रिमझिम
तुम्हरी समझ से
कभी-कभी जिद्दी बन करके
बाढ़ नदी-नालों मेर लाते
(क) बादल नदी-नालों में बाढ़ कैसे लाते होंगे?
उत्तर- जब बादलों से बहुत अधिक बारिश होती होगी, तब नदी-नालों में बहुत ज्यादा पानी भर जाने से उनमें
बाढ़ आ जाती होगी।
इस तरह बादल नदी-नालों में बाढ़
लाते होंगे।
नहीं किसी की सुनते कुछ भी ।
ढोकल-ढोल बजाते होंगे?
(ख) बादल ढोल कैसे बजाते होंगे?
उत्तर- बादलों के आपस में टकराने से तेज आवाज होती होगी। इस तरह बार-बार टकराकर वे बार-बार गरजते होंगे। उसे सुनकर ऐसा लगता होगा के वे ढोल बजा रहे हैं।
कुछ तो लगते तूफानी
कुछ रह-रह करते शैतानी
(ग) बादल कैसी शैतानियाँ करते होंगे?
उत्तर- बादल कभी तेज आँधी और बारिश करते होंगे, कभी रुक जाते होंगे। कभी आपस में टकराकर चमकते-गरजते होंगे। कभी नदी-नालों में बाढ़ ला देते होंगे। इस प्रकार बादल तरह-तरह की शैतानियाँ करते होंगे।
उत्तर-
|
कैसा |
कौन |
सूरज-सी |
चमकीली |
थाली |
चंदा-सा |
गोरी |
मुखड़ा |
हाथी-सा |
भारी-भरकम |
आदमी |
जोकर-सा |
मोटी |
नाक़ |
परियों-सा |
सुन्दर |
पंख |
गुब्बारे-सा |
फूला |
पेट |
ढोलक-सा |
बजता |
डिब्बा |
कविता से आगे
(क) तूफान क्या होता है? बादलों को तूफानी क्यों कहा गया है?
उत्तर- बारिश के साथ तेज चलने वाली आँधी को तूफ़ान कहते हैं। बादल ही तेज आँधी और बारिश लाते हैं, इसीलिए उन्हें तूफानी बादल कहा गया है।
(ख) साल के किन-किन महीनों से ज्यादा बादल छाते हैं?
उत्तर- जून और जुलाई में ज्यादा बादल चाते हैं।
(ग) कविता में ‘काले’ बादलों की बा की गई है। क्या बादल सचमुच काले होते हैं?
उत्तर- कुछ बादल काले दिखाई देते हैं तो कुछ भूरे और सफ़ेद। लेकिन बादल सचमुच काले नहीं होते। वे तो पानी की भाप से बनी बूँदों से बने हुए होते हैं।
(घ) कक्षा में बातचीत करो और बताओ की बादल किन-किन रंगों के होते है।
उत्तर- बादल काले, भूरे और सफ़ेद रंगों
के होते हैं।
सुबह और शाम को वे लाल रंग के
भी दिखाई देते हैं।
कैसे-कैसे बादल
(क) तरह-तरह के बादलों के चित्र बनाओ।
काले-काले डरावने गुब्बारे-से गलों वाले हल्के-फुल्के सुहाने
उत्तर-
(ख) कविता में बादलों को ‘भोला’ कहा
गया है। इसके
अलावा बादलों के लिए और कौन-कौन से शब्दों को इस्तेमाल किया गया है?
म…………………
जि………………..
शै ………………….
तू …………………..
उत्तर- मतवाले जिद्दी शैतानी तूफानी
बारिश की आवाजें
कुछ अपने थैलों से चुपके
झर – झर – झर
बरसाते पानी
पानी के बरसाने की आवाज़ है झर – झर – झर
पानी बरसाने की कुछ और आवाज़ें
लिखो ।
उत्तर- टप-टप-टप, टिप-टिप-टिप, रिम-झिम रिम-झिम, घरर-घरर, चट-चट-चट छप-छप-छप, छम-छम-छम, छर-छर-छर
कैसे-कैसे पेड़
बादलों की तरह पेड़ भी अलग – अलग आकार के होते हैं । कोई बरगद – सा
फैला हुआ और कोई नारियल के पेड़ जैसा ऊँचा और सीधा ।
अपने आस – पास अलग – अलग
तरह के पेड़ देखो । तुम्हे
उनमें कौन – कौन
से आकार दिखाई देते हैं ? सब
मिलकर पेड़ों पर एक कविता भी तैयार करो ।
उत्तर- कोई पेड़ पीपल-सा विशाल है।
कोई निम्बू के पेड़-सा छोटा है।
कोई पेड़ बाँस जैसा लम्बा और
पतला है।
कोई पेड़ बरगद-सा मोटा है।
कोई पेड़ नीम-सा घना है।
कोई पेड़ बबूल-सा टेढ़ा-मेढा है।
तुम्हारी बात
(क) ख्वाजा सरा के तीनों सवालों का क्या कोई और जवाब हो सकता है? अपने मन से सोचकर लिखो।
उत्तर- हाँ, हो सकता है।
(1) ख्वाजा सरा का पहला सवाल था – ‘संसार का केंद्र कहाँ है?’
इस सवाल का जवाब हो सकता है – हिमालय की सबसे ऊँची चोटी की सबसे ऊँची जगह ही संसार
का केंद्र है ख्वाजा सरा नाप कर देख ले।
(2) दूसरा सवाल था – ‘आकाश में कितने तारे है?’
इसका उत्तर हो सकता है – ‘एक बोरी सरसों में जितने दाने है, आकाश में उतने ही तारे हैं ख्वाजा सरा दोनों को गिन कर
देख सकते हैं।
(3) तीसरा प्रश्न था – ‘संसार की आबादी कितनी हैं’
इसका उत्तर हो सकता है – ख्वाजा के सिर और दाढ़ी में जितने बाल हैं, संसार की आबादी उतनी ही हैं। वह चाहे तो अपनी दाढ़ी और अपना सिर मुंडवाकर गिनती कर
ले।”
(ख) अगर तुम ख्वाजा सरा की जगह पर होते तो बीरबल को हराने के लिए
कौन-से सवाल पूछते?
उत्तर- अगर मैं ख्वाजा सरा की जगह होता तो बीरबल को हारने के
लिए यह सवाल पूछता –
“बादशाह का कहना है कि बीरबल के
मुख है, उसे देश निकाला दे देना चाहिए। बादशाह ने झूठ बोला या सच?”
नोट – विद्यार्थी अपनी-अपनी इच्छानुसार सफल बनाएँ।
(ग) ख्वाजा सरा का बस चलता तो बीरबल को हिन्दुस्तान से निक्कल देते। अगर तुम्हारा बस चले तो तुम कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहोगे?
उत्तर- अगर मेरा बस चले तो मैं अपने लिए एक कार ले लूँ और
सारी दुनिया की सैर करूँ। संसार की हर तरह की
चॉकलेट अपने फ्रीज में रख लूँ और जब भी चाहे खता रहूँ। मैं सुपरमैन बन जाऊँ और दुनिया के सारे अपराधियों को
पकड़ कर जेल में भर दूँ।
बस
नीचे लिखे वाक्य पढो –
मैं बस में
बैठकर स्कूल जाती हूँ।
ख्वाजा सरा का बस चलता
तो बीरबल को निकाल देते।
बस ! अब रुक जाओ।
बस दो दिन की बात हैं। मैं आ जाऊँगी।
ऊपर लिखे वाक्यों में बस शब्द
क एअर्थ अलग-अलग हैं।
अब इसी तरह चल शब्द
से वाक्य बनाओ।
(संकेत चल, चल-चल, चला, चलें, चलने, चलती चलो)
उत्तर- बीच सड़क पर मत चल।
मैं तो चल – चल कर थक गया।
तुम बैठो, मैं चला।
चलो, अब पढ़ाई करो।
अब हमें चलना चाहिए।
इसी को चलती का नाम गाड़ी कहते
है।
कैसे चले, अभिनव तो आया ही
नहीं है।
यह फिल्म बहुत चलेगी।
बढे कहानी
एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा , “ बीरबल , दुनिया
में सबसे अधिक शक्तिशाली कौन हैं ? ”
बीरबल ने क्या कहा होगा कहानी
आगे बाढ़ाओं ।
उत्तर- एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल दुनिया में सबसे अधिक शक्तिशाली कौन है?” बीरबल ने कहा – जहाँपनाह! सबसे
शक्तिशाली है – गोद में खेलने वाला छोटा-सा बच्चा।”
अकबर बोले – “भला ! बालक सबसे ताकतवर कैसे हो सकता है?” दरबारियों ने बादशाह की हाँ में हाँ मिलाई।
अकबर ने कहा, “अगर ऐसा है तो साबित करके दिखाओ।”
अगले दिन बीरबल गोद में एक
छोटे-से बच्चे को लेकर दरबार में हाजिर हुए। अकबर ने उत्सुकता से पूछा – “बीरबल यह कौन है?”
“हुजूर ! यह एक रिश्तेदार का
बच्चा है। उसने विनती की कि बादशाह सलामत एक बार इसे अपनी गोद
में ले ले।”
अकबर ने बच्चे को गोद में ले
लिया। वह बच्चा थोड़ी देर तक खेला फिर वह अकबर की मूँछों को
खींचने लगा।
बीरबल तुरंत खड़े होकर बोले, “हुजूर! मैंने कहा था ना कि छोटा-सा बच्चा सबसे अधिक
शक्तिशाली होता है। देखिए, इस बच्चे ने आपकी मुँछो को खींच दिया। तब आप ही बताइए, इसके सिवाय किसमें
इतनी हिम्मत है जो आपकी मूँछो को हाथ लगा दे?”
सभी लोग बीरबल की बुद्धिमानी को
प्रशंसा करने लगे।
खोजो कहानियाँ
(क) तुम भी बीरबल का एक ऐसा ही किस्सा ढूँढो जिसमें वह अपने जवाबों से
सबका मुँह बंद कर देता है।
उत्तर- मुर्गे का अंडा -
एक बार बादशाह अकबर
ने सारे दरबारियों के साथ मिलकर बीरबल को हराने की योजना बनाई। उन्होंने बीरबल को थोड़ी देर के लिए बाहर भेजकर
दरबारियों से कहा, “इस टोकरी में अंडे रखे हैं। आप सभी इस में से एक – एक
अंडा निकाल कर अपने पास छिपा लें। बीरबल के आने पर
मैं सभी से तालाब में गोता लगाने को कहूँगा। तालाब से बाहर निकलने पर आप सब यह
अंडा मुझे दिखा दे। ऐसा लगे जैसे अंडा
आपको तलाब में से ही मिला हो।”
जब बीरबल वापस आए तब बादशाह
अकबर ने कहा, “बीरबल! हमें कल रात सपने में दरबारियों की योग्यता
परखने का एक नया तरीका मिला है। पास के तालाब में
सभी दरबारी बारी-बारी
से गोता लगाएँगे।
जो दरबारी वफादार है, उन्हें वहाँ एक अंडा मिलेगा। जो
भी आदमी अंडा लिए बगैर वापस आएगा, वह भरोसे लायक नहीं
होगा।” बादशाह की बात सुन सारे दरबारी खुश हो गए। बीरबल समझ गए कि जरूर कोई न कोई चाल है।
सारे दरबारी एक–एक करके तालाब में कूदतें और एक अंडा लेकर बाहर आते। बीरबल ने सोचा कि तालाबी में कोई टोकरी होगी जिसमें
अंडे भर दिए होंगे। बीरबल ने भी तालाब
में गोता लगाया।
परंतु उन्हें कोई टोकरी नहीं
मिली।
जब बीरबल ने मंत्री बुद्धि लगाई। तालाब के अंदर से पानी के छींटे उड़ाते हुए ‘कुकड़ॅू-कॅू…कुकड़ॅू-कॅू…’ करने लगे। बादशाह
अकबर बोले, “बीरबल! तुम मुर्गे की तरह कुकड़ॅू कॅू…. क्यों बोल रहे हो?”
क्योकि मुर्गा अंडे नहीं देता। सुनकर बादशाह के चेहरे पर
हँसीआ गई। सारे दरबारी शर्मिंदा हो गए।
(ख) बीरबल की तरह बहुत से अन्य व्यक्तियों की हाजिरजवाबी के किस्से
प्रसिद्ध हैं। उनके
नाम पता करो।
उत्तर- तेनालीराम, मुल्ला नसीरुद्दीन, गोपाल भाँड, शेखचिल्ली, लाला बुझक्कड़।
एक और शब्द
नीचे लिखे शब्दों की जगह और
कौन-सा शब्द इस्तेमाल हो सकता है? खली
जगह में लिखो।
उत्तर-
बुद्धिमान – समझदार मुर्ख – बेवकूफ
अभिमान – घमंड विश्वास – यकीन
संसार – दुनिया कोशिश – प्रयत्न
मुहावरे
नीचे लिखे मुहावरों का इस्तेमाल
तुम कब-कब कर सकते हो? आपस
में चर्चा करो। अब
इनका वाक्यों में इस्तेमाल करो।
(1) नाक़ – भौंह
सिकोड़ना (2) कलई खुलना
उत्तर- (1) नाक़-भौंह सिकोड़ना – गोबर न नाम सुनते
ही पूनम नाक़-भौंह सिकोड़ने लगती है।
(2) कलई खुलना – परीक्षा
का परिणाम आते ही सोनू की कलई खुल गई।
कहानी की बात
(क) दिनेश की माँ मशीन चलाते-चलाते बोली, ”बेटा, कहाँ
जा रहे हो?”
दिनेश की माँ कौन – सी मशीन चला रही होगी?
तुमने इस मशीन को कहाँ – कहाँ देखा है?
उ त्तर- दिनेश की माँ सिलाई मशीन चला रही होगी। मैंने इस मशीन को अपने घर में और दर्जी की दुकान में
देखा है।
(ख) दिनेश ने सारी सीताफल की बेल छान मारी।
दिनेश क्या खोज रहा था?
दिनेश को कैसे पता चला होगा की
क्यारी में वाही चीज गिरी है?
उ त्तर- दिनेश क्रिकेट की गेंद खोज रहा था।
दिनेश को क्यारी में किसी चीज
की आवाज सुनाई दी। उस आवाज को पहचान
कर दिनेश को पता चला होगा की क्यारी में क्रिकेट की गेंद ही गिरी है।
(ग) दिनेश अच्छी तह जनता था की गेंद दीपक की नहीं है।
दिनेश को यह बात कैसे पता चली की
गेंद दीपक की हो ही नहीं सकती?
दीपक बार – बार गेंद को अपनी क्यों बता रहा होगा?
उ त्तर- दिनेश को जो गेंद मिली थी वह एकदम नई चमचमाती हुई थी। दीपक ने बताया की उसकी गेंद पाँच महीने पहले खोई थी। इस तरह दिनेश को पता चल गया की गेंद दीपक की नहीं हो
सकती।
दीपक बार-बार गेंद को अपनी
इसलिए बता रहा होगा क्योंकि वह उस गेंद को पाना चाहता था।
गेंद किसकी
(क) दीपक ने गेंद को अपना बताने के लिए उसके बारे मे कौन-कौन सी
बाते बताई?
उत्तर- दीपक ने बताया कि के मेरी गेंद पाँच महीने पहले
खोई थी। उसने कहा कि मेरी गेंद मैं ऐसा लाल रंग का निशान था। मैं अपने पापा से भी कहलवा सकता हूँ। उसने कहा कि मेरी गेंद मे से ऐसे टप्पे की ही आवाज़
आती थी।
प्रश्न 2. अगर दीपक और दिनेश गेंद के बारे में फैसला करवाने तुम्हारे पास आते, तो तुम गेंद किसे देती? यह भी बताओ कि तुम यह फैसला किन बातों को ध्यान में रखकर करती?
उत्तर- मैं गेंद दिनेश को देती। दिनेश ने गेंद मिलने की बात सच-सच बता दी थी, वह बिल्कुल नई थी।
गेंद की कहानी
गेंद स्कूटर के साथ कहीं चली गई।
उसके बाद गेंद के साथ क्या – क्या हुआ होगा ? सोच
के बताओ।
उ त्तर- गेंद स्कूटर के साथ ही स्कूटर वाले के घर पहुँच गई
होगी। वहाँ उस स्कूटर वाले के बच्चे गेंद पाकर खुश हो गए
होंगे। वे उस गेंद से खूब क्रिकेट खेलते होंगे।
पहचान
मान लो तुम्हारा कोई खिलौना घर
में ही खो गया है। तुमने
अपने साथियों को घर में बुलाया था कि सब मिलकर उसे खोजे लें। तुम अपने खिलौने की पहचान के लिए अपने साथियों को कौन – कौन से बातें बताओगी? लिखो।
उत्तर- मैं अपनी साथियों से यह बताऊँगी कि मेरा खिलौना एक
नन्ही गुड़िया थी। उसके फ्रॅाक का रंग
गुलाबी था। उसके बाल सुनहरे, घने व लंबे थे।
कहाँ
सामने ही क्यारी में भिन्डियों
के ऊँचे – ऊँचे पौधे थे।
एक ओर सीताफल की घनी बेल फैली हुई थी।
सीताफल की बेल होती है और भिंडी
का पौधा बताओ और कौन – कौन
सी सब्जिया बेल और पौधे पर लगती हैं?
उत्तर –
बेल – सीताफल, लौकी, तोरी, परवल |
पौधा – बैंगन, भिन्डी, गोभी, मिर्च |
त रह-तरह की गेंदे
गेंदों के अनेक रंग-रूप होते हैं। अलग-अलग खेलों में अलग-अलग प्रकार की गेंदो का इस्तेमाल किया जाता है। नीचे दी गई जगह खेलों के अनुसार गेंदों की सूची बनाओं।
उत्तर-
क्रिकेट – फुटबॅाल, हॅाकी, टेनिस, वॅालीबॅाल |
किरमिच – चमड़ा, रबड़, प्लास्टिक, चमड़ा |
खोजो आस-पास
दिनेश चिक सरकाकर बरामदे की उर
भगा।
(क) चिक पर्दे का काम करती है पर चिक और परदे में फर्क होता है। इन दोनों में क्या अंतर है? समूह में चर्चा करो।
इसी तरह पता लगाओ की इन शब्दों
में क्या अंतर है?
1 टहनी – तना 2 पेड़ – पौधा 3 घूँस - चूहा
4 मुँडेर -चारदीवारी
उ त्तर- (क) चिक – बाँस
की तीलियों से बना होता है, जबकि पर्दा कपड़े
से बना होता है।
1 तना जमीन के ऊपर का भाग होता है
जहाँ से शाखाएँ निकलती है। टहनी पेड़ की डाली
होती जो तने से निकलती है। तना मोटा हो तो
टहनी पतली होती है।
2 पेड़ बड़ा और मजबूत होता है, जबकि पौधा छोटा और कमजोर होता है। पेड़ की लकड़ी के फर्नीचर बनाए जा सकता है, जबकि पौधे की लकड़ी काम नहीं आती।
3 घूँस बड़ा होता है, जबकि चूहा छोटा होता है। घूँस खेतों या बगीचे में बिल बनाकर रहता है, जबकि हमारे घरों में भी रहता है।
4 किसी छत के चारों ओर उठा हुआ
दिवार का उपरी भाग मुँडेर कहलाता है। चारदीवारी
किसी जमीन की को चारों ओर से घेरने के लिए बनाई गई दीवार होती है। मुंडेल की ऊंचाई कम होती है, जबकी चारदीवारी अधिक ऊंची होती है।
(ख) चिक सरकंडे से भी बनती है और तिलियों से भी।
सरकंडे से और क्या –क्या बनता है। अपने आसपास पता करो
लिखो।
उत्तर- टोकरी, सूप, कलम, चटाई
क्लब बनाएँ
मान लो तुम्हें अपने स्कूल में
एक क्लब बनाना है जो स्कूल में खेल – कूद के कार्यक्रमों की तैयारी करेगा।
(1) इस क्लब में शामिल होने और इसका चलाने आदि के बारे नियम सोचकर लिखो।
(2) तुम्हारे विचार से इस क्लब को अच्छी तरह चलाने के लिए नियमों की
जरूरत है या नहीं? अपने
जवाब का कारण बताओ।
उत्तर- क्लब के नियम-
1. खेल में रुचि रखने वाले बच्चे
इसमें शामिल होंगे।
2. क्लब की बैठक में सबको समय पर
आना होगा।
3. सभी बारी-बारी से बोलेंगे।
4. खेलकूद के बारे में सभी मिलकर
फैसला करेंगे।
5. सबको नियमों का पालन करना होगा।
6. क्लब कैप्टन की बात सभी मानेगे।
मेरे विचार से क्लब को अच्छी
तरह चलाने के लिए नियमों की जरूरत है। यदि
बिना किसी नियम के क्लब बनेगा तो उसमें सभी अपनी-अपनी चलाएँगे।
एक,दो,तीन
दिनेश ने तिमंजिली इमारत की
और देखा।
जिस इमारत में तीन मंजिलें हो , उसे तिमंजिली इमारत कहते हैं । बताओ , इन्हें
क्या कहेंगे?
उत्तर-
1.
जिस मकान में दो मंजिले हों |
दुमंजिला मकान |
सब्जी एक नाम अनेक
एक ही सब्जी या फल के नाम अलग – अलग स्थान पर अलग – अलग
होते हैं । नीचे
ऐसे कुछ नाम दिए गए हैं।
सीताफल , कांदा , बटाटा
, अमरुद , तोरी
, शरीफा , काशीफल
, बैंगन , नेनुआ
, तरबूज , कुम्हड़ा
, घीया
1. बताओं की तुम्हारे घर , शहर या कस्बे में इनमे से कौन – कौन से शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं?
2. बाकी नामों का इस्तेमाल किन – किन स्थानों पर होता है ? पता करो।
उत्तर- 1. सीताफल , अमरुद , तोरी , शरीफ , बैंगन , तरबूज , घीया
2. कंदा – गुजरात
बटाटा – गुजरात
काशीफल – उत्तर प्रदेश
नेनुआ – बिहार, उत्तर प्रदेश
कुम्हड़ा – उत्तर प्रदेश, बिहार
पाठ 4 पापा जब बच्चे थे
तुम्हारी बात
(क) पापा ने जितने काम सोचे, उनमें से तुम्हें सबसे दिलचस्प काम कौन-सा लगता है? क्यों?
उत्तर- मुझे वायुयान चालक बनना सबसे दिलचस्प काम लगा है, क्योंकि वायुयान चालक बनकर मैं आसमान में उड़ने का मजा
ले सकता हूँ।
(ख) क्या तुम्हें भी घर में बता या जाता है कि तुम्हें बड़े होकर क्या
काम करना है ? कौन
– कौन कहता है ? क्या
कहता है ?
उत्तर – हाँ, मुझे घर में भी
बताया जाता है कि मुझे बड़े होकर क्या काम करना है। मेरी मम्मी कहती कि मैं डॉक्टर बनूँ, जबकि पापा कहते हैं कि मैं इंजीनियर बनूँ ।
(ग) अपनी मम्मी है पापा से बात करो कि वह जब बच्चे थे तब बड़े होकर
क्या क्या करने की सोचते थे?
उत्तर- मेरे पापा जब बच्चे तब उन्हें खेलने में बहुत मजा आता
था। इसलिए वह खिलाड़ी बनना चाहते थे। बाद में जब स्कूल में उन्होंने देखा कि सारे बच्चे
टीचर का कहना मानते हैं तो उन्होंने टीचर बनने की सोची। फिर उन्हें लगा कि ड्राइवर बनने में तो बहुत मजा है, खूब घूमने को मिलेगा। फिर उन्होंने सोचा कि वह पुलिसवाला बनकर सब पर रोब
गाँठेंगे।
(घ) अपने घर के किसी भी एक सदस्य से उसके काम के बारे में जानकारी
हासिल करो ।
प्रश्न- पता करो उसके काम को किस
नाम से जाना जाता है ?
उत्तर – मेरी अंकल एक ऑफिस में काम करते हैं। क्लर्क के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न- उस काम को अच्छी तरह
करने के लिए कौन-कौन सी बातें मालूम होनी चाहिए ?
उत्तर- उस काम को अच्छी तरह करने के लिए हिंदी और अंग्रेजी
पढ़ना-लिखना आना चाहिए। हिसाब-किताब करना
आना चाहिए। कंप्यूटर चलाने की जानकारी होनी चाहिए।
प्रश्न- उन्हें अपने काम में किन
बातों से परेशानी होती है ?
उत्तर- जब वह किसी एक काम को कर रहे होते हैं और बीच में कोई
दूसरा काम लेकर पहुँच जाता है, तब उन्हें परेशानी
होती है।
कहानी से आगे
शुरू-शुरू में पापा चौकीदार बनना
चाहते थे।
(क) चौकीदार रात को भी काम करते हैं। इसके अलावा और कौन-कौन से कामों में रात को जागना पड़ता है?
उत्तर- अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर और नर्सों को रात को
जगना पड़ता है।
ड्राइवर, पुलिस वाले, फ़ौजी, कॉल सेंटर वाले भी रात को जागकर काम करते हैं।
(ख) क्या तुम किसी व्यक्ति को जानते हो जो एक से ज्यादा तरह के काम
करता है ? उस
व्यक्ति के बारे में बताओ ।
उत्तर – मेरे पडोसी अंकल एक से ज्यादा तरह के काम करते हैं। वे सुबह-सुबह दूध बाँटते हैं। फिर एक फैक्टरी में ड्यूटी करने जाते हैं। शाम को गोलगप्पे की दुकान लगाते हैं।
पापा खेलें-शेख चिल्ली कहता है
पापा अपने पैर से कान के पीछे
नहीं खु जा पाते थे । आओ
देखें, तुम कौन-कौन से काम कर सकती हो ! एक खेल खेलते हैं। खेल का नाम है- शेखचिल्ली कहता है । तुममें से एक बनेगा शेख चिल्ली । जो शेखचिल्ली कहेगा , बा
की सबको वैसे ही करना है ।
शेखचिल्ली इस तरह के आदेश दे
सकता है –
शेखचिल्ली कह ता हैं – अपने दाएं हाथ को सिर के पीछे से ले जाकर नाक को पकड़ो
अपने दाएं हाथ को दा यी टाँग के
नीचे से ले जाकर दा याँ कान पकड़ो ।
शेखचिल्ली कह ता हैं – खड़े होकर झुको।
अपने हाथों से पैरों को छु ओ।
सर अपने घुटनों से लगाओ
ध्यान रहे , तुम्हें केवल वही आदेश मान न है जिसके साथ जुड़ा हो – शेखचिल्ली क हता है ! अगर तुमने कोई और आदेश मान लिया तो तुम खेल से
बाहर हो जाओगे ।
सोच-विचार
अफसर के जाने के बाद पापा बहुत
सोचते रहे । बताओ, वह क्या-क्या सोच रहे होंगे ? सही(सत्य ) का निशान लगाओ ।
* यह अफ सर आख़िर है कौन ?
* अब मैं रोज़ – रोज़ अपना इरादा नहीं बदल सकता ।
* कुत्ता बनना बड़ा कठिन काम है ।
* ये फौजी अफसर मुझ पर हँसा क्यों
नहीं, बाकी सब तो हँसा हैं।
* इस अफसर को कुत्ता बनना नहीं आता
। इसलिए
मुझे बहका रहा है ।
उत्तर – यह आखिर अफसर है?
* अब मैं रोज-रोज अपना इरादा नहीं
बदल सकता।
* कुत्ता बनना बड़ा कठिन काम है।
* यह फौजी अफसर मुझ पर हँसा क्यों
नहीं, बाकी सब तो हँसते हैं।
* इस अफसर को कुत्ता बनना नहीं
आता। इसलिए मुझे बहका रहा है।
* मुझे तो पता नहीं कि इंसान किसे
कहते हैं।
* मैं इंसान बनना चाहता हूँ।
अगर…..
पापा ने कहा, “अपना ठेला मैं स्टेशन के पास ही खड़ा करूँगा।”
(क) अगर तुम पापा की जगह होतीं तो ठेला कहाँ लगातीं? ऐसा तुमने क्यों तय किया?
(ख) अगर तुम रेल से सफ़र करोगी तो तुम्हे प्लेटफॅार्म और रेलगाड़ी में
कौन-कौन लोग नज़र आएँगे?
उत्तर-(क) अगर मैं पाप की जगह होती तो बाजार में ठेला लगाती। ऐसा मैंने इसलिए तय किया क्योंकि बाज़ार में अधिक
बिक्री होगी।
(ख) प्लेटफॅार्म और रेलगाड़ी में
मुझे मुसाफिर, कुली, टी.टी.ई., सिपाही, सामान बेचें वाले
आदि नज़र आएँगे।
परिवार
पापा के पापा को दादा कहते हैं। इन्हें तुम अपने घरमें क्या कहकर बुलाओगी?
पापा के पापा |
|
माँ के पापा |
पापा की माँ |
|
माँ की माँ |
पापा के बड़े भाई |
|
माँ के भाई |
पापा की बहन |
|
माँ की बहन |
पापा के छोटे भाई |
|
बहन के पति |
उत्तर-
पापा के पापा |
दादा जी |
माँ के पापा |
पापा की माँ |
दादा जी |
माँ की माँ |
पापा के बड़े भाई |
ताऊ जी |
माँ के भाई |
पापा की बहन |
बुआ जी |
माँ की बहन |
पापा के छोटे भाई |
चाचा जी |
बहन के पति |
एक शब्द के बदले दूसरा
पापा कोई वायुयान चालक बनने की
सू झी। इसके
बाद उन्होंने अभिनेता बनने की सो ची। इसके अलावा वह जहाज बनाना चाहते थे ।
ऊपर के वाक्य में उन्होंने और वह का इस्तेमाल पापा की जगह पर हुआ है । हम अक्सर एक ही शब्द को दोहराने की बजाय उसकी जगह किसी दूसरे शब्द का
इस्तेमाल करते हैं मैं , तुम , इसऐ से ही शब्द है ।
(क) पार्ट में ऐसे शब्दों के पाँच उ दाह रण छाँटो ।
उत्तर –(1) पापा जब बच्चे थे तो उनसे अक्सर पूछा जाता था।
(2) मगर उनका जवाब
हर बार अलग-अलग होता था।
(3) उन्हें पक्का यकीन था कि वह बड़े होकर चौकीदार ही बनेंगे।
(4) यह सचमुच समस्या थी।
(5) उसे अगली यात्रा के लिए तैयार करना होता है।
(ख) इनकी मदद से वाक्य बनाओ ।
उत्तर –(1) उनसे – राधा
ने उनसे कोई बात नहीं की।
(2) उनका – अभिनव उनका बड़ा भाई है।
(3) उन्हें – उन्हें क्यों नहीं आए।
(4) यह – यह पूनम की किताब है
(5) उसे – उसे आइसक्रीम बहुत
अच्छी लगती है।
कौन-किस्में तेज
* सभी बच्चे और बड़े किस न किसी काम में माहिर होते हैं । कोई साईकिल चलाने में होशियार होता तो कोई चित्र बनाने में तेज होता
है । तुम्हारे
दोस् तों और परिवार में कौन किस काम में माहिर है ? उनके नाम लिखो ।
* जो बढ़िया कहानि गढ़ सकते हैं …….
* जो खूबसूरत कढ़ाई कर सकते हैं …….
* जो कलाबाजिया ँ खा सकते हैं …….
* जो दूसरों की बढ़िया नकल उतार
सकते हैं …..
* जो हा थ से बढ़िया स्वेटर बुन
सकते हैं ……
* जो सबके सामने किसी चीज के बारे
में दो मिनट तक बता सकते हैं …
* जो कठिन पहेलिया सुलझा सकते हैं …….
* जो खुलकर जोर से ह ँ स सकते हैं …….
* जो तरह – तरह की आवाजे बना सकते हैं ……
* जो अंदाजे से ही चीजों का सही माप
या वजन बता सकते हैं …
* जो बढ़िया अभिनय कर सकते हैं ……..
* जो बेकार पड़ी चीजो से सुंदर
चीजें बना सकते हैं .
उत्तर – बच्चे अपने दोस्त और परिवार के उन लोगों के नाम लिखे
जो यह काम करने में माहिर हैं।
तुम किन-किन चीजों में माहिर जो, यह भी बताओ ।
उत्तर – में ड्राइंग बनाने, क्रिकेट
खेलने और गिटार बजाने में माहिर हूँ।
नोट – बच्चे अपनी रुचि के अनुसार लिखे कि वे किन चीजों में
माहिर हैं। जैसे ड्राइंग, गीत गाना, क्रिकेट खेलना, पढ़ना-लिखना, तबला बजाना आदि।
कैसे थे पापा
नीचे लिखी पंक्तियाँ पढो। इन पक्तियों के आधार पर बातों की तुम पापा के बारे में क्या सोचती हो?
(क) पापा के पास जवाब हमेशा तैयार होता था।
ऐसा लगता है की पापा बहुत चतुर
थे।
(ख) पापा का जवाब हमेशा अलग-अलग होता था।
ऐसा लगता है कि …………..
(ग) मैं छोटे बच्चों को मुफ्त में आइसक्रीम दिया करूँगा।
ऐसा लगता है कि ………….
(घ) रात में करने के लिए होता ही क्या है? रात में मैं चौकीदारी करूँगा।
ऐसा लगता है कि ……….
उत्तर-(क) पापा बहुत चतुर थे।
(ख) पापा चंचल मन वाले थे और वे
भ्रम में पद हुए थे।
(ग) पापा बच्चों से बहुत प्यार
करते थे।
(घ) पापा हमेशा काम करते रहना
चाहते थे।
तुम्हारे सवाल
कहानी के बारे में कई पाँच
प्रश्न बनाकर नीचे दी जगह में लिखो। कॉपी में उनके उत्तर लिखो।
प्रश्न 1. नस्सिरुद्दीन किससे मिलकर बहुत खुश हुए?
उत्तर- नसीरुद्दीन जमाल साहब से मिलकर बहुत खुश हुए।
प्रश्न 2. नसीरुद्दीन ने हुसैन साहब से क्या कहा?
उत्तर- नसीरुद्दीन ने हुसैन साहब से कहा की जमाल साहब मेरे
पुराने दोस्त है और इन्होने जो अचकन पहनी है वह इनकी अपनी ही है।
प्रश्न 3. नसीरुद्दीन ने अपने पडोसी को जमाल साहब की पोशाक के बारे में क्या
बताया?
उत्तर- उन्होंने जो अचकन पहन रखी है, वह मेरी है।
प्रश्न 4. जमाल साहब ने नसीरुद्दीन को क्या समझाया?
उत्तर- जमाल साहब ने नसीरुद्दीन को समझाया कि पोशाक के बारे
में न कहना ही अच्छा है।
प्रश्न 5. जमाल साहब ने घुमाने जाने से क्यों मना कर दिया?
उत्तर- जमाल साहब की पोशाक मामूली सी थी, इसलिए उन्होंने घुमाने जाने से मना कर दिया।
तुम्हारी बात
नसीरुद्दीन और जमाल साहब बनठन कर
घूमने के लिए निकले।
(क) तुम बनठन कर कहाँ-कहाँ जाते हो?
उत्तर- मैं बनठन कर अपने दोस्तों के जन्मदिन की पार्टी में और
अपने रिश्तेदारों के घर जाता हूँ।
(ख) तुम किस-किस तरह से बनते-ठनते हो?
उत्तर- मैं नहा-धोकर नए कपड़े पहनता हूँ। कंघी करता हूँ तथा पॅालिश किए जुते पहनता हूँ।
तुम्हारी समझ से
(क) तीसरे मकान से बाहर निकलकर जमाल साहब ने नसीरुद्दीन से क्या कहा
होगा?
उत्तर- जमाल साहब ने कहा होगा कि मैंने अचकन के बारे में कुछ
न कहने को कहा था, फिर तुमने उसका जिक्र ही क्यों किया।
(ख) जमाल साहब अपने मामूली से कपड़ों में घूमने क्यों नहीं जाना चाहते
होंगे?
उत्तर- जमाल साहब मामूली से कपड़ों में घूमते तो लोग कहते कि
उनके पास अच्छे कपड़े नहीं है। इसलिए जमाल साहब
अपने मामूली से कपड़ों में घूमने नहीं जाना चाहते होंगे।
(ग) नसीरुद्दीन अपनी अचकन के बारे में हमेशा क्यों बताते होंगे?
उत्तर- नसीरुद्दीन एक मजाकिया इंसान थे। वे अपने दोस्त से मजाक करे के लिए अपनी अचकन के बारे
में हमेशा बताते होंगे।
गपशप
जब जमाल साहब और नसरुद्दीन हुसैन
साहब के घर से बाहर निकले तो उन्होंने अपनी बेगम को नसरुद्दीन और जमाल साहब से
मुलाकात का किस्सा सुनाया। उन दोनों के बीच में क्या बातचीत हुई होगी?
लिखकर बताओ
बेगम – कौन आया था?
हुसैन साहब – नसरुद्दीन अपने दोस्त के साथ आया था।
बेगम – ……….
उत्तर- बेगम किस दोस्त के साथ?
हुसैन साहब – जमाल नाम का कोई पुराना दोस्त था।
बेगम – (हँसती हुई) तब जरुर ही वह अचकन उसकी अपनी नहीं
होगी।
हुसैन साहब – हाँ, हाँ! उसने तो नसरुद्दीन की ही अचकन पहन रखी थी
घूमना-फिरना
नसरुद्दीन ने कहा, “चलो दोस्त, मोहल्ले
में घूम आएँ।”
जब नसरुद्दीन दिन अपने दोस्त से
मिले, वे उसे अपना मोहल्ला दिखाने ले गए।
जब तुम अपने दोस्तों से मिलते हो, तब क्या क्या करते हो?
उत्तर- मैं जब अपने दोस्तों से मिलता हूँ तब उनके साथ
खाता-पीता हूँ।
उन्हें साथ लेकर पार्क में
घूमने जाता हूँ और उनके साथ खेलता हूँ।
करके दिखाओ
नीचे कुछ वाक्य लिखे हैं। तुम्हें इनका अभिनय करना है। तुम चाहो तो कहानी में देख सकते हो कि इन कामों का जिक्र कहाँ आया है।
* बनठन कर घूमने के लिए निकलना।
* घड़ों पानी पड़ना।
* मुँह बनाकर शिकायत करना।
* गर्मजोशी से स्वागत करना।
* नाराज होना।
* देखते ही रह जाना।
उत्तर- घर में इनके अभिनय का अभ्यास करो।
घड़ों पानी पड़ना
नसरुद्दीन की बात सुनकर जमाल
साहब पर तो मानो घड़ों पानी पड़ गया।
(क) घड़ो पानी पडना-एक मुहावरा है। इसका मतलब क्या हो सकता है? पता लगाओ। तुम
इसका मतलब पता करने के लिए अपने साथियों या बड़ों से बातचीत कर सकते हो या शब्दकोश
देख सकते हो।
उत्तर- घड़ो पानी पड़ना – बहुत
लज्जित होना।
(ख) इस मुहावरे को सुनकर मन में एक चित्र सा बनता है। तुम भी किन्हीं दो मुहावरों के बारे में चित्र बनाओ। कुछ मुहावरे हम दे देते हैं। तुम चाहो तो इनमे से कोई पसंद कर सकते हो-
* सिर मुडाते ही ओले पड़ना * ऊँट
के मुँह में जीरा
* दिया तले अँधेरा
* ईद का चाँद नसरुद्दीन निकालकर लाए
उत्तर-
कौन है कैसा
नासिरिद्दीन एक भड़कीली अचकन
निकालकर लाए।
भड़कीला शब्द बता रहा है कि अचकन
कैसी थी। कहानी
में से ऐसे ही और शब्द छाँटों जो किसी के बारे में कुछ बत्ताते हो। उन्हें छाँटकर नीचे दी गई दी गई जगह में लिखो।
देखे, कौन सबसे ज्यादा ऐसे शब्द ढूँढ़ पता है।
पुराना दोस्त ……. …….
……. ……. …….
……. ……. …….
भड़कीली, पुराना जैसे शब्द किसी के बारे में कुछ ख़ास या विशेष बात बता रहे हैं। इसलिए इन्हें विशेषण कहते हैं।
उत्तर- मामूली सी पोशाक, खास दोस्त
कैसी अकल, अन्य पड़ोसी
अपनी अचकन , यह अचकन
पास-पड़ोस
पडोस के घर में जाकर नसीरुद्दीन
पड़ोसी से मिले।
तुम अपने पड़ोसी बच्चों के साथ
बहुत-से खेल खेलते हो। पर
क्या तुम उनके परिवार के बारे में जानते हो?
चलो, दोस्तों के बारे में और जाकारी इकट्ठा करते है। यदि तुम चाहो तो उनसे ये बातें पूछ सकते हो-
* घर में कुल कितने लोग हैं?
* उनके नाम क्या हैं?
* उनकी आयु क्या हैं?
* वे क्या काम करते हैं?
इसी सूची में तुम अपने मन से
बहुत-से सवाल जोड़-सकते हो।
उत्तर- अपने पड़ोसी बच्चों और उनके परिवार वालों से ये प्रश्न
पूछकर जानकारी इकट्ठी करो।
शब्दों का हेरफेर
झूठा-जूठा
इन शब्दों को बोलकर देखो। ये मिलती-जुलती आवाज वाले शब्द हैं। जरा से अंतर से भी शब्द का अर्थ बदल जाता है।
नीचे इसी तरह के कुछ शब्दों के
जोड़ दिए गए हैं। इन
सबके अर्थ अलग-अलग हैं। इन
शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करो।
घड़ा – गढ़ा घूम – झूम राज – राज़ फन – फ़न
सजा – सज़ा खोल – खौल
उत्तर-
घड़ा – कुम्हार घड़ा बनाता है।
गढ़ा – तुमने सुन्दर मूर्ति गढ़ी है।
घूम – बच्चे पार्क में घूम रहे थे।
झूम – पौधे हवा से झूम रहे हैं।
राज – पुराने समय में यहाँ मुगलों का राज था।
राज़ – सबको तुम्हारे इस राज़ का पता चल गया है।
फ़न – तानसेन अपने फ़न में माहिर था।
फन – साँप ने अपना फन उठा लिया।
सजा – दिवाली के दिन सारा शहर सजा हुआ था।
सज़ा – चोर को सज़ा जरुर मिलेगी।
खोल – मम्मी ने दरवाज़ा खोल दिया।
खौल – उबला हुआ पानी खौल रहा था।
कविता से
क्या कहते? मेरे क्या बस का?
(क) भैया ने क्या बहाना किया? क्यों?
उत्तर- भैया ने बहाना बनाया कि नाव बनाना मेरे बस का काम नहीं
है। इसका कारण यह था कि भैया को बाज़ार से कागज़ लाकर नाव
बनानने में आलास आ रहा था।
बूँदों-लहरों लड़ती-बढ़ती।
(ख) कागज़ बूँदों और लहरों से लड़ते हुए आगे बढ़ रही है?
उत्तर- कागज़ की नाव बूँदों और लहरों से लड़ते हुए आगे बढ़ रही
है।
गुल्लक भरी, अपनी खोलो।
(ग) किसकी गुल्लक भारी है? किसकी गुल्लक हल्की है?
उत्तर- भैया की गुल्लक भारी है। तथा बच्चे की गुल्लक हल्की है।
नाव की कहानी
एक बार फिर से कविता पढ़ो। इस कविता में एक नाव के बनने और पानी में सफाई करने की कहानी छिपी है। मान लो तुम ही वह नाव हो। अब अपनी कहानी सबको सुनाओ।
शुरूआत हम कर देते हैं।
मैं एक नाव हूँ। मैं कागज़ से बनी हूँ। मुझे
एक लड़के ने बनाया
उसका नाम तो मुझे नहीं पता पर ………….
उत्तर- ……….. वह मेरे बनने पर बहुत ही खुश हो गया। रिमझिम-रिमझिम बारिश हो रही थी। चारों ओर पानी भर चुका था। उसने मुझे पानी में छोड़ दिया। मैं पानी की लहरों के सहारे आगे बढ़ती रही थी। तभी बहुत तेज बारिश होने लगी। मैं पूरी तरह भीग गई और बिजली के एक खंभे के पास
जा कर रुक गई।
आह! बारिश!
तुमने बरसात पर पहले भी कभी कोई
कविता या लोकगीत सुना होगा। उसे नीचे दी गई जगह पर लिखो।
उतर- वर्षा आई
वर्षा आई….. वर्षा आई……।
रिमझिम-रिमझिम वर्षा आई।
घने-काले बादल आए,
उमड़-घुमड़ कर नभ पर छाए।
मोर नाचने लगे मस्त हो
मेंढक ने भी गीत सुनाए।
नभ बिजली लगी चमकने,
सोंधी धरती लगी महकने।
रंग-बिरंगी नाव चल पड़ी
चंचल-सी लहरों पर बहने।
धारती पर भी हरियाली छाई
रिमझिम-रिमझिम वर्षा आई।
प्रश्न- इस कविता को पढ़ते समय तुम्हारे मन में कोई चित्र आए होंगे। उनके बारे में बताओ उनका चित्र बनाओ।
उत्तर– इस कविता को पढ़ते समय हमारे मन में कागज़ की नाव, बरसात के दिन तथा बचपन में खेलकूद के चित्र आते हैं।
सचमुच
प्रश्न- पानी सचमुच खूब पड़ेगा।
सचमुच का इस्तेमाल करते हुए तुम भी दो वाक्य बनाओ।
उत्तर– (क) सचमुच बादल घिर आए हैं।
(घ) सचमुच पानी जमकर बरसा।
सात समुंद्र
घिर-घिर कर बादल छाया है,
सात समुन्दर भर लाया है।
(क) पता करो, सात
समुंद्र कौन-कौन से होंगे जिनसे बादल पानी भरकर लाया है।
उत्तर- 1. हिन्द महासागर, 2. प्रशांत महासागर, 3. अटलांटिक महासागर,
4. उत्तरी ध्रुव महासागर,
5. दक्षिणी ध्रुव महासागर,
6. अरब सागर, 7. बंगाल की खाड़ी
(ख) क्या सचमुच बारिश के बादल समुंद्र से पानी लाते है? वे इतना सारा पानी कैसे लाते होंगे? आपस में बातचीत करके पता करो।
(तुम इस काम में बड़ों की या किताबों की मदद भी ले सकती हो।)
उत्तर- हाँ, बारिश के बादल
सचमुच समुंद्र से पानी लाते हैं। सूरज की गर्मी से
समुद्र का पानी भाप बनकर आकाश में चला जाता है। वहाँ इकट्ठी हुई भाप धीरे-धीरे ठंडी होकर पानी
की बूँदो शक्ल ले लेती है। वही बूँदे बादल का
रूप लेकर पानी बरसाने लगती है।
तरह-तरह की नावें
तुम कागज से कितनी तरह की नाव बना सकते हो? बनाकर कक्षा दिखाओ। उनमें से किसी एक के बारे में लिखकर बताओ कि तुमने वह कैसे बनाई?
उत्तर– कागज की नाव बना कर विद्यार्थी अपनी कक्षा में दिखाएँ।
आई बरसात
(क) बरसात के दिनों में अक्सर घरों के दरवाजे और खिड़कियों से पानी की बौछार आ जाती है।कभी–कभी
छत से पानी टपकने लगता है, सीलन भी आ जाती है। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए तुम्हारे घर में क्या-क्या किया जाता
है?
उत्तर– जब हमारे घर के दरवाजे और खिडकियों से पानी की बौछार
आती है, तब हम सारे दरवाजे खिड़कियाँ बंद कर लेते हैं।
जब छत से पानी टपकता है
प्लास्टिक बिछा दिया जाता है बाद में टपकने वाली या सीलन वाली जगह की मरम्मत
कराई जाती है।
(ख) बारिश के मौसम में गलियों और सड़कों पर भी पानी भर जाता है। तुम्हारे मोहल्ले और घर के आस–पास
बारिश आने पर क्या–क्या
होता है? बताओ।
उत्तर– हमारे मोहल्ले और घर के आस-पास बाहर जाने पर सारी
गलियाँ पानी से भर जाती है। थोड़ी देर में पानी
सीवर में बह जाता है।
काम वाले शब्द
(क) पिछले साल रिमझिम में तुमने पढ़ा था कि बनाना काम वाला शब्द होता है। काम वाले शब्दों को क्रिया कहते हैं। इस कविता में ढ़ेर सारी क्रियाँए या काम वाले शब्द आए है। उन्हें छाँटो और
नीचे लिखो।
उत्तर- आना, घिरना, छाना, लाना, पड़ना, भरना, धरना, लहराना, खोलना, टटोलना, चलाना, अड़ना, लड़ना, बढ़ना, गढ़ना, हर्षाना
(ख) तुमने जो क्रियाएँ छाँटी हैं, वर्णमाला के हिसाब से उनके आगे 1,2,3 आदि लिखकर उन्हें क्रम में लगाओ।
उत्तर- 1. अड़ना, 2. आना, 3. खोलना, 4. गढ़ना,
5. घिरना, 6. चलाना, 7. छाना, 8. टटोलना,
9. धरना, 10. पड़ना, 11. बढ़ना, 12. भरना,
13. लड़ना, 14. लहराना, 15. लाना, 16. हर्षाना
पाठ- 7. दान
का हिसाब
कहानी से
(क) राजा किसी को भी दान क्यों नहीं देना चाहता था?
उत्तर- राजा अपनी सुख-सुविधा पर तो बहुत खर्च करता था लेकिन
दूसरों के लिए बहुत कंजूस था। इसलिए वह किसी को
भी दान नहीं देना चाहता था।
(ख) राज दरबा र लोग मन ही मन राजा को बु रा कहते थे । लेकिन वे राजा का विरोध क्यों नहीं कर पाते थे?
उत्तर – वे राजा का विरोध नहीं कर पाते थे। वे राजा से बहुत डरते थे। उन्हें इस बात का डर था कि राजा कही उन्हें दंड न दे
बैठे।
(ग) राजसभा में सज्जन और विद्वान लोग क्यों नहीं जाते थे
उत्तर – राजसभा में सज्जन और विद्वान लोग इसलिए नहीं जाते थे। क्योंकि वहाँ पर उनका सत्कार बिल्कुल नहीं होता था।
(घ) सन्यासी ने सीधे-सीधे शब्दों में भिक्षा क्यों नहीं माँग ली?
उत्तर- यदि सन्यासी सीधे-सीधे शब्दों में भिक्षा माँगता तो
राजा इतनी बड़ी रकम देने के लिए कभी तैयार नहीं होता। ऐसे संन्यासी ने ऐसे तरीके से भिक्षा माँगी की राजा ने
उसे बहुत छोटी रकम समझ बैठा।
(ङ) राजा को सन्यासी के आगे गिड़गिड़ाने की जरूरत क्यों पड़ी?
उत्तर- राजा ने सन्यासी को भिक्षा देने का जो वचन दिया था। उसके अनुसार उसके खजाने से दस लाख खजाने से भी अधिक
रूपए निकल जाते और राजा दिवालिया हो जाता। राजकोष
बचाने के लिए उसे संन्यासी के आगे गिड़गिड़ाने की जरूरत पड़ी।
अंदाज अपना-अपना
तुम नीचे दिए गए वाक्यों को किस
तरह से कहोगे?
(क) दान के वक्त उनकी मुट्ठी बंद हो जाती थी।
उत्तर – दान के समय में कंजूसी करने लगते थे।
(ख) हिसाब देकर मंत्री का चेहरा फीका पड़ गया।
उत्तर – हिसाब देकर मंत्री घबरा गया।
(ग) सं न् यासी की बात सुनकर सभी की जान में जान आई।
उत्तर – सन्यासी की बात सुनकर सभी को राहत महसूस हुई।
(घ) लाखों रूपए राजकोष में मौजूद है। जैसे धन का सागर हो।
उत्तर – राजकोष में धन के सागर मानो लाखों रुपए मौजूद है।
साथी हाथ बढ़ाना
कभी-कभी कुछ इलाकों में बारिश
बिल्कुल भी नहीं होती । नदी
– नाले , तालाब
, सब सूखे जाते हैं । फसलों के लिए पानी नहीं मिलता । खेत स ू ख जाते हैं । पशु-पक्षी , जानवर
, लोग भूख म रने लगते हैं । ऐसे में समय में वहा ँ रहने वाले लोगों की मदद की जरूरत होती है । तुम भी लोगों की मदद जरूर कर सकते हो । सोच कर बताओ तुम अ काल में परेशान लोगों की मदद कैसे करोगे?
उत्तर – अकाल में परेशान लोगों की मदद के लिए मैं अपनी कक्षा
के सारे बच्चों को इकट्ठा करूँगा। हम सब मिलकर पैसे
इकट्ठे करेंगे और उससे खाने-पीने की चीजें खरीदकर वहाँ तक पहुँचाएँगे। हम बड़े लोगों से भी प्रार्थना करेंगे कि वह उनकी मदद
करें।
जिम्मेदारी अपनी-अपनी
तुम्हारे विचार से राज दरबार में
किसकी क्या-क्या जिम्मेदारियाँ होंगी? (क) मंत्री (ख) भंडारी
उत्तर – (क) मंत्री – मंत्री पूरे राज्य की देखरेख करता है। वह हर मामले में राजा को सलाह देता है, जिससे राजकाल अच्छी तरह से चलता रहे। उसी की सलाह से राजा दूसरे कर्मचारियों को नियुक्त
करता है।
(ख) भंडारी – भंडारी
राजा के खजाने की देखभाल करता है। वह राजकोष का सारा
हिसाब-किताब रखता है। राजा के आदेश पर वह
लेन-देन करता है।
करण जैसा दानी
सभी ने कहा, “हमारे महाराज कर्ण जैसे ही दानी हैं।”
पता करो की –
(क) कर्ण कौन थे?
उत्तर- कर्ण कुंती के सबसे बड़े पुत्र थे। वे बहुत दानी थे।
(ख) कर्ण जैसे दानी का क्या मतलब है?
उत्तर- कर्ण जैसे दानी का मतलब है- अपना सब कुछ दान में दे
देने वाला बहुत दानी।
(ग) दान क्या होता है?
उत्तर- जब किसी जरूरतमंद को कोई चीज किरात में दे दी जाती है
तो उसे दान कहा जाता है।
(घ) किन-किन कारणों से लोग दान करते हैं?
उत्तर- दूसरों की मदद करने के लिए लोग दान करते हैं।
कुछ लोग नाम कमाने के लिए दान
करते हैं।
कुछ लोग पुण्य कमाने के लिए दान
करते हैं।
कहानी और तुम
(क) राजा राजकोष के धन का उपयोग किन-किन कामों में करता था?
तुम्हारे घर में जो पैसा आता है
वह कहा ँ- कहा ँ खर्च होता है ? पता
करके लिखो।
उत्तर – राजा राजकोष के धन का उपयोग सुगंधित वस्त्रों, मनोरंजन और महल की सजावट में करता था। मेरे घर में जो पैसा था वह निम्न कार्यों में खर्च
होता है:-
खाने-पीने का सामान खरीदने में, कपड़े खरीदने में, बिजली-पानी
का बिल भरने में, टेलीफोन का बिल भरने में, हमारी पढ़ाई-लिखाई में, इधर-उधर
आने-जाने में, पूजा-पाठ में दवाइयाँ खरीदने में।
(ख) अकाल के समय लोग राजा से कौन-कौन से काम करवाना चाहते थे?
तुम अपने स्कूल या इलाके में
क्या-क्या काम करवाना चाहते हो?
उत्तर – लोग चाहते थे कि अकाल के समय राजा राजकोष से दस हजार
रूपए दे दे जिससे वह लोग दूसरे देशों से अनाज खरीदकर अपनी जान बचा सकें।
मैं चाहता हूँ कि पार्क में
अच्छे-अच्छे फूल-पौधे लगाए जाएँ। वहाँ खेलने के लिए
झूले आदि भी लगाया जाएँ।
कैसा राजा!
(क) राजा किसी को दान देना पसंद नहीं करता था।
तुम्हारे विचार से राजा सही था
या गलत?
अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
उत्तर – राजा गलत था, क्योंकि मुसीबत के
समय प्रजा की रक्षा करना राजा का कर्तव्य होता है।
(ख) राजा दान देने के अलावा और किन – किन तरीकों से लोगों की सहायता कर सकता था?
उत्तर – आज अपने भंडार से लोगों में अनाज बाँट सकता था। वह गाँव में कुएँ और नहर खुदवा सकता था जिसके भविष्य
में अकाल की नौबत ही न आए।
पूर्व और पूर्व
पूर्वी सीमा के लोग भूखे मरने लगे।
(क) पूर्व शब्द के दो अर्थ हैं
पूर्व – एक दिशा
पूर्व – पहले
आगे ऐसे ही कुछ और शब्द दिए गए
हैं जिनके दो-दो अर्थ हैं। इनका प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।
उत्तर – जल –
वर्षा होने पर चरों तरफ जल भर गया।
गर्म पानी गिर जाने से मेरा हाथ जल गया।
मन – फेल होने की बात सुनकर सीमा का मन उदास हो गया।
आज हमने चार मन गेहूँ
खरीदा।
मगर – मगर ने बन्दर से अपना
कलेजा लाने को कहा।
आभा ने बहुत कोशिश की मगर जो सफलता नहीं मिली।
(ख) नीचे चार दिशाओं के नाम लिखे हैं।
तुम्हारे घर और स्कूल के आसपास
इन दिशाओं में क्या-क्या है?
तालिका भरो-
दिशा ।। घर के पास ।। स्कूल के पास
पूर्व
पश्चिम
उत्तर
दक्षिण
उत्तर – बच्चे स्वयं अपने-अपने घर और स्कूल के अनुसार दिशाओं
में पड़ने वाली चीजों के नाम लिखे। जैसे – सड़क, मंदिर, पार्क, मकान आदि।
कविता
(क) कविता पढ़कर बताओ की शरारती जीव घर में कहा-कहा गया?
उत्तर- यह शरारती जीव कपड़ों तथा पुस्तकों की अलमारी में, रसोईघरों में, तस्वीर टँगी दीवार
पर, जूते रखने के स्थान पर, कपड़े
फैलाने की डोरी पर और घर के प्रत्येक कोने में गया।
(ख) किस तरह की चीजों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ?
उत्तर – सबसे ज्यादा नुकसान अनाज, कपड़ों और पुस्तकों का हुआ।
(ग) कविता में बहुत से नुकसान गिनाए गए हैं । तुम्हारे हिसाब से इनमें से कौन – सा नुकसान सबसे बड़ा है ? क्यों?
उत्तर- इनमें से पुस्तकों का नुकसान सबसे बड़ा नुकसान है। इसका कारण यह है की पुस्तके बहुमूल्य होती है। यदि पुरानी पुस्तक खराब हो जाए तो वह दुबारा नहीं मिल
सकेगी।
(घ) इस कविता में किन शैता नियों की बात कही गई है ? तुमने कैसे अनुमान लगाया?
उत्तर – इस कविता में चूहे की शैतानियों की बात कही गई है, क्योंकि चूहा कपड़े, रस्सी
और किताब उतरता है। वही रात भर घर में
खुर-खुर करता रहता है।
कभी कुतर जाता है चप्पल
शरारती जीव ने बहुत सारी चीजों
को कुतरा, बिखरा
या और काटा।
अब तुम बताओ कि किन-किन चीजों
को-
उत्तर –
कुतरा जा सकता है |
बिखराया जा सकता है |
काटा जा सकता है |
कपड़ा |
अनाज़ |
रस्सी |
कागज़ |
चीनी |
कपड़ा |
हल्के प्लास्टिक की चीज़ें |
नमक |
कागज़ |
चमड़े से बनी चीज़े |
दूध |
तार |
कबाड़ का हिसाब
(क) कबाड़ी क्या-क्या सामान खरीदते हैं?
उत्तर- कबाड़ी पुराने अखबार, किताबें, कॉपियाँ, लोहा, प्लास्टिक, शीशे से बनी चीजें
आदि खरीदते हैं।
(ख) तुम्हारे घर से सामान ले जाकर कबाड़ी उसका क्या करते हैं?
उत्तर – हमारे समान ले जाकर कबाड़ी उसे फैक्ट्रियों में बेच
देते हैं।
(ग) पता करो कि पुराना अखबार या र द्दी किस भाव से बिकते हैं?
उत्तर – पुराने अखबार या रद्दी सात रुपए प्रति किलो के भाव
बिकते हैं।
(घ) अगर कबाड़ी तुम्हारे घर का कबा ड़ न खरीदे तो क्या होगा?
उत्तर – अगर हम हमारे घर का कबाड़ ने खरीदे तो हमारा घर कबाड़
से भर जाएगा।
घुसपैठ
(क) तुम्हारे घर में भी यदि शरारती जीव है या उसकी फौज घुस गई है तो
पता करो कि उ स से कैसे निपटा जाता है।
उत्तर – इस शरारती जीव यानी चूहे या उसकी फौज से निबटने के लिए
मेरे घर में चूहेदानी का इस्तेमाल किया जाता है। इस चीज से निबटने के लिए हम बिल्ली भी पालते हैं।
(ख) इ स शरा र ती जीत के अलावा और कौन-कौन सी जी तुम्हारे घर में घुस
जाते हैं।
उत्तर – बिल्ली, कॉक्रोच, चीटियाँ, छिपकली, मकड़ी, मच्छर।
बूझो
नीचे लिखी कविता की पंक्तियाँ
पढ़ो । जिन
शब्दों के नीच रेखा खिंची है , उसका
अर्थ आपस में चर्चा करके बताओ।
(क) कभी खलीता प र बन आती
अन जा ने पैसा गिर जाता
उत्तर – खलीता – थैली
(ख) रो ज टाँगता ढो-धोकर में
कौन उठा ले जाता छन्ने
उत्तर- छन्ने – छानने वाला बारीक
कपड़ा।
(ग) रोज़ रत-भर जगता रहता
खुर-खुर इधर-उधर है धाता
उत्तर – धाता – दौड़ता
प्यारे बापू
प्रश्न- इस कहानी को पढ़कर
तुम्हें बापू के बारे में कई बातें पता चली होगी। उनमे से कोई तीन बातें यहाँ लिखो।
उत्तर- 1. गाँधी जी भारत की स्वंत्रता के लिए लड़ रहे थे। 2. गाँधी जी चरखे पर कड़ी का सूत कातते थे। 3. गाँधी जी अन्याय का विरोध करते थे।
चूल्हा
धनी की माँ चूल्हा फूँक रही थी।
धनी की माँ खाना पकाने के लिए
चूल्हे का इस्तेमाल करती थी।
नीचे कुछ चित्र बने हैं। इनके नाम पता करो और लिखो।
इनमें कौन-कौन से ईंधन का
इस्तेमाल किया जाता है?
तुम्हारे घर में खाना पकाने के
लिए इनमें से किसका इस्तेमाल किया जाता है?
उत्तर-
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1. स्टोव |
2. चूल्हा |
3. गैस-स्टोव |
4. भट्ठी। |
इनमें से नीचे लिखे ईंधनो का
प्रयोग होता है-
1. स्टोव- मिट्टी का तेल
2. चूल्हा- लकड़ी
3. गैस-स्टोव- रसोई गैस
4. कोयले की भट्ठी- कोयला।
मेरे घर में खाना पकाने के लिए
गैस-स्टोव का इस्तेमाल किया जाता है।
कहानी से आगे
प्रश्न- नीचे कहानी में आए कुछ
शब्द लिखे हैं । कक्षा
में चार-चार के समूह में एक – एक
चीज के बारे में पता करो-
स्वतंत्रता , सत्याग्रह , खादी
, चरखा
तुम इ स काम में अपने दोस्तों से
, बड़ों से , शब्दकोश
या पुस्तकालय से सहायता ले सकते हो । जानकारी इकट्ठा करने के बाद कक्षा में इस के बारे में बताओ।
उत्तर – *स्वतंत्रता – आजादी।
*सत्याग्रह – सत्य के लिए किया गया हठ।
*खादी – खद्दर, चरखे से बनाए गए
धागे से बना मोटा कपड़ा।
*चरखा – सूत (धागा) कातने का लकड़ी का यंत्र।
नोट – इन सबके बारे में सभी बच्चे आपस में चर्चा करें और
जानकारी इकट्ठा करके कक्षा में बताएँ।
आगे की कहानी
प्रश्न- गाँधी जी ने धनी से कहा , “ क्या तुम आश्रम में ही रहकर मेरे लिए बिन्नी की देखभाल करोगे?”
धनी ने गाँधी जी की बात मान ली।
जब गाँधी जी दांडी यात्रा से
लौटे होंगे , तब
आश्रम में क्या-क्या हुआ होगा ? आगे
की कहानी सोच कर लिखो।
उत्तर – जब गाँधी जी दांडी यात्रा से लौटे। धनी ने उन्हें माला पहनाई तब जल्द से बिन्नी बकरी का
दूध लाकर गाँधी जी को दिया।
गाँधी जी हँसते हुए बोले, “इतने दिन पैदल चलते-चलते मैं कमजोर हो गया था। अब मेरी ताकत फिर से लौट आएगी।”
मैं सुबह-शाम आपके लिए दूध लेकर
आऊँगा। धनी ने खुश होकर कहा। सारे लोग ठहाका लगाकर हँस पड़े।
कहानी से
प्रश्न- (क) धनी ने गा ँ धी जी
से सुबह के समय बात करना क्यों ठीक समझा होगा?
उत्तर- धनी ने गाँधी जी से सुबह से बात करना इसलिए ठीक समझा
होगा क्योंकि गाँधी जी रोज सुबह आश्रम में पैदल घूमते थे।
(ख) धनी बिन्नी की देखभाल कैसे करता था?
उत्तर – धनी बिन्नी को हरी घास खिलाता था, उस बर्तन में डालकर पानी पिलाता था। उसे आश्रम में चरों ओर घूमाता था।
(ग) धनी को कैसे महसूस हुआ होगा कि आश्रम में कोई योजना बनाई जा रही
है?
उत्तर- आश्रम में सभी लोग किसी ख़ास चर्चा में लगे हुए थे। सभी लोग गाँधी जी के कमरे में बैठकर गंभीर बातें करते
थे। इन सब बातों से धनी को यह महसूस होगा होगा कि आश्रम
में कोई योजना बनाई जा रही है।
कहानी और तुम
प्रश्न- (क) धनी यात्रा पर जाने
के लिए उ त्सुक क्यों था?
अगर तुम धनी की जगह होते तो क्या
तुम यात्रा पर जाने की जिद करते? क्यों?
उत्तर- धनी यह जानने के लिए उत्सुक था कि यह किस तरह की
यात्रा है।
अगर मैं धनी की जगह होता तो मैं
यात्रा पर जाने की जिद करता क्योंकि मैं भी चाहता हूँ की अपने देश के लिए कुछ करूँ।
(ख) गाँधी जी ने धनी को न जाने के लिए कैसे मनाया?
उत्तर- गाँधी जी ने धनी को बिन्नी की देखभाल के लिए राजी करके
मनाया।
ताकत के लिए
प्रश्न- गाँधी जी ने कहा , “ जब मैं वापस आऊ ँ गा तो मुझे खूब सारा दूध पीना पड़ेगा , जिससे कि मेरी ताकत लौट आए।
बताओ , खूब सारी ताकत और अच्छी सेहत के लिए तुम क्या – क्या खाओगे – पि
ओ गे?
चटपटी अंकुरित दाल गरम समोसे
करारे गोलगप्पे कुरकुरी मक्का की
रोटी
खुशबूदार दाल मसालेदार अचार
मीठा दूध रसीला आम
गर्मागर्म साग ठंडी आइसक्रीम
रंग-बिरंगी टॉफी ठंडा शरबत
उत्तर- चटपटी अंकुरित दाल, मीठा
दूध, रसीला आम, गर्मागर्म साग, कुरकुरी मक्का की रोटी, खुशबूदार
दाल।
विशेषता के शब्द
प्रश्न- अभी तुमने जिन खाने-पीने
की चीजों के नाम पढ़े, उनकी
विशेषता बता रहे हैं ये शब्द-
चटपटी , मीठा , गर्म, ठंडा , कुरकुरी
आदि
नीचे लिखी चीजों की विशेषता
बताने वाले शब्द सोचकर लिखो – उत्तर
–
मीठा |
हलवा |
घना |
सफ़ेद |
नमक |
छोटी |
चिकना |
पत्थर |
लम्बा |
मोटा |
चश्मा |
लाल |
चाँद की बिंदी
प्रश्न- नीचे लिखे शब्दों में
सही जगह पर ं या ँ लगाओ।
धुआ |
कुआ |
फूक |
कहा |
स्वतत्र |
बाध |
मा |
गाव |
बदगोभी |
इतजार |
पसद |
|
उत्तर-
धुआँ |
कुआँ |
फूँक |
कहाँ |
स्वतंत्र |
बाँध |
माँ |
गाँव |
बंदगोभी |
इंतजार |
पसंद |
|
किसकी जिम्मेदारी?
प्रश्न- धनी को बिन्नी की देखभाल
करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इनकी क्या-क्या जिम्मेदारियाँ थी?
माँ
पिता
उत्तर- * माँ की जिम्मेदारी खाना पकाने की थी।
*पिता को चरखा काटकर धागा बनाने
की जिम्मेदारी दी गई थी।
*बिंदा को सब्जियाँ उगाने की
जिम्मेदारी दी गई थी।
कोई और शीर्षक
प्रश्न- नाटक का नाम थप्प रोटी
थप्प दाल क्यों है?
तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
उत्तर- नाटक का नाम ‘थप्प रोटी थप्प दाल’ इसलिए है क्योंकि इस नाटक में सारे बच्चे मिलकर रोटी
और दाल पकाने का खेल खेलते हैं।
शीर्षक- (क) बिल्ली खा गई
रोटी-भात (ख) किसने रोटी-दाल चुराई?
आवाज वाले शब्द
थप्प रोटी थप्प दाल
‘थप्प’ शब्द
से लगता है किसी तरह की आवाज़ है। आवाज़ का मजा देने वाले और भी बहुत से शब्द हैं जैस- टप, खट।
ऐसे ही कुछ शब्द तुम भी लिखो।
उत्तर- खर्र, घर्र, फुर्र, चट, धम, छान, टन, सूँ आदि।
कौन-कौन से खेल
प्रश्न- इस नाटक में बच्चे रोटी
बनाने का खेल खेलते हैं तुम अपने साथियों के साथ कौन-कौन से खेल खेलती हो, उनके नाम लिखो।
उत्तर- अक्कड़-बक्कड़ , आँख-मिचौली , खो-खो , रस्सी कूद आदि।
सोचकर बताओ
प्रश्न- (क) नीना चुन्नू और
टिंकू से ही दाल क्यों बनवाना चाहती होगी?
उत्तर- चुन्नू और टिंकू को आग जलाना नहीं तक नहीं आता था। वे अच्छी तरह दाल बनाना भी नहीं जानते थे। नीना चाहती होगी कि जब वह दोनों आग जलाने और दाल बनाने
में परेशान होंगे तब वे सब उन दोनों पर हँसेंगे और मजा लेगी।
(ख) बच्चों ने खाने-पीने की चीजें छींके में क्यों रखी?
उत्तर- बच्चों ने खाने पीने की चीजें इसलिए छींके में रखी
होगी कोई उन्हें चुरा न सके।
(ग) चन्नू ने दाल को पहले खट्टा फिर मीठा क्यों बताया?
उत्तर- चुन्नू ने मुन्नी आदि लड़कियों को चिढाने के लिए दाल को
खट्टा बताया।
परंतु जब मुन्नी गुस्से से उनकी
ओर देखने लगी तब डरकर उसने मीठा बता दिया।
तुम्हारी बात
प्रश्न- तुम्हारे घर में खाना
कौन बनाता है? तुम
खाना बनाने में क्या-क्या मदद करते हो? नीचे दी गई तालिका में लिखो।
खाना कौन बनत है मम्मी |
मैं क्या मदद कर सकता हूँ मैं उन्हें छोटी-छोटी चीजें
लाकर दे सकता हूँ। सब्जी धोने-काटने
में उनकी मदद कर सकता हूँ। |
मैं क्या मदद करता हूँ मैं उनके माँगने पर चीज़े लाकर
देता हूँ। मैं कभी-कभी सब्जू ढो देता
हूँ और काट देता हूँ। |
तुम क्या बनातीं
प्रश्न- इन बच्चों की जगह तुम
होती तो खाने के लिए कौन-से तीन पकवान बनातीं? उन्हें बनाने के लिए किन चीज़ों की जरूरत पड़ती? पता करो और सूची बनाओ।
उत्तर-
पकवान का नाम |
किन चीजों की जरूरत होगी |
पुड़ी |
आटा, घी, पानी। |
हलवा |
सूजी, घी, चीनी, काजू, बादाम, किशमिश, पानी आदि। |
सब्जी |
आलू, मात्र, टमाटर, सरसों का तेल, मसालें, नमक, प्याज, लहसुन, पानी आदि। |
मट्ठा बनाएँ
प्रश्न- (क) सरला ने कहा- मैं
दही का मट्ठा चला दूँगी।
दही का मट्ठा चलाने का म्कत्लब
है-
दही बिलोना
दही से लस्सी या छाछ बनाना
सरला को इस काम के लिए किन-किन
चीजों की जरूरत होगी, उनके
नाम लिखो।
उत्तर- दही, हांडी, रई, पानी।
(ख) बिलोना, घोलना, फेंटना
इन तीनों कामों में क्या फर्क है? बातचीत करो और पता लगाओ।
उत्तर- बिलोना – जब
किसी चीज को रई आदि से मथते है तो उसे बिलोना कहते हैं। जैसे- दही बिलोना।
घोलना – जब किसी तरल पदार्थ में कोई घुलने वाली चीज़ पूरी तरह
मिला देते हैं तो उसे घोलना कहते हैं। जैसे-
दूध में शक्कर घोलना।
फेंटना – जब किसी चीज़ को हाथ की उँगलियों से पूरी तरह मिला देते
हैं तो उसे फेंटना कहते हैं। जैसे- पानी मिलाकर
बेसन फेंटना।
(ग) किन्ही दो-दो चीजों के नाम बताओ जिन्हें बिलोते, घोलते और फेंटते हैं।
उत्तर-
बिलोते हैं |
दही |
पकी हुई दाल |
(ग) सरला ने रई से मट्ठा बिलोया।
रई को मथनी भी
कहते हैं। रसोई
के दूसरे बर्तनों को तुम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं? कक्षा में इस पर बातचीत करो और एक सूची बनाओ।
उत्तर-
तवा |
कड़ाही |
कलछी |
कद्दूकस |
आओ तुकबंदी करें
प्रश्न- नाटक में बच्चों ने अपनी
बात को कई बार कविता की तरह कहा है जैसे-
टिंकू ने पकाई बड़ियाँ
चुन्नू ने पकाई दाल
टिंकू की बड़ियाँ जल गई
चुन्नू का बुरा हाल
अब तुम नीचे लिखी पंक्तियों में
कुछ जोड़ो-
उत्तर- घंटी बोली टन-टन-टन
चलो, चलें, घर
को फ़ौरन।
कहाँ चले बही कहाँ चले
मम्मी पापा जहाँ चले।
रेल चली भई रेल चली
छुक-छुक करती रेल चली।
कल की छुट्टी परसों इतवार
चलो घूमनें चलें सब यार।
रोटी दाल पकाएँगे।
खूब मजे से खाएँगे।
पाठ- 11. पढ़क्कू
की सूझ
कविता में कहानी
प्रश्न- ‘पढ़क्कू की सूझ’ कविता
में एक कहानी कही गई है। इस
कहानी को तुम अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर- इस प्रश्न के उत्तर के लिए ‘कविता-परिचय’ देखिए।
कवि की कविताएँ
प्रश्न- तीसरी कक्षा में तुमने
रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘मिर्च
का मजा’ पढ़ी थी। अब
तुमने उन्ही की कविता ‘पढ़क्कू
की समझ’ पढ़ी।
(क) दोनों में से कौन-सी कवित पढ़कर तुम्हें ज्यादा मजा आया?
(चाहो तो तीसरी की किताब फिर से देख सकते हो।)
उत्तर- मुझे ‘काबुली वाला की सूझ’ कविता पढ़कर ज्यादा मजा आया।
(ख) तुम्हे काबुली वाला ज्यादा अच्छा लगा या पढ़क्कू? या कोई भी अच्छा नहीं लगा।
उत्तर- मुझे काबुली वाला ज्यादा अच्छा लगा।
(ग) अपने साथियों के साथ मिलकर एक-एक कविता ढूढों। कविताएँ इकट्ठा करके कविता की एक कविता बनाओ।
उत्तर- सभी विद्यार्थी एक-एक कविता ढूँढो और सारी कविताओं को
इकट्ठा करके कविता की एक किताब बनाएँ।
मेहनत के मुहावरे
प्रश्न- कोल्हू का बैल ऐसे
व्यक्ति को कहते हैं जो कड़ी मेहनत करता है या जिससे कड़ी मेहनत करवाई जाती हैं।
मेहनत और कोशिश से जुड़े कुछ और
मुहावरे नीचे लिखें हैं। उनका
वाक्यों में इस्तेमाल करो।
* दिन-रात एक करना
* पसीना बहाना
* एड़ी-छोटी का ज़ोर लगाना
उत्तर- *दिन-रात एक करना – नीतू ने डॉक्टर की परीक्षा पास करने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
*पसीना बहाना – पैसे कमाने के लिए पसीना बहाना पड़ता
है।
*एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना – मैच जितने के लिए भारतीय टीम ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया।
पढ़क्कू
प्रश्न- (क) पढ़क्कू का नाम
पढ़क्कू क्यों पड़ा होगा?
उत्तर- क्योंकि वह दिन-रात पढता रहता होगा, इसलिए उसका नाम पढ़क्कू पड़ा होगा।
(ख) तुम कौन-सा काम खूब मन से करना चाहते हो? उसके अधर पर अपने लिए भी पढ़क्कू जैसा कोई शब्द सोचो।
उत्तर- मैं चित्र बनाने का काम खूब मन से करना चाहता हूँ। इसके लिए मैं ‘चित्रकार’ कहलाना पसंद करूँगा।
अपना तरीका
प्रश्न- हाँ, जब बाजती नहीं, दौड़कर
तनिक पूँछ धरता हूँ?
पूँछ धरता हूँ का मतलब है पूँछ
पकड़ लेता हूँ।
नीचे लिखे वाक्यों को अपने
शब्दों में लिखो।
(क) मगर बूँद भर तेल सांझ तक भी क्या तुम पाओगे?
उत्तर- मगर शाम तक भी बूँद भर तेल तुम नहीं पा सकोगे।
(ख) बैल हमारा नहीं अभी तक मंतिख पढ़ पाया है।
उत्तर- हमारे बैल ने अभी तक तर्कशास्त्र नहीं पढ़ा।
प्रश्न- सिखा बैल को रखा इसने
निश्चय कोई ढब है।
उत्तर- इसने बैल को जरुर कोई तरीका सिखा रखा है।
(घ) जहाँ न कोई बात, वहाँ
भी नै बात गढ़ते थे।
उत्तर- जहाँ कोई बात नहीं होती थी, वहाँ भी नै बात बनाने लगते थे।
गढ़ना
प्रश्न- पढ़क्कू नै-नै बातें गढ़ते
थे।
बताओ, ये लोग क्या गढ़ते हैं?
उत्तर- सुनार – गहना
लुहार – लोहे की चीज़े
ठठेरा – बर्तन
कवि – कविता
कुम्हार – मिट्टी के बर्तन
लेखक – कहानी
अर्थ खोजो
प्रश्न- नीचे दिए गए शब्दों के
अर्थ अक्षर्जाल में खोजो-
ढब, भेद, गजब, मंतिख, छल |
त |
र्क |
शा |
स्त्र |
म्र |
रा |
ज |
त |
क |
ब |
जू |
स |
री |
मा |
धो |
रा |
ज़ |
का |
ल |
खा |
धो |
क |
म |
ल |
ड़ |
उत्तर- ढब – तरीका भेद – राज़
गज़ब – कमाल मांतिख – तर्कशास्त्र
छल – धोखा
पाठ- 12. सुनीता
की पहिया कुर्सी
कहानी से
प्रश्न 1. सुनीता को सब लोग गौर से क्यों देख रहे थे?
उत्तर – सुनीता को सब गौर इसलिए देख रहे थे, क्योंकि वह अपने पैरों से चलने-फिरने में असमर्थ थी और
पहिया-कुर्सी में बैठकर चल रही थी।
प्रश्न 2. सुनीता को दुकानदार का व्यवहार क्यों बुरा लगा?
उत्तर – सुनीता ने पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया ही बड़ा ही था कि
दुकानदार ने थैला उसकी गोद में रख दिया। दुकानदार
का इस तरह दया दिखाना उसे अच्छा नहीं लगा।
मजेदार
सुनीता की सड़क की जिंदगी देखने
में मजा आता है।
(क) तुम्हारे विचार सुनीता को सड़क देखना अच्छा क्यों लगता होगा?
उत्तर – सुनीता अपने पैरों से चल नहीं सकती थी, इसलिए उसे बाहर की चीजों को देखने का मौका कम ही मिल
पाता होगा और वह अकेलापन भी महसूस करती होगी।
इस कारण उसे सड़क देखना अच्छा
लगता होगा ताकि वह बाहरी चीजों को देखकर अपना मन ब हला सकें।
सड़क को ध्यान से देखो और बताओ-
· तुम्हें क्या-क्या चीजें नजर आती
हैं?
· लोग क्या-क्या करते हुए नजर आते
हैं?
उत्तर – ●मुझे सड़क के किनारे पेड़-पौधे और बिजली के खंभे नजर
आते हैं। सड़क पर आते-जाते लोग, साइकिलें, स्कूटर, मोटरसाइकिलें, कारें, बसे आदि भी दिखाई
देती है।
· लोग आते-जाते हुए, बातें करते हुए, नींबू-पानी पीते
हुए और पेड़ों की छाया में बैठे हुए नजर आते हैं।
मनाही
फरीदा की माँ ने कहा , “ इस तरह के सवाल नहीं पूछने चाहिए।”
फरीदा पहिया कुर्सी के बारे में
जानना चाहती थी पर उसकी माँ ने उसे रोक दिया।
● माँ ने फरीदा को क्यों रोक दिया होगा?
उत्तर– फरीदा ने सुनीता से पहिया-कुर्सी के बारे में पूछा तो
माँ ने सोचा होगा कि उसके इस सवाल सुनीता के मन को ठेस पहुँचेगी। इसलिए माँ ने फरीदा को रोक दिया होगा।
● क्या फरीदा को पहिया कुर्सी के बारे में नहीं पूछना चाहिए था ? तुम्हें क्या लगता है?
उत्तर – मेरी समझ से फ़रीदा ने सुनीता पहिया-कुर्सी के बारे में
पूछकर कोई गलती नहीं कि। वह तो स्वाभाविक
उत्सुकता के कारण पूछ रही थी। उसके मन में सुनीता
को दुख पहुँचाने की भावना नहीं थी।
● क्या तुम्हें भी कोई काम करने या कोई बात कहने से मान किया जाता है ? कौन मना करता है ? कब
मना करता है?
उत्तर – हाँ, मुझे बाहर जाकर
खेलने से मना किया जाता है। जब मैं अपना
होमवर्क पूरा नहीं करता हूँ तब मम्मी खेलने से मना करती हैं।
मैं भी कुछ कर सकती हूँ….
(क) यदि सुनीता तुम्हारी पाठशाला में आए तो उसे किन-किन कामों में
परेशानी आएगी?
उत्तर – यदि सुनीता मेरी पाठशाला में आए तो सबसे पहले उसे
कक्षा में जाने में परेशानी होगी। कक्षा में जाने के
लिए उसे बरामदे चढ़कर जाना होगा। वह खेल-कूद में भाग
नहीं ले सकेगी।
(ख) उसे य ह परेशानी न हो उसके लिए अपनी पाठशाला में क्या-क्या तुम
कुछ बदलाव सुझा सकती हो?
उत्तर – पाठशाला की कक्षाओं में पहुँचने के लिए बरामदें में
जाने का रास्ता ढालू होना चाहिए। ऐसे खेल भी कराए
जाने चाहिए जिन्हें विकलांग बच्चे भी खेल सकें। दूसरे बच्चें उनके साथ बराबरी का बर्ताव करें, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।
प्यारी सुनीता
प्रश्न- सुनीता के बारे में पढ़कर
तुम्हारे मन में कई सवाल और बातें आ रही होंगी। वे बातें सुनीता को चिट्ठी लिखकर बताओ।
उत्तर- 18-12-2009
ए-22, सेक्टर-3
आर.के.पुरम, नई दिल्ली
प्रिय सुनीता,
सुनीता तुम्हारे बारें में जाना, मैं तुम्हारी हिम्मत की प्रशंसा करती हूँ। लेकिन क्या तुम्हारे
मन में कभी इस तरह की बातें
नहीं आती कि काश मैं भी सारे बच्चों की तरह चल पाती, दौड़
पाती, तुम्हारी तरह ही ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं, जिनमें से कुछ चल-फिर नहीं सकते, कुछ सुन-बोल नहीं सकते, कुछ
देख नहीं सकते, उनके लिए तुम क्या कहना चाहोगी? इन बातों का जवाब जरूर लिखना।
तुम्हारी
मोनिका
कहानी से आगे
सुनीता ने कहा , “ मैं पैरों से चल ही नहीं सकती।”
(क) सुनीता अपने पैरों से चल -फिर नहीं सकती । तुमने पिछले साल पर्यावरण अध्ययन की किताब आस – पास में रवि भैया के बारे में पढ़ा होगा।
रवि भैया देख नहीं सकते फिर भी
किताबें पढ़ लेते हैं ।
● वे किस तरह की किताब पढ़ लेते हैं?
उत्तर – ब्रेल लिपि में लिखी किताबें पढ़ते हैं।
● उस तरह की किताबों के बारे में सबसे पहले किसने सोचा?
उत्तर – उस तरह की किताब के बारे में सबसे पहले लुई ब्रेल ने
सोचा।
(ख) आसपास में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बात की गई है जो सुन – बोल नहीं सकते हैं।
● क्या तुम किसी बच्चे को जानते जो बोल नहीं सकता?
उत्तर – मैं एक बच्चों जानते जो सुन बोल नहीं सकता।
● तुम उसे किस तरह से अपनी बात समझाते हो?
उत्तर- हम उसे इशारे से अपनी बात समझाते हैं।
मेरा आविष्कार
प्रश्न- सुनीता जैसे कई बच्चे
हैं । इनमें
से कुछ देख नहीं सकते तो कुछ बोल या सुन नहीं सकते कुछ बच्चों के हाथों में
परेशानी है, तो
कुछ चल नहीं सकते।?
तुम ऐसे ही किसी एक बच्चे के
बारे में सोचो । यदि
तुम्हें कोई शारीरिक परेशानी है , तो
अपनी चुनौ तियों के बारे में सोचो ं। उ स चुनौती का सामना करने के लिए तुम क्या अविष्कार करना चाहोगे ? उसके बारे में सोच कर बताओ कि-
* तुम यह कैसे बनाओगे?
* उसे बनाने के लिए किन ची ज़ों की
जरूरत होगी?
* वह चीजें क्या-क्या काम कर सकेगी?
* उस ची ज़ का चित्र भी बनाओ।
उत्तर – पत्येक विद्यार्थी अपनी कल्पना के आधार पर लिखे और उस
आविष्कार का चित्र भी कल्पना के आधार पर ही बनाएँ।
पाठ- 13. हुदहुद
तुम्हारी समझ
(क) हुदहुद को कहीं ‘हजामिन’ चिड़िया और कहीं ‘पदुबया’ के नाम से पुकारते हैं। क्यों?
उत्तर- हुदहुद को कहीं कहीं ‘हजामिन’ चिड़िया के नाम से पुकारते हैं, क्योंकि इसकी की चोंच नाखून काटने वाली ‘नहरनी’ से मिलती है।
हुदहुद को कही-कही ‘पदुबया’ के नाम से पुकारा
जाता है, क्योंकि यह दूब में से भी कीड़ा ढूँढ लेती है।
(ख) हुदहुद की चोंच पतली, लंबी और तीखी होती है। इस बात को ध्यान में रखकर बताओ-
* वे कैसा भोजन खाते होंगे?
* चोंच से वे क्या–क्या ले सकते हैं?
उत्तर- *वे छोटे – छोटे कीड़े मकोड़े
खाते होंगे।
* चोंच से जमीन खोदकर भी कीड़े
निकाल लेते होंगे। वे घास में छिपे
हुए कीड़े-मकोड़े भी ढूँढ लेते होंगे। लड़ाई
के समय चोंच को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते होंगे। अपने रहने के लिए कोसा बनाने में इसकी सहायता लेते
होंगे।
मैंने जाना
पाठ में ऐसे शब्दों की सूची बनाओ
जो पक्षियों के लिए इस्तेमाल होते हैं।
पाठ पढ़ने के बाद अपनी कॉपी में
एक तालिका तैयार करों और उस तालिका में मालूम की गई जानकारी लिखो।
उत्तर-
जानती थी |
पढ़कर मालूम हुआ |
जानना चाहती हूँ |
कैसे/कहाँ से पता लगाऊँगी |
गिद्ध |
हुदहुद |
किन-किन पक्षियोंकी कलगी होती है? |
अध्यापिका से पूछकर और पुस्कालय पता लगाऊँगी पक्षी-संग्रहालय से एवं पुस्तकालय से। |
पहचानें कैसे
(क) अगर तुम्हें हुदहुद को पहचानने में किसी की मदद करनी है तो तुम
उसे कौन-सी बातें बताओगे? चार-पाँच
वाक्यों से लिखो।
उत्तर- हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला होता है। उसके पंख काले होते हैं उन पर मोटी सफेद धारियाँ होती
है। उसके सिर पर बादामी रंग की कलगी होती है जिसके सिरे
काले और सफेद होते हैं। इसकी दुम का हिस्सा
सफेद और बाहरी हिस्सा काले रंग का होता है। इसकी
चोंच पतली, लम्बी और तीखी होती है।
(ख) अब कौवे या कबूतर को पहचानने के लिए चार-पाँच बिंदु लिखो। यह जनाने के लिए तुम्हें इन पक्षियों को कुछ समय तक बहुत गौर से
देखना होगा।
उत्तर- कौवे की पहचान
1. कौवा काले रंग का होता है।
2. कौवा कोयल से बड़ा होता है।
3. इसके बोलने पर ‘कॉव-कॉंव की आवाज आती है।’
4. इसकी चोंच काली और लंबी होती है।
तरह-तरह की नाम
तुम्हारे आसपास कौन – कौन से पक्षी पाए जाते हैं, उनके नामों की सूची बनाओ। तुम्हारे और तुम्हारे दोस्तों के घर की भाषा में क्या कहते हैं? जिन पक्षियो के नाम तुम्हें नहीं पता है, उनके नाम तुम्हें पता करने होंगे।
उत्तर- पक्षियों के नाम-
1. कौवा, 2. कबूतर, 3. गौरैया, 4. कोयल, 5. तोता, 6. बगुला।
बातचीत
तुमने हुदहुद से जुड़ी एक कहानी
पढ़ी है। उस
कहानी को बातचीत के रूप में लिखो। नीचे हमने इस बातचीत को तुम्हारे लिए शुरू कर दिया है-
शाह सुलेमान – अरे भाई गिद्ध! जरा मेरी बात तो सुनो।
गिद्ध (उड़ते-उड़ते) – कहिए, मगर
जरा जल्दी से।
शाह सुलेमान – ……………
गिद्ध – ……………….
तुम अपने दोस्तों के साथ बातचीत
को कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत कर सकते हो।
उत्तर- शाह सुलेमान – मुझे गर्मी लग रही है। तुम अपने पंखों से मेरे सिर पर छाया कर दो।
गिद्ध – हम तो इतने छोटे हैं। हम छाया कैसे कर सकते हैं?
(गिद्ध उड़ते हुए आगे चले जाते
हैं। हुदहुद का मुखिया उड़ता हुआ आता है।)
शाह सुलेमान – अरे भाई हुदहुद! जरा इधर तो आओ।
मुखिया हुदहुद – (उड़ता हुआ पास आकर) कहिए, महाराज! क्या बात है?
शाह सुलेमान – इस समय मैं तपती धूप से परेशान हो गया हूँ। क्या तुम मेरी कुछ मदद करोगे।
मुखिया हुदहुद – कुछ उपाय करता हूँ। आप थोड़ी देर इंतजार कीजिए।
(थोड़ी देर में बहुत सारे हुदहुद
आकाश में उड़ते हुए आते हैं और बादशाह सुलेमान के सिर पर छाया कर देते हैं)
शाह सुलेमान – (खुश होकर) वाह! तुम सब ने तो कमाल कर दिया।
मुखिया हुदहुद – यह तो हमारा फर्ज था।
शाह सुलेमान – तुम सब कितने अच्छे हो। मैंने तो गिद्धों से भी मदद माँगी थी। उनके पंख भी बड़े – बड़े
थे। वे चाहते तो मेरी मदद कर सकते थे पर उन्होंने मेरी मदद
नहीं की।
दूसरा हुदहुद – उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। किसी की मदद करने में तो हमें खुशी होनी चाहिए।
शाह सुलेमान – (मुस्कुराते हुए) तुम गिद्धों से छोटे तो हो पर उनसे
अधिक चतुर हो।
तुम सबने मिलकर मेरी सहायता की
है। मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। बताओ, तुम्हारी क्या
इच्छा है?
मुखिया – महाराज मैं अपनी सभी साथियों से सलाह करने के बाद ही
अपनी इच्छा बताऊँगा।
शाह सुलेमान – ठीक है।
(मुखिया हुदहुद अपने साथ कुछ
बातें करता है।)
शाह सुलेमान – सलाह हो गई? वरदान माँग लो।
मुखिया – महाराज! आज से हमारे सिर पर कलंक सोने की कलगी निकल आए।
शाह सुलेमान – (हँसकर) मुखिया इसका फल क्या होगा यह तुमने सोच लिया है?
मुखिया – हाँ, महाराज! खूब विचार
करके यह वर माँगा है।
शाह सुलेमान – ठीक है, ऐसा सही हो।
(सभी हुदहुद के सिर परसोने की
कलगी निकल आती है। सभी खुश हो कर चले
जाते हैं।)
(कुछ दिन बाद….. महाराज के दरबार में हुदहुदों का मुखिया पहुँचता है।)
मुखिया – (घबराया हुआ) महाराज, हमारी
रक्षा कीजिए।
शाह सुलेमान – क्यों क्या हुआ?
मुखिया – महाराज वरदान वापस ले लीजिए। जब से हमारे सिर पर सोने की कलगी निकल आई तब से लोग
हमें ढूँढ-ढूँढ कर मानने लगे हैं।
शाह सुलेमान – मैंने तो शुरू में ही तुम्हे चेतावनी दी थी। खैर, जाओ आज से तुम्हारे
सिर का ताज सोने का नहीं बल्कि सुंदर परों का हुआ करेगा।
मुखिया – (खुश होकर) महाराज! आपका बहुत – बहुत धन्यवाद। (पर्दा गिरता है।)
रंगारंग
(क) हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला होता है।
हुदहुद का रंग चटकीला बताया जाता
है। रंग
कैसे हैं- यह बताने के लिए कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे, फीका
रंग, चटकीले रंग आदि।
बताओ कि ऐसे किन – किन चीजों के रंग होते हैं।
उत्तर-
रंग का नाम |
इस रंग की चीजों के नाम |
गहरा |
पत्तियाँ, कौवा, भालू |
(ख) यूनी ने आसमानी रंग की कमीज़ पहनी है
‘आसमानी’ रंग
का नाम कैसे बना होगा? सोचो।
(संकेत- फल, सब्जी, पत्तों आदि के नाम पर)
उत्तर- बैगनी चम्पई बादामी
सुनहरा, मेहँदी, सिंदूरी
नारंगी जमुनी तांबई
कत्थई , नीला गेरुआ
शब्द एक-अर्थ अनेक
शाह की भेंट हुदहुद के मुखिया से
हुई।
मुझे मेरी बहन ने एक सुन्दर भेंट
दी।
ऊपर वाले वाक्य में भेंट का मतलब
मुकालात से है, नीचे
वाले वाक्य में उपहार से।
तुम भी कोई ऐसे चार शब्द सोचो
जिनके दो मतलब नेकमते हों। उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर-
(क) पर – हुदहुद के पर सुन्दर
हैं।
आजा का काम कल पर मत
छोड़ो।
(ख) कलम – हम सब कलम से
लिखते है।
– राजा ने चोर का सर कलम कर
दिया।
(ग) अर्थ – इस कविता का अर्थ बताओ।
हर चीज़े खरीदने के लिए अर्थ की आवश्यकता होती
है।
(घ) पत्र – आम का पत्र पूजा
के काम आता है।
आज मैंने चाचा जी को पत्र लिखा।
नाम
हुदहुद एक बहुत ही सुन्दर पक्षी
है।
हुदहुद और पक्षी, दोनों को ही हम संज्ञा कहते हैं।
अब नेचे दी गई तालिका को आगे
बढ़ाओ।
हुदहुद पक्षी भारत देश अनार फल
उत्तर- हाथी जानवर
मुंबई शहर
गंगा नदी
हिमालय पर्वत
इंद्र देवता
रामायण पुस्तक
पाठ- 14. मुफ़्त
ही मुफ़्त
तुम्हारी समझ
(क) हर बार भीखुभाई कम दाम देना चाहते थे। क्यों?
उत्तर- हर बार भीखुभाई कम दाम देना चाहते थे, क्योंकि वे कंजूस थे।
(ख) हर जगह नारियल के दाम में फर्क क्यों था?
उत्तर- नारियल के बगीचे में उनका दाम सबसे कम था, क्योंकि वहाँ वह पैदा होता था नारियल जैसे-जैसे आगे
पहुँचता गया, उसमें और भी कम लोगों की कमाई जुड़ती गई। इसलिए हर जगह नारियल के दाम में फर्क था।
(ग) क्या भीखुभाई को नारियल सच में मुफ़्त में ही मिला? क्यों?
उत्तर- भिखूभाई को नारियल सच में मुफ्त में ही नहीं मिला। उसके लिए उन्हें बहुत ही मेहनत करनी पड़ी। इस तरह उनका मेहनताना तो नारियल की कीमत से कही ज्यादा
ही था।
(घ) वे खेत में बूढ़े बरगद के नीचे बैठ गए । तुम्हारे विचार से कहा नी बरगद को बुढ़ा क्यों कहा गया होगा?
उत्तर – बरगद बहुत पुराना होगा। उसकी डालियाँ भी कमजोर हो गई होगी। इसलिए बरगद को बुढ़ा कहा गया होगा।
भीखुभाई ऐसे थे
कहानी को पढकर तुम भी भिखु भाई
के बारे में काफी कुछ जान गए होंगे । भिखु भाई के बारे में कुछ बाते बताओं।
उत्तर – (क) उन्हें खाने-पीने का शौक था।
(ख) वह बहुत कंजूस थे।
(ग) वह लालची भी थे।
(घ) वे बातें बनाने में चतुर थे।
(ड़) वे अधिक खुशी में अपना होश
खो देते थे।
क्या बढ़ा, क्या घटा
कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है , कुछ चीज़ें बढ़ती हैं और कुछ घटती है । बता ओं इ नका क्या हुआ , ये घाट या बढ़े?
उत्तर- नारियल का दाम घटा
भीखुभाई की लालच बढ़ा
रास्ते की लम्बाई बढ़ी
भीखुभाई की थकान बढ़ी
कहो कहानी
यदि इस कहानी में भीखुभाई को
नारियल नहीं बल्कि आम खाने की इच्छा होती तो कहानी आगे कैसे बढ़ती? बताओ?
उत्तर- विद्यार्थी ‘पाठ का सार’ पढ़े और उसमें नारियल की जगह ‘आम’ लिखें। आम की कीमत को प्रति किलों बताएँ।
बात की बात
कहानी में नारियल वाले और
भीखुभाई की बातचीत फिर से पढ़ो। अब इसे अपने घर की बोली में लिखो।
उत्तर- विद्यार्थी अपनी-अपनी स्थानीय बोली के अनुसार नारियल
वाले और भिखुभाई की बातचीत लिखें।
शब्दों की बात
नाना-नानी पतीली-पतीला
ऊपर दिए गए उदाहरणों की मदद से
नीचे दी गई जगह में सही शब्द लिखो।
उत्तर- काका – काकी
दर्जी – दर्जिन
मलिन – माली
टोकरी – टोकर
मटका – मटकी
गद्दा – गद्दी
मंडी
“मंडी में कोलाहल फैला हुआ था। व्यापारियों की ऊँची-ऊँची आवाजें गूँज रही थी।
(क) मंडी में क्या-क्या बिक रहा होगा?
उत्तर- आलू, ब्याज, टमाटर, गाजर, बंदगोभी, फूलगोभी, बैंगन, सीताफल, पालक, लोकी, शलगम, चुकंदर, भिंडी, करेला, टिंडा, मिर्च, लहसुन, अदरक, नींबू, केला, संतरा, अंगूर, सेब, चीकू, पपीता, अमरूद, आदि।
(ख) मंडी में तरह-तरह की आवाजें सुनाई देती हैं।
जैसे- ताजा टमाटर! बीस रूपया!
बीस रूपया! बीस रूपया!
उत्तर- आलू! आलू! दस का किलो! दस का किलो!
मीठी गाजर! मीठी गाजर! चार का
पाव! चार का पाव
अदरक-मिर्च! अदरक-मिर्च! पाँच
के पाव
मीठे सेब! ताजे सेब! तीस रूपया!
तीस रूपया!
(ग) क्या तुम अपने आसपास की ऐसी जगह सोच सकते हो जहाँ बहुत शोर होता
है। उस
जगह के बारे में लिखो।
उत्तर- मेरे घर से थोड़ी दूरी पर एक मार्केट है। वहाँ बहुत शोर होता होता हैं। वहाँ सड़क के दोनों किनारों पर दुकानें बनी हुई हैं। वहाँ किरण की, कपड़े की, बिजली के सामान की रेडियो- टी.वी. की, किताब-कॉपियों की दुकानें हैं। दुकादार ऊँची आवाजें लगाकर अपने समान की तारीफ करते
हुए ग्राहक को लुभाने की कोशिश करते हैं।
गुजरात की झलक
(क) ‘मुफ़्त
ही मुफ़्त’ गुजरात
की लोककथा है। इस
लोककथा के चित्रों में ऐसी कौन-सी बातें हैं जिनसे तुम यह अंदाजा लगा सकते हो।
उत्तर- इस लोककथा के चित्रों में भीखुभाई के पहनावे, पेड़-पौधे, मंडी के दृश्य, ऊँट की पीठ पर लगा कपड़ा, ऊँटवाले, घोड़ेवाले, माली आदि के
वस्त्रों को देखकर हम अंदाजा लगा सकते हैं कि ‘मुफ़्त
ही मुफ़्त’ गुजरात की लोककथा हैं।
(ख) गुजरात में किसी का आदर करने के लिए नाम के साथ भाई बेन (बहन)
जैसे शब्दों का प्रयोग होता हैं। तेलुगु में नाम के आगे ‘गारू’ और
हिंदी में ‘जी’ जोड़ा जाता हैं।
तुम्हारी कक्षा में भी अलग-अलग भाषा बोलने वाले बच्चे होंगे! पता करो और लिखो कि वे अपनी भाषा में
किसी को आदर देने के लिए किन-किन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
उत्तर- विद्यार्थी अपनी कक्षा में सहपाठियों से पूछकर अलग-अलग
भाषाओं में बोले जाने वाले आदरसूचक शब्दों की सूची बनाएँ।
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