30. व्याकरण हिन्दी || 01.04 स्वर और व्यंजन में अंतर

स्वर और व्यंजन में अंतर क्या है | 

स्वर और व्यंजन में अंतर क्या है ?

1. परिभाषा में अंतर
* स्वर वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता है।
* व्यंजन वर्णों का उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है।

2. संख्या में अंतर
* स्वर संख्या में कम होते हैं इनकी संख्या केवल 11 है।
* व्यंजन संख्या में अधिक होते हैं इनकी संख्या 33 है।

3. मुख से वायु घर्षण
* स्वर के उच्चारण के समय मुँह से वायु बिना किसी अवरोध के बाहर निकलती है।
* व्यंजन के उच्चारण के समय वायु मुँह से अवरोध के साथ निकलती है। 

4. जीभ का उपयोग
* स्वर के उच्चारण में जीभ का कहीं स्पर्श नहीं होता है।
* व्यंजन के उच्चारण में जीभ का स्पर्श होता है।

5. महत्व
* स्वर का अपना स्वतंत्र महत्व होता है।
* स्वर के बिना व्यंजन का कोई महत्व नहीं होता।

6. वर्ण
* स्वर वर्ण हैं:– आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ ।
* व्यंजन के उदाहरण: क् ख् ग् घ् ङ् च् छ् ज् झ् ञ्ट् ठ् ड् ढ् ण् (ड़् ढ़्) त् थ् द् ध् न् प् फ् ब् भ् म् य् र् ल् व् श् ष् स् ह् हैं।

7. मात्रिक रूप
* स्वरों का अपना मात्रिक (आ ा, इ ि , ई ी , उ ु , ऊ ू , ऋ ृ , ए े , ऐ ै , ओ ो , औ ौ) रूप भी होता है। स्वर को हम मात्राओं की तरह उपयोग करते हैं।
* व्यंजन का अपना मात्रिक रूप नहीं होता। जबकि व्यंजन को हम अक्षर की तरह होता है।

8. अंग्रेजी 

* स्वर को अंग्रेजी में वॉवेल (Vowel) कहते हैं।

व्यंजन को अंग्रेजी में कॉन्सोनेंट (Consonants) कहते हैं।

9. प्रकार

* उच्चारण के आधार पर स्वर तीन प्रकार के होते हैं –1.ह्रस्व स्वर , 2.दीर्घ स्वर, 3.प्लुत स्वर।

* व्यंजन के भी तीन भाग हैं: – 1.स्पर्श व्यंजन, 2.अन्तःस्थ व्यंजन, 3.ऊष्म व्यंजन

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