NCERT पाठ अंतर्गत प्रश्नों के उत्तर



प्रश्न: 1. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो
(i) कमरे के ताप पर द्रव होती है।
उत्तर: मरकरी (Hg)

(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
उत्तर: सोडियम (Na)

(iii) उष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
उत्तर: सिल्वर (चाँदी)

प्रश्न - चांदी विद्युत की सबसे अधिक चालाक होती है, परंतु उसके तार नहीं बनाई जाती है ऐसा क्यों? तांबे और एलमुनियम के तारे बनाई जाती हैं?
उत्तर - सभी धातुओं में चांदी (सिल्वर) सबसे अच्छा चालक है, परंतु चांदी (सिल्वर) के अधिक मँहगा होने के कारण इसका उपयोग बिजली के तार बनाने में नहीं किया जाता है। 
ताँबा, एलुमिनियम भी धातु है, तथा उष्मा तथा विद्युत का चालक है। यह चांदी से बहुत सस्ता है। यही कारण बिजली के तार तथा बर्तन बनाने में ताँबा तथा ऐलुमिनियम का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न - तांबे और एलमुनियम के तारे बनाई जाती हैं?
उत्तर - ताँबा, एलुमिनियम भी धातु है, तथा उष्मा की चालक है। यह चांदी से बहुत सस्ता है। यही कारण  है कि बर्तन बनाने में ताँबा तथा ऐलुमिनियम का उपयोग किया जाता है।


(iv) उष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर: लेड (Lead) । वैसे तो सभी धातु उष्मा का चालन करती है, परंतु लेड एक ऐसा धातु है जो उष्मा का कुचालक होता है।

प्रश्न संख्या: 2. अघातवर्घ्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर:
अघातवर्ध्य : धातुओं को पीटकर पतले चादर में बदला जा सकता है। धातु के इस गुण को अघातवर्धनीयता (Malleability) कहा जाता है, तथा इन धातुओं को अघातवर्ध्य कहा जाता है।
इसी कारण से लोहे, ऐलुमिनियम, ताँबा आदि का उपयोग बर्तन बनाने व पतले चादर के रूप में ढालने में किया जाता है।

तन्य: धातुओं को खींचकर पतले तार में बदला जा सकता है। धातुओं के इस गुण को तन्यता या लचीलापन (Ductility) कहा जाता है और धातुओं को तन्य कहा जाता है।
इसी कारण ऐलुमिनियम तथा ताँबा का उपयोग बिजली के तार बनाने में किया जाता है।

प्रश्न संख्या: 3. सोडियम को किरोसीन में डुबो कर क्यों रखा जाता है?
उत्तर: सोडियम एक अत्यंत ही अभिक्रियाशील धातु है। यह जल के साथ बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करता है। सोडियम वायु में वर्तमान जलवाष्प के कणों से भी प्रतिक्रिया करता है।
अत: सोडियम को वायु में वर्तमान जल के कणों से प्रतिक्रिया को रोकने तथा जल के साथ प्रतिक्रिया की किसी अप्रत्याशित दुर्घटना से बचने के लिए सोडियम को केरोसीन में डुबो कर रखा जाता है। सोडियम केरोसीन से प्रतिक्रिया नहीं करता है।
प्रश्न संख्या: 4. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए:
(i) भाप के साथ आयरन
उत्तर:
 
(ii) जल के साथ कैल्शियम तथा पोटैशियम
उत्तर:
कैल्शियम का जल के साथ प्रतिक्रिया
   
पोटैशियम का जल के साथ प्रतिक्रिया
   
प्रश्न संख्या: 5. A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है:
धातु आयरन (II) सल्फेट कॉपर (II) सल्फेट जिंक सल्फेट सिल्वर नाइट्रेट
A कोई अभिक्रिया नहीं विस्थापन 
B विस्थापन कोई अभिक्रिया नहीं 
C कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं विस्थापन
D कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं
इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के संबंध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) सबसे अधिक क्रियाशील धातु कौन सी है?
उत्तर: B सबसे अधिक क्रियाशील धातु है।
(ii) धातु B को कॉपर(II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
उत्तर: चूँकि B सबसे अधिक क्रियाशील धातु है, अत: जब B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जायेगा तो B कॉपर को विस्थापित कर देगा।
(iii) धातु A, B, C तथा D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर: B > A > C > D
प्रश्न संख्या: 6. अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन सी गैस निकलती है? आयरन के साथ तनु H2SO4H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर: जब अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है, तो हाइड्रोजन गैस निकलती है।
उदारण: जब जिंक को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है, तो हाइड्रोजन गैस निकलती है, तथा जिंक सल्फेट (ZnSO4) बनता है।
   
आयरन के साथ तनु H2SO4H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया
जब आयरन को तनु सल्फ्युरिक अम्ल (H2SO4H2SO4) के साथ अभिक्रिया कराया जाता है, तो हाइड्रोजन गैस निकलती है, तथा आयरन सल्फेट बनता है।
   
प्रश्न संख्या: 7. जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर: जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने पर जिंक धातु आयरन को विस्थापित कर देता है, तथा जिंक सल्फेट (ZNSO4ZNSO4) बनाता है।
 
ऐसा जिंक धातु के आयरन से अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण होता है। इस तरह की अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction) कहते हैं।
प्रश्न संख्या: 8. (i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना लिखिए।
उत्तर: (i)
सोडियम [ Sodium (11)] की बिन्दु संरचना
 
ऑक्सीजन [Oxygen (8)] की बिन्दु संरचना
 
मैग्नीशियम [Magnesium (12)] की बिन्दु संरचना
 
(ii) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na2ONa2O एवं MgOMgO का निर्माण दर्शाइए।
(अ) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na2 का निर्माण
 
(ब) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा MgO का निर्माण
 
(iii) इन यौगिकों में कौन से आयन उपस्थित हैं?
सोडियम ऑक्साइड (Na2O) में सोडियम आयन तथा ऑक्साइड आयन उपस्थित होते हैं।
मैग्निशियम ऑक्साइड [Magnesium oxide(MgO)] में मैग्निशियम आयन तथा ऑक्साइड आयन उपस्थित होते हैं।
प्रश्न संख्या: 9. आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर: आयनिक यौगिकों का निर्माण आयनिक बंध के बनने के कारण होता है, अर्थात आयनिक यौगिकों के परमाणु आयनिक बंध के कारण जुड़े होते हैं। आयनिक बंध का वैद्युत आकर्षण बल काफी अधिक होता है, जिससे वे परमाणुओं को आपस में जोड़े रहते हैं तथा आयनिक बंध काफी मजबूत होते हैं।
आयनिक बंध के काफी मजबूत होने के कारण इसके वैद्युत आकर्षण बल को तोड़ने में काफी उर्जा की आवश्यकता होती है।
यही कारण है कि आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च होता है।
प्रश्न संख्या: 10. निम्न पदों की परिभाषा दीजिए:
(i) खनिज
उत्तर: तत्व (element) या यौगिक (compound) जो पृथ्वी की भूपर्पटी (earth's crust) में पाये जाते हैं को खनिज (Minerals) कहते हैं।
(ii) अयस्क
उत्तर: खनिज (Minerals) जिनमें किसी विशेष धातु या तत्व की मात्रा ज्यादा होती है तथा उन धातुओं या तत्वों को लाभकारी रूप से निकाला जा सकता है, अयस्क (Ores) कहते हैं।
(iii) गैंग
उत्तर: पृथ्वी की भूपर्पटी (earth's crust) से प्राप्त अयस्क (ores) में पाई जाने वाली अशुद्धियाँ यथा मिट्टी, बालू आदि, गैंग (Gangue) कहलाती है।
धातु के अयस्क (ores) से निष्कर्षण (Extraction) के पूर्व इन अशुद्धियों [गैंग (Gangue)] को हटाया जाता है।
प्रश्न संख्या: 11. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर: सोना तथा चाँदी। सोना तथा चाँदी के काफी कम अभिक्रियाशील होने के कारण ये धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
प्रश्न संख्या: 12. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए अवकरण् या उपचयन (Reduction) नामक रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है।
भर्जन (Roasting) या निस्तापन (Calcination) के बाद प्राप्त धातु के ऑक्साईड उपयुक्त उपाचय के साथ मिलाकर गर्म किया जाता है, जिससे धातु के ऑक्साईड संबंधित धातु में अवकरित हो जाता है। इस प्रक्रिया को अवकरण् या उपचयन कहा जाता है।
उदारण:
जिंक ऑक्साईड (Zinc oxide) से जिंक धातु प्राप्त करने के लिय अवकरण (Reduction)
भर्जन (Roasting) या निस्तापन (Calcination) के बाद प्राप्त जिंक ऑक्साईड [Zinc oxide(ZnO)] से अवकरण (Reduction) की विधि द्वारा जिंक (Zinc) धातु प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया में जिंक ऑक्साईड [Zinc oxide(ZnO)] को एक उपाचय (Reducing agent), यथा कार्बन (carbon) के साथ गर्म किया जाता है , जिससे जिंक ऑक्साईड [Zinc oxide(ZnO)] जिंक धातु (Zinc metal) में अवकरित (Reduced) हो जाता है।
   
प्रश्न संख्या: 13. जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया:
धातु जिंक मैग्नीशियम कॉपर
जिंक ऑक्साइड 
मैग्नीशियम ऑक्साइड 
कॉपर ऑक्साइड 
किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी?
उत्तर:
धातु जिंक मैग्नीशियम कॉपर
जिंक ऑक्साइड कोई प्रतिक्रिया नहीं विस्थापन कोई प्रतिक्रिया नहीं
मैग्नीशियम ऑक्साइड कोई प्रतिक्रिया नहीं कोई प्रतिक्रिया नहीं कोई प्रतिक्रिया नहीं
कॉपर ऑक्साइड विस्थापन विस्थापन कोई प्रतिक्रिया नहीं
ब्याख्या:
(i) जब जिंक ऑक्साइड को मैग्निशियम के साथ गर्म किया जाता है, तो मैग्निशियम ज़िंक को विस्थापित कर देता है, तथा मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है।
  
ऐसा मैग्नीशियम के जिंक से ज्यादा अभिक्रियाशील होने के कारण होता है।
(ii) जब जिंक ऑक्साइड को जिंक या कॉपर के साथ गर्म करने पर कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(iii) जब कॉपर ऑक्साइड को जिंक के साथ गर्म किया जाता है, तो जिंक के ज्यादा अभिक्रियाशील होने के कारण यह कॉपर को विस्थापित कर देता है तथा जिंक ऑक्साइड बनाता है।
 
(iv) जब कॉपर ऑक्साइड को मैग्नीशियम के साथ गर्म किया जाता है, तो मैग्नीशियम कॉपर को विस्थापित कर देता है, तथा मैग्नीशियम ऑक्साइड बनता है। ऐसा मैग्नीशियम के कॉपर से ज्यादा अभिक्रियाशील होने के कारण होता है।
  
प्रश्न संख्या: 14. कौन सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर: कॉपर, सिल्वर, तथा सोना आसानी से संक्षारित नहीं होती है, क्योंकि ये धातुएँ बहुत ही कम अभिक्रियाशील होते हैं।
प्रश्न संख्या: 15. मिश्रातु क्या होते हैं?
उतर: दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रातु कहते हैं। इसे तैयार करने के लिए पहले मूल धातु को गलित अवस्था में लाया जाता है एवं तत्पश्चात दूसरे तत्वों को एक निश्चित अनुपात में इसमें विलीन किया जाता है। फिर इसे कमरे के ताप पर शीतलीकृत किया जाता है।
उदारण: स्टेनलेश स्टील एक मिश्रातु है, जिसे लोहा, क्रोमियम तथा निकेल धातुओं को मिलाने से बनाया जाता है।
ब्रांज एक मिश्रातु है, जिसे कॉपर तथ टिन को मिलाने से बनाया जाता है।
ब्रास एक मिश्रातु है, जिसे कॉपर तथा जिंक को मिलाकर बनाया जाता है।
NCERT अभ्यास प्रश्नों के हल
प्रश्न संख्या: 1. निम्न में से कौन सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है:
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
उत्तर: (d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
ब्याख्या: चूँकि कॉपर धातु सिल्वर से ज्यादा अभिक्रियाशील है, अत: कॉपर, AgNO3 विलयन से सिल्वर (Ag) को विस्थापित कर कॉपर नाइट्रेट बनाता है। अत: यह एक विस्थापन अभिक्रिया है।
प्रश्न संख्या: 2. लोहे के फ्राइंग पैन (frying pan) क़ो जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन सी विधि उपयुक्त है:
(a) ग्रीज लगाकर      (b) पेंट लगाकर      (c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ऊपर के सभी
उत्तर: (c) जिंक की परत चढ़ाकर
ब्याख्या: ग्रीज या पेंट का उपयोग खाना बनाने वाले बर्तनों में नहीं किया जा सकता है, अत: लोहे के फ्राइंग पैन को जिंक की परत चढ़ाकर जंग लगने से बचाया जा सकता है।
प्रश्न संख्या: 3. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है?
(a) कैल्सियम      (b) कार्बन      (c) सिलिकन      (d) लोहा
उत्तर: (a) कैल्सियम
ब्याख्या: कैल्सियम ऑक्साइड जल में घुलनशील है तथा इसका गलनांक उच्च है।
जबकि सिलिकन तथा लोहे का ऑक्साइड जल में अघुलनशील है। कार्बन का ऑक्साइड अर्थात कार्बन डाइऑक्साइड जल में घुलनशील है, परंतु यह एक गैस है।
अत: विकल्प (a) कैल्सियम सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 4. खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा जिंक मँहगा है
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है
उत्तर: (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
प्रश्न संख्या: 5. आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिता का आकलन कीजिए।
उत्तर: धातु विद्युत का सुचालक होता है, तथा अघातवर्धनीय होता है, अर्थात इसे पीट कर पतले चादर में बदला जा सकता है।
(a) सर्वप्रथम बैटरी, बल्ब, तार तथा स्विच की मदद से दिये गये नमूनों के चालकता की जाँच किया जाता है। वे पदार्थ जो विद्युत का चालन करते हैं, वे धातु हैं तथा जो चालक नहीं हैं, अधातु हैं।
चूँक़ि ग्रेफाइट एक ऐसा अधातु है, जो विद्युत का चालक होता है।
अत: अलग किये गये उन पदार्थों का जो विद्युत का चालक है, को हथौड़े से पीट कर उसकी अघातवर्धनीयता की जाँच करेंगे, जो पदार्थ पीटने से टुकड़ों में नहीं टूटता है, वे धातु हैं, तथा जो टुकड़ों में टूट जायेगा वे अधातु हैं।
(b) चूँकि ग्रेफाइट, जो एक अधातु है, विद्युत का चालक है, परंतु अघातवर्ध्य नहीं है। अत: धातु तथा अधातु में विभेद करने के लिये दिये गये नमूनों की चालकता तथा अघातवर्ध्यनीयता दोनों की जाँच आवश्यक है। अत: दोनों ही परीक्षण आवश्यक हैं।
प्रश्न संख्या: 6. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: वैसे ऑक्साइड जो अम्ल के साथ क्षारक की तरह तथा क्षारक के साथ अम्ल की तरह व्यवहार करते हैं, उभयधर्मी ऑक्साइड (Amphoteric Oxide) कहलाते हैं।
उदारहण: ऐलुमिनियम ऑक्साइड तथा जिंक ऑक्साइड
ऐलुमिनियम ऑक्साइड का हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया जब ऐलुमिनियम ऑक्साइड हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो ऐलुमिनियम क्लोराड तथा जल बनाता है। इस अभिक्रिया में ऐलुमिनियम ऑक्साइड क्षारक की तरह व्यवहार करता है।
   
ऐलुमिनियम ऑक्साइड का सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ अभिक्रिया जब ऐलुमिनियम ऑक्साइड सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है, तो यह अम्ल की तरह व्यवहार करता है, तथा सोडियम ऐलुमिनेट तथा जल बनाता है।
   
जिंक ऑक्साइड का हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया
जब जिंक ऑक्साइड हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो जिंक क्लोराइड तथा जल बनाता है। इस अभिक्रिया में जिंक ऑक्साइड क्षार की तरह व्यवहार करता है।
   
जिंक ऑक्साइड का सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ अभिक्रिया
जिंक ऑक्साइड सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ अभिक्रिया कर सोडियम जिंकेट तथा जल बनाता है। इस अभिक्रिया में जिंक ऑक्साइड अम्ल की तरह व्यवहार करता है।
   
प्रश्न संख्या: 7. दो धातुओं का नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
उत्तर: जिंक तथा मैग्नीशियम तनु अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन विस्थापित करते हैं। परंतु कॉपर तथा सिल्वर तनु अम्ल के साथ प्रतिक्रिया नहीं करते तदनुसार हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करते हैं।
जिंक का तनु सल्फ्युरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया
जिंक तनु सल्फ्युरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस विस्थापित करता है तथा जिंक सल्फेट बनाता है।
   
मैग्नीशियम का तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया
मैग्नीशियम तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस विस्थापित करता है तथा मैग्नीशियम क्लोराइड बनाता है।
  
प्रश्न संख्या: 8. किसी धातु M के विद्युती अपघटनी परिष्करण में आप एनोड, कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर: किसी धातु M विद्युती अपघटनी परिष्करण (Electrolytic refining) में
(a) अशुद्ध धातु M की एक मोटी पट्टी को एनोड बनाया जाता है।
(b) शुद्ध धातु M की एक पतली पट्टी को कैथोड बनाया जाता है।
(c) धातु M का एक लवण जो जल में घुलनशील हो को विद्युत पघट्य (Electrolyte) के रूप में लिया जाता है।
प्रश्न संख्या: 9. प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उलटा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया
(a) गैस की क्रिया क्या होगी      (i) सूखे लिटमस पत्र पर?
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर?
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
 
उत्तर:
(a) गैस की क्रिया
(i) सूखे लिटमस पत्र पर: गैस की सूखे लिटमस पत्र पर कोई क्रिया नहीं होगी। क्योंकि जल के अनुपस्थिति में अम्ल या क्षार सूखे लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलता है।
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर: चूँकि इस अभिक्रिया में निकलने वाला गैस सल्फर डाइऑक्साइड है, चूँकि सल्फर डाइऑक्साइड एक अधातु का ऑक्साइड है, तथा अधातु के ऑक्साइड अम्लीय गुण वाले होते हैं, अत: यह आर्द्र ब्लू लिटमस पत्र को लाल रंग में बदल देगा।
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया
जब सल्फर को हवा में गर्म किया जाता है या जलाया जाता है, तो यह सल्फर डाइऑक्साइड गैस देता है।
 
प्रश्न संख्या: 10. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर: (a) लोहे से बने वस्तु पर पेंट चढ़ाकर (b) लोहे से बने वस्तु पर ग्रीज लगाकर
ब्याख्या:
लोहा ऑक्सीजन तथा जल के साथ प्रतिक्रिया कर आयरन ऑक्साइड बनाता है, जिसे जंग कहा जाता है। लोहा वायुमंडल में उपस्थित जल के कणों तथा ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है, जिसके कारण लोहे में जंग लग जाता है। अत: लोहे को जल तथा ऑक्सीजन दोनों में से किसी एक के संपर्क में आने से रोक देने पर जंग से बचाया जा सकता है।
लोहे से बने वस्तुओं पर पेंट या ग्रीज या जिंक आदि की परत चढ़ाकर उसे ऑक्सीजन तथा जल के संपर्क में आने से बचाया जाता है, जिससे लोहे से बने वस्तुओं को जंग से बचाया जा सकता है।
प्रश्न संख्या: 11. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर: अधातु के ऑक्साइड अम्लीय गुण वाले होते हैं, यथा कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि। ये ऑक्साइड आम्लिक होते हैं।
अत: ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ अम्लीय गुण वाले ऑक्साइड बनाती है।
प्रश्न संख्या: 12. कारण बताइए:
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
उत्तर: प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी धातुएँ हैं, धातु अघातवर्धनीय तथा तन्य होते हैं, जिसके कारण इन्हें पीटकर पतले शीट तथा खींचकर तार का रूप दिया जा सकता है। साथ ही ये दिये गये धातु बहुत ही कम अभिक्रियाशील हैं तथा प्रकृति में कम उपलब्ध होने के कारण मँहगे हैं।
अत: इन धतुओं, प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है।
उत्तर: सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम काफी अभिक्रियाशील होते हैं। ये जल के साथ बहुत तेजी से प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस बनाते हैं तथा काफी उष्मा उत्सर्जित करते हैं, जिसके कारण जल के साथ प्रतिक्रिया करने पर विस्थापित हाइड्रोजन गैस में आग लग जाती है। ये हवा में उपस्थित जल के कणों के साथ भी प्रतिक्रिया करते हैं।
अत: इन धातुओं, सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को हवा में उपस्थित जल के कणों के साथ प्रतिक्रिया तथा जल के साथ प्रतिक्रिया कर किसी अप्रत्याशित दुर्घटना को रोकने के लिए इन्हें केरोसीन तेल के अंदर संग्रहित किया जाता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
उत्तर: ऐलुमिनियम हवा में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर ऐलुमिनियम ऑक्साइड बनाता है, जिसकी एक परत ऐलुमिनियम पर चढ़ जाती है, जो ऐलुमिनियम को पुन: ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया करने तथा उसे खराब होने से बचाती है। ऐलुमिनियम उष्मा का अच्छा चालक है।
अत: ऐलुमिनियम के उष्मा के अच्छे सुचालक होने तथा उसपर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत स्वत: चढ़ जाने के कारण संक्षारित नहीं होने के गुणों के कारण इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने में किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर: धातुओं के ऑक्साइड से अवकरण या उपचयन (Reduction) की रासायनिक प्रक्रिया द्वारा आसानी से संबंधित धातुओं को प्राप्त किया जा सकता है, जबकि कार्बोनेट तथा सल्फाइड से संबंधित धातु या अधातु प्राप्त करना अपेक्षाकृत मुश्किल है।
अत: निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
प्रश्न संख्या: 13. आपने ताँबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर: ताँबे से बने सामान हवा में उपस्थित गैसों से प्रतिक्रिया कर कॉपर कार्बोनेट बनाता है, जिसकी परत उन सामानों पर चढ़ जाती है। कार्बोनेट की परत चढ़ जाने जाने के कारण उसकी चमक मलीन हो जाती है। कार्बोनेट क्षारीय प्रकृति का होता है।
जब कार्बोनेट की परत वाले ताम्बे के सामानों को इमली या नींबू के रस, जो कि अम्ल होते हैं, से रगड़ा जाता है, तो कार्बोनेट की परत अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर हट जाती है, तथा ताम्बे के बर्तन कार्बोनेट की परत हट जाने के कारण पुन: चमकने लगते हैं।
प्रश्न संख्या:14. रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
उत्तर: रासायनिक गुणधर्मों के आधात पर धातुओं तथा अधातुओं में विभेद:
(a) धातु तनु अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करते हैं, जबकि अधातु तनु अम्ल के साथ प्रतिक्रिया नहीं करते हैं।
(b) धातु ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर क्षारीय ऑक्साइड बनाते हैं, जबकि अधातु ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अम्लीय ऑक्साइड बनाते हैं।
(c) धातु अधातुओं के साथ जुड़कर आयनिक बंध बनाते हैं जबकि अधातु अधातु के साथ जुड़कर सहसंयोजी बंध बनाते हैं।
(d) धातु जल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस बनाते हैं, जबकि अधातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं।
प्रश्न संख्या: 15. एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढ़ोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यंत कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क वितर्क के पश्चात उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं।
उत्तर: अम्लराज (Aquaregia) एक बहुत ही प्रबल अम्ल है, जो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल को 3:1 के अनुपात में मिलाने से बनता है। अम्लराज (Aquaregia) में सोने घुल जाता है।
अत: वह विलयन जिसमें ढ़ोंगी व्यक्ति ने महिला के सोने के कंगन को डुबाया था वह विलयन अम्लराज (Aquaregia) था। अम्लराज (Aquaregia) में सोने के कंगन को डुबाने से कंगन का उपरी परत घुल गया तथा कंगन नये की तरह चमकने लगा परंतु सोने की एक मात्रा अम्लराज (Aquaregia) में घुल जाने के कारण कंगन का वजन कम हो गया।
प्रश्न संख्या: 16. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे की मिश्रातु) का नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर:
(a) कॉपर में लोहे की तरह जंग नहीं लगता है।
(b) कॉपर उष्मा का अच्छा सुचालक है।
(c) कॉपर को नोबल मेटल कहा जाता है क्योंकि यह लोहे से कम अभिक्रियाशील है।
उपरोक्त तीनों गुण कॉपर को इस्पात (लोहे की मिश्रातु) से अधिक टिकाऊ बनाते हैं, अत: गर्म जल का टैंक बनाने में ताम्बे का उपयोग होता है परंतु इस्पात का नहीं।


NCERT अभ्यास के प्रश्नों के हल

प्रश्न संख्या: 1. नीचे दी गयी अभिक्रिया के संबंध में कौन सा कथन असत्य है?
2PbO(s) + C (s) → 2Pb(s) + CO2(g)
(a) सीसा अपचयित होता है।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है।
(c) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
(i) (a) एवं (b)                       (ii) (a) एवं (c)         
(iii) (a), (b) एवं (c)।             (iv) सभी
उत्तर: (i) (a) एवं (b)

ब्याख्या :
वह रासायनिक अभिक्रिया में वैसे आयन, अणु या परमाणु, जिनके द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण किया जाता है, का उपचयन (Oxidation) तथा जिनसे ऑक्सीजन का ह्रास होता है, अर्थात ऑक्सीजन हटता है, का अपचयन (Reduction) होता है।
दिये गये reaction में Lead (Pb) (लेड) से Oxygen (ऑक्सीजन) हटता है, तथा Carbon (C) (कार्बन) में Oxygen (ऑक्सीजन) जुड़ता है, अत: यहाँ Lead (Pb) का अपचयन अर्थात अवकरण (Reduction) तथा Carbon (कार्बन) का उपचयन अर्थात ऑक्सीकरण (Oxidisation) होता है।
अत: Lead (Pb) (लेड) अपचयित (Oxidised) तथा Carbon (कार्बन) उपचयित (Reduced) हो रहा है।

प्रश्न संख्या: 2. Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe
ऊपर दी गयी अभिक्रिया किस प्रकार की है:
(a) संयोजन अभिक्रिया             (b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया            (d) विस्थापन अभिक्रिया
उत्तर: (d) विस्थापन अभिक्रिया
ब्याख्या :
दिये गये reaction (अभिक्रिया) में Aluminium (एलुमिनियम), Iron Oxide (आयरन ऑक्साइड) से Iron (आयरन) को विस्थापित कर Aluminium Oxide (एलुमिनियम ऑक्साइड) बनाता है। अत: दिया गया reaction (अभिक्रिया) विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction) है।

प्रश्न संख्या : 3. लौह चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए।
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रोक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है।
उत्तर: (a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
ब्याख्या :
जब Iron filling (लौह चूर्ण) पर dilute hydrochloric acid (तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) डाला जाता है, तो Iron chloride (आयरन क्लोराइड) तथा Hydrogen gas (हाइड्रोजन गैस) बनता है।
   
प्रश्न संख्या :4. संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: रासायनिक समीकरण, जिसमें reactant (अभिकारक) तथा product (उत्पाद) दोनों तरफ atom (परमाणु), molecule (अणु) तथा / या ions (आयन) की संख्या बराबर हो संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाता है।
Law of Conservation of Mass के अनुसार mass को न तो बनाया जा सकता है, और न ही नष्ट किया जा सकता है।
Law of Conservation of Mass का पालन सभी chemical reaction (रासायनिक अभिक्रियाओं) को करना पड़ता है।
अत: reactants (अभिकारको) में वर्तमान atom (परमाणु), molecue (अणु) ion (आयन) की संख्या के बराबर ही product (उत्पाद) में atom (परमाणु), molecue (अणु) ion (आयन) की संख्या होगी।
अत: Law of Conservation of Mass का पालन करने के लिए तथा उसके अनुसार ही सभी chemical reaction (रासायनिक अभिक्रियाओं) को संतुलित करना आवश्यक है।
प्रश्न संख्या: 5. निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए।
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
उत्तर:
 
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
उत्तर:
   
(c) ऐलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, ऐलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनता है।
उत्तर:
   
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
उत्तर:
   
प्रश्न संख्या : 6 . निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए:
(a) HNO3 + Ca(OH) 2 → Ca(NO3)2 + H2O
उत्तर:
   
(b) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
उत्तर:
   
(c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
उत्तर:
   
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl
उत्तर:
   
प्रश्न संख्या : 7 . निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए:
(a) कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्शियम कार्बोनेट + जल
उत्तर:
   
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
उत्तर:
   
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
उत्तर:
   
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
उत्तर:
   
प्रश्न संख्या : 8 . निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए।
(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड(s)
उत्तर:
   
यह एक Double displacement reaction (द्विविस्थापन अभिक्रिया) है।
(b) जिंक कार्बोनेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
उत्तर:
 
यह Displacement reaction (विघटन अभिक्रिया) है।
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
उत्तर:
 
यह एक Combination reaction (संयोजन अभिक्रिया) है।
(d) मैग्निशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्निशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
उत्तर:
   
यह एक Displacement reaction (विस्थापन अभिक्रिया) है।
प्रश्न संख्या : 9 . उष्माक्षेपी एवं उष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
उष्माक्षेपी अभिक्रिया: जब किसी रसायनिक अभिक्रिया (Chemical reaction) में उष्मा का उत्सर्जन (Evolve) होता है, तो वैसी अभिक्रिया को उष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction) कहते हैं।
उदाहरण:
जब कली चूना [Quick Lime (Calcium Oxide)] जल के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो काफी उष्मा उत्सर्जित होती है, तथा बुझा हुआ चूना [Slaked Lime (Calcium hydroxide)] बनता है।
   
चूँकि इस प्रतिक्रिया में उष्मा उत्सर्जित होती है, अत: यह एक उष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
उष्माशोषी अभिक्रिया: वैसा रासायनिक अभिक्रिया जिसमें उष्मा का अवशोषण होता है, उष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction) कहलाती है।
उदाहरण: जब कैल्शियम कार्बोनेट को गर्म किया जाता है, तो यह कैल्शियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड में विघटित हो जाता है।
   
चूँकि इस अभिक्रिया में उष्मा का अवशोषण होता है, अत: यह एक उष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction) है।
सभी विघटन अभिक्रियाएँ उष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction) हैं।
प्रश्न संख्या : 10 . श्वसन को उष्माक्षेप्ती अभिक्रिया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर: भोजन के पचाने की प्रक्रिया में एक प्रक्रिया होती है, जिसे श्वसन (Respiration) कहते हैं। भोजन में उपस्थित ग्लूकोज को सामान्य प्रकार के कणों में तोड़ने की प्रक्रिया श्वसन कहलाती है। भोजन के पाचन में हमें उर्जा की आवश्यकता होती है, अर्थात भोजन को पचाने में उर्जा का अवशोषण होता है।
अत: श्वसन को उष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।
   
चूँकि भोजन के पाचन में उर्जा का अवशोषण होता है, यही कारण है कि भोजन के पश्चात हमें आराम की जरूरत महसूस होती है।
प्रश्न संख्या : 11 . वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर: वियोजन अभिक्रिया में (Decomposition reaction) एक अणु दो या दो से ज्यादा परमाणुओं, अणुओं या आयनों का विघटन होता है, जबकि संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से ज्यादा परमाणुओं, अणुओं या आयनों का संयोजन होता है। यही कारण है कि वियोजन की अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत कहा जाता है।
उदाहरण
जब जल (H2O) में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो जल (H2O) हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैस में टूट जाता है।
 
चूँकि इस अभिक्रिया में जल (H2O) का विघटन होता है, अत: यह एक वियोजन या विघटन अभिक्रिया है।
वहीं दूसरी ओर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैस मिलकर जल (H2O) बनाते हैं। चूँकि इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का संयोजन होता है, अत: यह एक संयोजन अभिक्रिया है।
 
प्रश्न संख्या : 12 . उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें उष्मा, प्रकाश एवं बिद्युत के रूप में उर्जा प्रदान की जाती है।
उत्तर:
उष्मा द्वारा उर्जा प्रदान की जाने वाली अभिक्रिया:
जब चूना पत्थर [Calcium Carbonate (Lime stone)] को गर्म किया जाता है, तो यह विघटित होकर कैल्शियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड देता है। इसमें विघटन के लिए उष्मा के रूप में उर्जा प्रदान की जाती है।
 
प्रकाश के रूप में उर्जा प्रदान की जाने वाली अभिक्रिया:
जब सिल्वर क्लोराइड को सूर्य के प्रकाश में रखा जाता है, तो यह सूर्य के प्रकाश से उर्जा अवशोषित कर सिल्वर तथा क्लोरीन गैस में टूट जाता है।
 
इस अभिक्रिया में सूर्य के प्रकाश से उर्जा प्रदान की जाती है।
इस अभिक्रिया का उपयोग श्वेत श्याम फोटोग्राफी में होता है।
बिद्युत के रूप में उर्जा प्रदान की जाने वाली अभिक्रिया:
जब जल (H2O) में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो जल अपने अवयवों हाइड्रोजन गैस तथा ऑक्सीजन गैस में विघटित हो जाता है।
 
इस अभिक्रिया में विद्युत धारा द्वारा उर्जा प्रदान की जाती है।
प्रश्न संख्या : 13 . विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर: विस्थापन अभिक्रिया में अधिक प्रतिक्रियाशील परमाणु या अणु अभिकारक के यौगिक से कम प्रतिक्रियाशील परमाणु या अणु या आयन को विस्थापित कर देता है।
जबकि द्विविस्थापन अभिक्रिया में दोनों अभिकारकों के बीच आयनों का आदान प्रदान होता है। अर्थात जिस अभिक्रिया में दो अभिकारकों के बीच आयनों का आदान प्रदान हो द्विविस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।
विस्थापन अभिक्रिया का उदारण :
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के घोल में डुबाकर छोड़ दिया जाता है, तो लोहा कॉपर से अधिक प्रतिक्रियाशील होने के कारण कॉपर सल्फेट से कॉपर को विस्थापित कर आयरन सल्फेट बनाता है।
 
द्विविस्थापन अभिक्रिया का उदारण :
जब सोडियम सल्फेट के घोल तथा बेरियम क्लोराइड के घोल के बीच प्रतिक्रिया होती है, तो बेरियम सल्फेट तथा सोडियम क्लोराइड बनता है। इस अभिक्रिया में बेरियम तथा सोडियम आयनों का आदान प्रदान होता है।
   
प्रश्न संख्या : 14 . सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जब कॉपर घातु को सिल्वर नाइट्रेट के घोल में डुबाया जाता है, तो कॉपर के सिल्वर से ज्यादा अभिक्रियाशील होने के कारण, सिल्वर नाइट्रेट से सिल्वर को विस्थापित कर देता है, तथा कॉपर नाइट्रेट बनाता है।
   
प्रश्न संख्या : 15 . अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
रासायनिक अभिक्रिया जिसमें उत्पाद अवक्षेप के रूप में प्राप्त हो, अवक्षेपण अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण:
जब बेरियम क्लोराइड के घोल में सोडियम सल्फेट का घोल मिलाया जाता है, तो बैरियम सल्फेट तथा सोडियम क्लोराइड बनता है। इस अभिक्रिया में बेरियम सल्फेट उजले रंग के अवक्षेप के रूप में प्राप्त होता है।
   
प्रश्न संख्या : 16 . ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की ब्याख्या कीजिए। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए।
(a) उपचयन
उत्तर:
रसायनिक अभिक्रिया के क्रम में जब किसी भी अणु या परमाणु में ऑक्सीजन का योग होता है, अर्थात ऑक्सीजन जुड़ता है, तो उस परमाणु या अणु का उपचयन (Oxidation) होता है, अर्थात वह परमाणु या अणु उपचयित (Oxidised) हो जाता है। इस तरह के अभिक्रिया जिसमें उपचयन हो, उपचयन अभिक्रिया (Oxidation reaction) कहलाती है।
उदाहरण:
मैग्निशियम का उपचयन:
जब मैग्निशियम के रिबन को हवा में जलाया जाता है, तो मैग्निशियम में ऑक्सीजन जुड़ जाता है, तथा मैग्निशियम ऑक्साइड बनता है।
 
इस अभिक्रिया में चूँकि मैग्निशियम में ऑक्सीजन का योग होता है, अत: मैग्निशियम का उपचयन (Oxidation) होता है।
कॉपर का उपचयन:
जब कॉपर को हवा की उपस्थिति में गर्म किया जाता है, तो कॉपर में ऑक्सीजन जुड़ जाता है, अर्थात कॉपर में ऑक्सीजन का योग होता है, तथा कॉपर ऑक्साइड बनता है। यहाँ चूँकि कॉपर में ऑक्सीजन का योग होता है, अत: इस अभिक्रिया में कॉपर का उपचयन होता है।
 
(b) अपचयन
उत्तर:
वैसी रासायनिक अभिक्रिया, जिसमें किसी भी परमाणु या अणु में से ऑक्सीजन का ह्रास हो, अर्थात ऑक्सीजन हटे, तो उस परमाणु या अणु का अपचयन (Reduction) होता है, दूसरे शब्दों में वह परमाणु या अणु अपचयित (Reduced) हो जाता है। इस तरह की अभिक्रिया को अपचयन अभिक्रिया (Reduction reaction) कहते हैं।
उदाहरण:
कॉपर ऑक्साइड का अपचयन: जब कॉपर ऑक्साइड को हाइड्रोजन की उपस्थिति में या हाइड्रोजन के साथ गर्म किया जाता है, तो कॉपर ऑक्साइड से ऑक्सीजन का ह्रास होता है, तथा कॉपर तथा जल बनता है।
 
इस अभिक्रिया में चूँकि कॉपर ऑक्साइड से ऑक्सीजन का ह्रास होता है, अत: कॉपर का अपचयन होता है।
जिंक ऑक्साइड का अपचयन:
जब जिंक ऑक्साइड कार्बन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो जिंक ऑक्साइड से ऑक्सीजन का ह्रास हो जाता है, तथा जिंक तथा कार्बन मोनोक्साइड बनता है।
 
चूँकि इस अभिक्रिया में जिंक ऑक्साइड से ऑक्सीजन का ह्रास होता है, अत: यहाँ जिंक का अपचयन (Reduction) होता है।
प्रश्न संख्या : 17 . एक भूरे रंग का चमकदार तत्व 'X' को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्व 'X' एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए।
उत्तर: जब कॉपर को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है, तो कॉपर ऑक्साइड बनाता है, जिसका रंग काला होता है।
 
अत: भूरे रंग का चमकदार तत्व 'X', कॉपर है।
प्रश्न संख्या : 18 . लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं?
उत्तर: जब लोहे की वस्तुएँ अधिक दिनों तक खुले स्थान में रखी रहती है, तो हवा में वर्तमान नमी तथा ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर आयरन ऑक्साइड बनाती है, जो लोहे से बने वस्तुओं पर परत के रूप में जम जाती है, यह आयरन ऑक्साइड सामान्यत: जंग कहलाता है।
धीरे धीरे लोहे की बनी पूरी वस्तु जंग में बदल जाती है। जंग लोहे को धीरे धीरे खा जाता है, अर्थात बर्बाद कर देता है।
अत: जंग से बचाने के लिये लोहे से बनी वस्तुओं को पेंट किया जाता है। पेंट की परत लोहे से बनी वस्तुओं को हवा में वर्तमान नमी तथा ऑक्सीजन के संपर्क में आने से रोकती है, जिससे लोहे से बनी वस्तुएँ जंग लगने से सुरक्षित रहती है।
प्रश्न संख्या : 19 . तेल एवं वसायुक खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
उत्तर: तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ जब हवा के संपर्क में लंबे समय तक रहता है, हवा में उपस्थित ऑक्सीजन से संयोग कर उपचयित हो जाता है, जिससे उसका स्वाद खराब हो जाता है, तथा वह खाने योग्य नहीं रह जाता है।
अत: तेल एवं वसायुक्त पदार्थों की थैलियों में ऑक्सीजन हटाकर नाइट्रोजन जैसी कम सक्रिय गैस से युक्त या प्रभावित कर दिया जाता है, ताकि उन खाद्य पदार्थों का उपचयन न हो सके।
प्रश्न संख्या : 20 . निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक एक उदारण दीजिए:
(a) संक्षारण
उत्तर:
लोहे की बनी वस्तुएँ जब हवा में मौजूद नमी तथा ऑक्सीजन के संपर्क में अधिक दिनों तक रहती है, तो ऑक्सीजन तथा नमी से प्रतिक्रिया कर उस वस्तु पर भूरे रंग की परत चढ़ जाती है, जिसे जंग कहते हैं। धीरे धीरे लोहे से बनी पूरे वस्तु जंग में बदल जाती है, तथा जंग उस वस्तु को खराब कर देती है या खा जाती है।
इसी तरह ताम्बा तथा चाँदी या उनसे बनी वस्तुएँ भी हवा में उपस्थित अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में अधिक दिनों तक रहने पर हरे तथा काले रंग की परत चढ़ जाती है।
चूँकि इस प्रक्रिया के कारण लोहे, चाँदी या ताम्बे से बनी वस्तुएँ खराब हो जाती है, अर्थात उनका संक्षारण हो जाता है।
अत: यह प्रक्रिया संक्षारण कहलाती है।
(b) विकृतगंधिता
उत्तर:
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ जब हवा के संपर्क में लंबे समय तक रहता है, हवा में उपस्थित ऑक्सीजन से संयोग कर उपचयित हो जाता है, जिससे उसका स्वाद तथा गंध खराब हो जाता है, तथा वह खाने योग्य नहीं रह जाता है।
चूँकि तेल वसायुक्त खाद्य पदार्थों के अपचयन से उनका गंध तथा स्वाद खराब हो जाता है, अत: इस प्रक्रिया को विकृतगंधिता कहा जाता है।
विकृतगंधिता को रोकने के लिए तेल तथा वसा से युक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन जैसे कम अभिक्रियाशील गैसे से प्रभावित किया जाता है।
NCERT पाठ के प्रश्नों के हल
प्रश्न : 1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है?
उत्तर: मैग्निशियम के खुले में रखे होने से हवा में उपस्थित ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया कर मैग्निशियम ऑक्साइड बनाता है, जिसकी परत मैग्निशियम पर चढ़ जाती है। मैग्निशियम ऑक्साइड की परत मैग्निशियम को पुन: ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया करने से रोकती है।
अत: मैग्निशियम रिबन को वायु में जलाने से पहले उसपर से मैग्निशियम ऑक्साइड की परत को हटाने के लिये साफ किया जाता है।
प्रश्न: 2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रयाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए:
(i) हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन क्लोराइड
उत्तर:
H2+Cl2HydrogenChlorineH2+Cl2HydrogenChlorine ⇒2HClHydrochloric Acid⇒2HClHydrochloric Acid
(ii) बेरियम क्लोराइड + एल्युमिनियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + एल्युमिनियम क्लोराइड
उत्तर:
3BaCl2  +Al2(SO4)2Barium ChlorideAluminium Sulphate3BaCl2  +Al2(SO4)2Barium ChlorideAluminium Sulphate ⇒3BaSO4  +2AlCl3Barium sulphateAluminium Chloride⇒3BaSO4  +2AlCl3Barium sulphateAluminium Chloride
(iii) सोडियम + जल → सोडियम हाइड्रोक्साइड + हाइड्रोजन
उत्तर:
2Na  +2H2OSodiumWater2Na  +2H2OSodiumWater ⇒2NaOH  +H2Sodium HydroxideHydrogen⇒2NaOH  +H2Sodium HydroxideHydrogen
प्रश्न : 3 . निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए:
(i) जल मे बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनता है।
उत्तर:
BaCl2(aq)  +Na2SO4(aq)Barium ChlorideSodium SulphateBaCl2(aq)  +Na2SO4(aq)Barium ChlorideSodium Sulphate ⇒BaSO4(s)  +2NaCl(aq)Barium SulphateSodium chloride⇒BaSO4(s)  +2NaCl(aq)Barium SulphateSodium chloride
(ii) सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं।
उत्तर:
NaOH(aq)  +HCl(aq)Sodium hydroxideHydrochloric acidNaOH(aq)  +HCl(aq)Sodium hydroxideHydrochloric acid ⇒NaCl(aq)  +H2O(l)Sodium chlorideWater⇒NaCl(aq)  +H2O(l)Sodium chlorideWater
प्रश्न : 4. किसी पदार्थ 'X' के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है।
(i) पदार्थ 'X' का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए।
उत्तर:
सफेदी के लिए कली चूना (Quick Line) का उपयोग होता है। कली चूना का जिसका रासायनिक नाम कैल्शिय ऑक्साइड तथा सूत्र CaOCaO है।
पदार्थ 'X' का नाम कली चूना [Calcium Oxide (CaO)] है।
(ii) उपर (i) में लिखे पदार्थ 'X' की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
Calcium Oxide (CaO) (कली चूना) जल के साथ प्रतिक्रिया कर Calcium hydroxide (Ca(OH)2) बनाता है।
CaO(s)+H2O(l)Quick limeWaterCaO(s)+H2O(l)Quick limeWater ⇒Ca(OH)2(aq)Slaked Lime⇒Ca(OH)2(aq)Slaked Lime
Calcium hydroxide को बुझा हुआ चूना (Slaked Lime) कहा जाता है।
प्रश्न : 5. क्रिया कलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए।
उत्तर:
पाठ के क्रियाकलाप 1.7 में जल का electrolysis (वैद्युत अपघटन) किया गया है।
ज़ब जल में विद्युत धारा (electric current) प्रवाहित की जाती है, तो जल हाइड्रोजन (H2) तथा ऑक्सीजन (O2) में टूट जाता है। क्रिया कलाप 1.7 में एक परखनली में हाइड्रोजन (H2) तथा दूसरी में ऑक्सीजन (O2) गैस जमा होती है।
चूँकि जल (H2O) में हाइड्रोजन (Hydrogen) तथा ऑक्सीजन (Oxygen) का अनुपात 1:2 है, अत: क्रिया कलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित हाइड्रोजन (Hydrogen) की मात्रा दूसरे परखनली में एकत्रित ऑक्सीजन (Oxygen) की मात्रा से दोगुनी है।
प्रश्न : 6. जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
उत्तर:
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है, तो विस्थापन की प्रतिक्रिया होती है। इसमें Iron, कॉपर को कॉपर सल्फेट से विस्थापित कर देता है तथा Ferrous sulphate बनाता है। जिसके कारण विलयन का रंग बदल जाता है।
Fe(s)  +CuSO4(aq)IronCopper sulphateFe(s)  +CuSO4(aq)IronCopper sulphate ⇒FeSO4(aq)  +Cu(s)Ferrous sulphateCopper⇒FeSO4(aq)  +Cu(s)Ferrous sulphateCopper
प्रश्न : 7. क्रियाकलाप 1.10 से भिन्न द्विस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जब Silver Nitrate (सिल्वर नाइट्रेट), Sodium Chloride (सोडियम क्लोराइड) के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो Silver chloride (सिल्वर क्लोराइड) तथा Sodium nitrate (सोडियम नाइट्रेट) बनता है।
AgNO3(aq)  +NaCl(aq)Silver nitrateSodium chlorideAgNO3(aq)  +NaCl(aq)Silver nitrateSodium chloride ⇒AgCl(s)  +NaNO3(aq)Silver chlorideSodium nitrate⇒AgCl(s)  +NaNO3(aq)Silver chlorideSodium nitrate
इस प्रतिक्रया में Silver, Sodium chloride से Sodium (सोडियम) को तथा Sodium (सोडियम), Silver nitrate से Silver को विस्थापित करता है। अत: यह द्विस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण है।
प्रश्न : 8. निम्न अभिक्रियाओं उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए:
(i) 4Na(s) + O2(g) → 2Na2O(s)
(ii) CuO(s) + H2(g) → Cu(s) + H2O(l)
उत्तर:
अभिक्रिया के क्रम में किसी एटम, अणु या आयन के द्वारा Oxygen प्राप्त करने या hydrogen का त्याग करने पर उसका ऑक्सीकरण (oxidation) होता है, तथा वह ऑक्सीकृत अर्थात उपचयित (Oxidised) हो जाता है।
तथा अभिक्रिया के क्रम में जिस एटम, अणु या आयन के द्वारा Oxygen का त्याग या हटना या hydrogen का प्राप्त करन अवकरण या उपचयन (Reduction) कहलाता है, तथा वह एटम, अणु या आयन अवकरित या अपचयित (Reduced) हो जाता है।
(i) 4Na(s) + O2(g) → 2Na2O(s)
इस अभिक्रिया में Sodium, oxygen प्राप्त कर sodium oxide बनाता है। अत: यहाँ Sodium का उपचयन होता है, अर्थात Sodium उपचयित होता है। वहीं दूसरी ओर Oxygen अपचयित होता है।
(ii) CuO(s) + H2(g) → Cu(s) + H2O(l)
इस अभिक्रिया में Copper Oxide से Oxygen हटकर Copper बनता है, वहीं दूसरी ओर Hydrogen में ऑक्सीजन जुड़कर Water (H2O) बनता है।
अत: इस अभिक्रिया में Copper का अपचयन (Reduction) तथा Hydrogen (हाइड्रोजन) का उपचयन (Oxidation) होता है।
अत: दिये गये अभिक्रिया में Copper अपचयित (Reduced) तथा Hydrogen उपचयित (Oxidised) होता है।




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06. ,d rRo A vkDlhtu ds lkFk vfHkfØ;k djus ij vkDlkbM cukrk gS ftldk ikuh esa foy;u yky fyVel dks uhyk dj nsrk gSA rRo A /kkrq gS ;k v/kkrq\
07. HktZu o fuLrkiu esa varj Li”V dhft,\ izR;sd dk ,d&,d mnkgj.k nhft,A
08. ,d /kkrq M dks tc ue ok;q esa yEcsa le; ds fy, NksM+ fn;k tkrk gS mldh pednkj Hkwjh lrg ds Åij gjs jax dk vkoj.k p<+ tkrk gSA gjs jax ds ;kSfxd dk uke ,oe~ /kkrq M dks igpkfu,A
09. lksfM;e DyksjkbM dk xyukad mPp D;ksa gksrk gS\ 
10. vk;fud ;kSfxd dsoy fi?kyh voLFkk esa fo|qr ds lqpkyd gksrs gSa, Bksl voLFkk esa ughaA dkj.k crkb,A
11. ,d feJ /kkrq dk mi;ksx bysDVªksfud m|ksx es lksYMfjax ds fy, fd;k tkrk gSA feJ /kkrq dk uke o ?kVd fyf[k,A
12. bysDVªku ds LFkkukUrj.k }kjk lksfM;e DyksjkbM o eSXuhf’k;e DyksjkbM dh jpuk dks n’kkZb,A
13. dkj.k crkb,%&
(1) ,syqfefu;e yksgs ls vf/kd vfHkfØ;k.khy gS ysfdu mudk la{kkj.k yksgs ls de gksrk gSA
(2) fu”d”kZ.k dh izfØ;k esa vip;u ls igys dkcksZusV ,oe~ lYQkbM v;Ld dks vkWDlkbM esa ifjofrZr fd;k tkrk gSA
14. ,d rRo A ftldk ijek.kq Øekad 11 rFkk nwljk rRo B ftldk ijek.kq Øekad 8 gS] nksuksa feydj ,d vk;fud ;kSfxd cukrs gSA vk;fud ;kSfxd dk lw= D;k gksxk\ bl vk;fud ;kSfxd dh jpuk dks bysDVªku LFkkukarj.k }kjk n’kkZb,A
15. v;Ld dh ifjHkk"kk fyf[k,A v;Ld ds lkFk ik;h tkus okyh v'kqf);ksa dks D;k dgrs gSa\
16. 
17. veyxe fdl dgrs gSa\ 
18. ,d /kkrq lfØ;rk Js.kh esa e/; esa gS] blds lYQkbM v;Ld }kjk fu”d”kZ.k dh izfØ;k dks Øec) pj.kksa esa fyf[k,A
19. ikjs ds v;Ld dk uke fyf[k,A ikjs tSlh] lfØ;rk Js.kh esa uhps vkus okyh /kkrqvksa dk fu”d”kZ.k fdl izdkj fd;k tkrk gS\ ikjs ds mlds v;Ld }kjk fu”d”kZ.k esa gksus okyh jklk;fud vfHkfØ;kvksa ds lehdj.k fyf[k,\
20. /kkrqvksa ds ifj”dj.k ls vki D;k le>rs gSa\ /kkrqvksa ds ifj”dj.k esa lokZf/kd mi;ksx gksus okyh fof/k dk uke fyf[k,A ;g fof/k fo|qr vi?kV; vip;u ls fdl izdkj fHkUu gS\
21.  taxhdj.k ls D;k rkRi;Z gS\ ,d fØ;kdyki }kjk yksgs ds taxhdj.k ds fy, vko’;difjfLFkfr;k¡ fu/kkZfjr dhft,A yksgs dks tax ls cpkus dh nks fof/k;k¡ fyf[k,A

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