प्रश्न 1.
इला या इला जैसी कोई लड़की यदि तुम्हारी कक्षा में दाखिला लेती तो तुम्हारे मन में कौन-कौन-से प्रश्न उठते?
उत्तर:
इला या इला जैसी कोई लड़की यदि मेरी कक्षा में दाखिला लेती तो मेरे मन में तरह-तरह के प्रश्न उठते, जैसे
★ वह अपना काम कैसे करती होगी?
★ वह कपड़े कैसे पहनती होगी?
★ वह कैसे खाती होगी?
★ वह अपना गृहकार्य कैसे करेगी?
प्रश्न 2.
इस लेख को पढ़ने के बाद क्या तुम्हारी सोच में कुछ बदलाव आए?
उत्तर:
पहले मुझे लगता था कि अपंग व्यक्ति शारीरिक रूप से ही नहीं वरन् मानसिक रूप से भी कमजोर होते होंगे। उन्हें हमारे सहयोग और सहानुभूति की जरूरत होगी।
इस लेख को पढ़ने बाद हमारी सोच में यह बदलाव आया कि अपाहिज लोगों कमज़ोर नहीं है। अगर उन्हें मौका मिले तो वे भी हमसे आगे निकल सकते हैं। हमें उनसे प्रेरणा लेने लग जाते हैं।
मैं भी कुछ कर सकती हूँ..
प्रश्न 1.
यदि इला तुम्हारे विद्यालय में आए तो उसे किन-किन कामों में परेशानी आएगी?
उत्तर:
यदि इला हमारे विद्यालय में आए तो उसे निम्नलिखित कामों में परेशानी आएगी-
(क) जल्दी-जल्दी लिखना में
(ख) अपना स्कूल बैग ढ़ोने में
(ग) कोई खेल खेलना में
(घ) कोई सामान उठाना में
उसे यह परेशानी न हो इसके लिए अपने विद्यालय में क्या तुम कुछ बदलाव सुझा सकती हो?
उत्तर:
उसे इन कामों में परेशानी न हो, इसके लिए हम विद्यालय में कुछ सहायक नियुक्त कर सकते है, जो इला जैसी छात्रों की सहायता करें। जैसे उसके लिए एक लिखने वाले की व्यवस्था हो या उसे सब कुछ मौखिक पढ़ाया जाए।
प्यारी इला…
इला के बारे में पढ़कर जैसे भाव तुम्हारे मन में उठ रहे हैं उन्हें इला को चिट्ठी लिखकर बताओ। चिट्ठी की रूपरेखा नीचे दी गई है।
उत्तर:
वैस्ट विनोद नगर
दिल्ली
दिनांक 5 मार्च 2022
प्रिय इला,
जब पहली बार मैंने तुम्हें देखा तो मुझे बहुत दुखी हुआ। मैं तुम्हारी स्थिति को देखकर पीड़ा का अनुभव करती हूँ शायद तुम भी उतनी ही पीड़ा का अनुभव करती हो।
तुन्हें कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा। परंतु तुम आत्मविश्वास से भरी हो। अब तो मुझे तुम पर गर्व होता है। तुमने अपनी अपंगता को अपनी दृढ़ इच्छा-शक्ति पर हावी नहीं होने दिया।
बिना हाथ कशीदाकारी जैसी मुश्किल कला में निपुणता, वाकई बेमिशाल है।
मेरे मन में तुम्हारे लिए सच्ची सहानुभूति और प्रेम है। मैं तुम्हारी जैसी साहसी लड़की को अपना मित्र बनाना चाहती हूँ। तुम सफलता पर सफलता हासिल करती जाओ। इन्हीं कामनाओं के साथ।
तुम्हारा/तुम्हारी।
क ख ग
प्रश्न 1.
इला को लेकर स्कूल वाले चिंतित क्यों थे? उनका चिंता करना सही था या नहीं? अपने उत्तर: का कारण लिखो।
उत्तर:
स्कूल वाले इला की सुरक्षा, उसके काम करने की गति और उसकी अपंगता को लेकर चिंतित थे। उनका चिंता करना कुछ हद तक सही था।
सुरक्षा संबंधी चिंता तो सभी के लिए होनी चाहिए, लेकिन उसकी अपंगता को लेकर चिंतित होना सही नहीं था क्योंकि इला कोई भी काम इतनी फुर्ती से करतीं थी कि देखने वाले दंग रह जाते थे।
इला की कशीदाकारी में खास बात क्या थी?
उत्तर:
इला की कशीदाकारी में काठियावाड़ी टॉकों के साथ-साथ लखनऊ और बंगाल की भी झलक थी। पत्तियों को चिकनकारी से सजाया था। डंडियों को कांथा से उभारा गया था। पशु-पक्षियों की ज्यामितीय आकृतियों को कसूती और जंजीर से उठा रखा था। इला के डिजाइनों में नवीनता का मिश्रण देखने को मिलता था|
प्रश्न 3.
सही के आगे (✓) का निशान लगाओ।
इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सकी, क्योंकि…
- परीक्षा के लिए उसने अच्छी तरह तैयारी नहीं की थी।
- वह परीक्षा पास करना नहीं चाहती थी।
- लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी।
- उसको पढ़ाई करना कभी अच्छा लगा ही नहीं।
उत्तर:
इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सकी, क्योंकि लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी।
प्रश्न 4.
क्या इला अपने पैर के अंगूठे से कुछ भी करना सीख पाती, अगर उसके आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ करने का मौका नहीं देते?
उत्तर:
यदि इला के आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ करने का मौका नहीं देते। तो वह अपने पैर के अँगूठे से कुछ भी करना सीख नहीं पाती।
प्रश्न 1.
(क) इस पाठ में सिलाई-कढ़ाई से संबंधित कई शब्द आए हैं। उनकी सूची बनाओ। अब देखो कि इस पाठ को पढ़कर तुमने कितने नए शब्द सीखे।
उत्तर:
पल्लू, टाँके, बेल-बूट, कढ़ाई, कशीदाकारी , सुई पिरोना, रेशम, परिधान, कांता, चिकनकारी, जंजीर, बूटियां
(ख) नीचे दी गई सूची में से किन्हीं दो से संबंधित शब्द (संज्ञा और क्रिया दोनों ही) इकट्ठा करो।
फुटबाल, बुनाई (ऊन), बागबानी, पतंगबाजी।
उत्तर:
फुटबाल – मैदान, खिलाड़ी, बाॅल, रेफरी, गोल आदि।
बुनाई – ऊन, सिलाई, फंदे, सलाई, सुई, धागा, डिजाइन, फंदे डालना आदि।
बागबानी – खुरपी, फावड़ा, पानी, बीज, पौधे, क्यारी, नाली आदि।
पतंगबाजी – साड़ी, मांझा, डोर, सद्दी, पतंग, चर्खी, कन्नी देना, उड़ाना आदि।
प्रश्न 2.
एक सादा रूमाल लो या कपड़ा काटकर बनाओ। उस पर नीचे दिए गए टॉकों में से किसी एक टाँके का इस्तेमाल करते हुए बड़ों की मदद से कढ़ाई करो।
ये काम कक्षा के लड़के-लड़कियाँ सब करें।
उत्तर:
स्वयं करो।
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