मतवाले ज़िद्दी
शैतानी तूफ़ानी
Page No 5:
प्रश्न 1:
कुछ अपने थैलों से चुपके
झर-झर-झर बरसाते पानी
पानी के बरसने की आवाज़ है झर-झर-झर!
पानी बरसने की कुछ और आवाज़ें लिखो।
………………………….. | ………………………….. |
………………………….. | ………………………….. |
………………………….. | ………………………….. |
उत्तर :
टप-टप-टप | टिप-टिप-टिप |
रिम-झिम | छम-छम-छम |
छप-छप-छप | चट-चट-चट |
प्रश्न 1:
बादलों की तरह पेड़ भी अलग-अलग आकार के होते हैं। कोई बरगद-सा फैला हुआ और कोई नारियल के पेड़ जैसा ऊँचा और सीधा।
अपने आसपास अलग-अलग तरह के पेड़ देखो। तुम्हें उनमें कौन-कौन से आकार दिखाई देते हैं? सब मिलकर पेड़ों पर एक कविता भी तैयार करो।
उत्तर :
छात्र ऐसे स्वयं कर सकते हैं-
जैसे –
लम्बा पेड़, छोटा पेड़
पतला पेड़, मोटा पेड़
खाना पकाने को लकड़ी देता,
हमें प्यारा पेड़।
ऊँचा पेड़, नीचा पेड़
सूखा पेड़, हरा पेड़
गर्मी में छाया देता, अच्छा पेड़, प्यारा पेड़।
प्यारा पेड़, न्यारा पेड़
सबका पेड़, हमारा पेड़
अच्छे-अच्छे फल देता।
हम सबका है, साथी है पेड़।
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