Hindi Vyakaran Test
01. निम्न को अच्छे से याद करो
★ विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए 'भाषा' का सहारा लिया जाता है।
★ भाषा के दो प्रकार हैं-मौखिक एवं लिखित।
★ हिंदी हमारी राजभाषा (Official Language) है।
★ भाषा को लिखने का ढंग 'लिपि' (Script) कहलाता है।
★ किसी सीमित या छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली स्थानीय भाषा के रूप को 'बोली' कहा जाता है।
★ 'व्याकरण' वह शास्त्र है जो हमें किसी भाषा के बोलने, लिखने व पढ़ने के नियम सिखाता है।
★ भाषा की सबसे छोटी इकाई को 'वर्ण' कहते हैं।
★ वर्णों के व्यवस्थित समूह को 'वर्णमाला' कहते हैं।
★ स्वर के तीन भेद होते हैं-ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर व प्लुत स्वर।
★ स्वर के बदले हुए रूप को 'मात्रा' कहते हैं। ॐ एक जैसे दो व्यंजनों को 'द्वित्व व्यंजन' कहते हैं।
★ दो भिन्न व्यंजनों के मेल से बने अक्षर 'संयुक्ताक्षर' कहलाते हैं।
★ किसी शब्द के प्रत्येक वर्ण को अलग-अलग करके लिखना 'वर्ण-विच्छेद' कहलाता है।
★ वर्णों के सार्थक मेल से शब्दों की रचना होती है।
★ शब्दों का वर्गीकरण-रचना, उत्पत्ति व प्रयोग के आधार पर किया जाता है।
★ सार्थक शब्दों के योग से 'वाक्य' बनते हैं।
★ वाक्य में जिसके विषय में कुछ कहा जाता है, उसे 'उद्देश्य' कहते हैं।
★ उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है, उसे 'विधेय' कहते हैं।
★ उद्देश्य को 'कर्ता' भी कहा जाता है।
★ वाक्यों का वर्गीकरण दो प्रकार से किया जाता है-1. रचना के आधार पर, 2. अर्थ के आधार पर
★ रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं-1. सरल वाक्य, 2. संयुक्त वाक्य 3.
★ अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ प्रकार हैं-1. विधानवाचक वाक्य. 2. निषेधवाचक वाक्य 3. वाक्य, 4. आज्ञावाचक वाक्य, 5. इच्छावाचक वाक्य, 6. संदेहवाचक वाक्य, 7.
8. विस्मयादिवाचक वाक्य |
★ किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव का बोध कराने वाले शब्द 'संज्ञा' कहलाते हैं।
★ संज्ञा के तीन भेद हैं- 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा, 2. जातिवाचक संज्ञा, 3. भाववाचक संज्ञा ।
★ किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम को 'व्यक्तिवाचक संज्ञा' कहते हैं।
★ किसी जाति या वर्ग का बोध कराने वाले संज्ञा शब्दों को 'जातिवाचक संज्ञा' कहते हैं।
★ विभिन्न सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा की रचना की जा सकती है।
★ भाववाचक संज्ञा केवल भाव प्रदर्शित करती है, जिसे केवल महसूस किया जा सकता है।
★ स्त्री या पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्दों को 'लिंग' कहते हैं।
लिंग दो प्रकार के होते हैं- पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।
★ पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्दों को 'पुल्लिंग' कहते हैं।
★ स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्दों को 'स्त्रीलिंग' कहते हैं।
★ दिनों, महीनों, पर्वतों, देशों, ग्रहों, पेड़ों तथा धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं। तिथियों, भोजन, नदियों, खेलों तथा भाषाओं के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
★ मक्खी, तितली, मछली, कोमल आदि सदैव स्त्रीलिंग शब्द हैं।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) वर्ण किसे कहते हैं?
(2) स्वर के कितने भेद हैं? नाम बताइए।
(3) अयोगवाह किसे कहते हैं?
(4) मात्रा किसे कहते हैं?
(5) स्पर्श व्यंजन से आप क्या समझते हैं? ये संख्या में कितने हैं?
(6) भाषा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
(7) भाषा के कितने भेद हैं? नाम बताइए।
(8) मातृभाषा किसे कहते हैं?
(9) 'बोली' से आप क्या समझते हैं?
(10) 'शब्द' किसे कहते हैं?
(11) शब्दों का वर्गीकरण किस आधार पर किया जाता है?
(12) रचना के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?
(13) विकारी तथा अविकारी शब्द किन्हें कहते हैं?
(14) वाक्य किसे कहते हैं? एक उदाहरण दीजिए।
(15) अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद हैं?
(16) रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद हैं?
(17) पुल्लिंग किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
(18) निर्जीव वस्तुओं के लिंग की पहचान आप कैसे करेंगे?
(19) सदैव पुल्लिंग में प्रयोग होने वाले कोई चार शब्द बताइए ।
(20) सदैव स्त्रीलिंग में प्रयोग होने वाले कोई चार शब्द बताइए।
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