पाठ- 11. पढ़क्कू की सूझ
कविता में कहानी
प्रश्न- ‘पढ़क्कू की सूझ’ कविता में एक कहानी कही गई है। इस कहानी को तुम अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर- इस प्रश्न के उत्तर के लिए ‘कविता-परिचय’ देखिए।
कवि की कविताएँ
प्रश्न- तीसरी कक्षा में तुमने रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘मिर्च का मजा’ पढ़ी थी। अब तुमने उन्ही की कविता ‘पढ़क्कू की समझ’ पढ़ी।
(क) दोनों में से कौन-सी कवित पढ़कर तुम्हें ज्यादा मजा आया?
(चाहो तो तीसरी की किताब फिर से देख सकते हो।)
उत्तर- मुझे ‘काबुली वाला की सूझ’ कविता पढ़कर ज्यादा मजा आया।
(ख) तुम्हे काबुली वाला ज्यादा अच्छा लगा या पढ़क्कू? या कोई भी अच्छा नहीं लगा।
उत्तर- मुझे काबुली वाला ज्यादा अच्छा लगा।
(ग) अपने साथियों के साथ मिलकर एक-एक कविता ढूढों। कविताएँ इकट्ठा करके कविता की एक कविता बनाओ।
उत्तर- सभी विद्यार्थी एक-एक कविता ढूँढो और सारी कविताओं को इकट्ठा करके कविता की एक किताब बनाएँ।
मेहनत के मुहावरे
प्रश्न- कोल्हू का बैल ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जो कड़ी मेहनत करता है या जिससे कड़ी मेहनत करवाई जाती हैं।
मेहनत और कोशिश से जुड़े कुछ और मुहावरे नीचे लिखें हैं। उनका वाक्यों में इस्तेमाल करो।
* दिन-रात एक करना
* पसीना बहाना
* एड़ी-छोटी का ज़ोर लगाना
उत्तर- *दिन-रात एक करना – नीतू ने डॉक्टर की परीक्षा पास करने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
*पसीना बहाना – पैसे कमाने के लिए पसीना बहाना पड़ता है।
*एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना – मैच जितने के लिए भारतीय टीम ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया।
पढ़क्कू
प्रश्न- (क) पढ़क्कू का नाम पढ़क्कू क्यों पड़ा होगा?
उत्तर- क्योंकि वह दिन-रात पढता रहता होगा, इसलिए उसका नाम पढ़क्कू पड़ा होगा।
(ख) तुम कौन-सा काम खूब मन से करना चाहते हो? उसके अधर पर अपने लिए भी पढ़क्कू जैसा कोई शब्द सोचो।
उत्तर- मैं चित्र बनाने का काम खूब मन से करना चाहता हूँ। इसके लिए मैं ‘चित्रकार’ कहलाना पसंद करूँगा।
अपना तरीका
प्रश्न- हाँ, जब बाजती नहीं, दौड़कर तनिक पूँछ धरता हूँ?
पूँछ धरता हूँ का मतलब है पूँछ पकड़ लेता हूँ।
नीचे लिखे वाक्यों को अपने शब्दों में लिखो।
(क) मगर बूँद भर तेल सांझ तक भी क्या तुम पाओगे?
उत्तर- मगर शाम तक भी बूँद भर तेल तुम नहीं पा सकोगे।
(ख) बैल हमारा नहीं अभी तक मंतिख पढ़ पाया है।
उत्तर- हमारे बैल ने अभी तक तर्कशास्त्र नहीं पढ़ा।
प्रश्न- सिखा बैल को रखा इसने निश्चय कोई ढब है।
उत्तर- इसने बैल को जरुर कोई तरीका सिखा रखा है।
(घ) जहाँ न कोई बात, वहाँ भी नै बात गढ़ते थे।
उत्तर- जहाँ कोई बात नहीं होती थी, वहाँ भी नै बात बनाने लगते थे।
गढ़ना
प्रश्न- पढ़क्कू नै-नै बातें गढ़ते थे।
बताओ, ये लोग क्या गढ़ते हैं?
उत्तर- सुनार – गहना
लुहार – लोहे की चीज़े
ठठेरा – बर्तन
कवि – कविता
कुम्हार – मिट्टी के बर्तन
लेखक – कहानी
अर्थ खोजो
प्रश्न- नीचे दिए गए शब्दों के अर्थ अक्षर्जाल में खोजो-
उत्तर-
ढब – तरीका
भेद – राज़
गज़ब – कमाल
मांतिख – तर्कशास्त्र
छल – धोखा
Post a Comment
Post a Comment