प्रश्न :- तत्सम व तद्भव की परिभाषा दो ।
उत्तर :- तत्सम - इसका अर्थ है संस्कृत के समनार्थक। वे संस्कृत शब्द जो हिंदी में ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं। तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे अग्नि, सूर्य, मित्र, विद्यार्थी आदि।
तद्भव :- संस्कृत से परिवर्तित अर्थात विकसित होकर जो शब्द हिंदी में प्रयुक्त होने लगे हैं वे तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे अग्नि का आग, पत्र का पत्ता, सर्प का सांप, सूर्य का सूरज और घृत का घी तद्भव शब्द है।
कुछ प्रचलित तत्सम और उनके तद्भव शब्द
तत्सम तद्भव
गृह घर
सिंह शेर
नासिका नाक
कृष्णा किशन
हस्त हाथ
भ्रम भरम
दुग्ध दुग्ध
यद्यपि जदपि
आश्चर्य अचरज
प्रस्तर पत्थर
किरण किरन
कर्ण कान
काष्ठ काठ
दन्त दांत
मानुष मनुष्य
घृत घी
दुर्बल दुबला
तृण तिनका
प्रहर पहर
मस्तक माथा
वर्ष बरस
कुंभकार कुम्हार
वधू बहू
हृदय हिरदे।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण तत्सम तद्भव
तत्सम तद्भव
मक्षिका मक्खी
नृत्य नाच
धरित्री धरती
मयूर मोर
भ्रमर भंवरा
भगिनी बहिन
शिर सिर
मेघ मेंह
मौक्तिक मोती
पादप पौधा
घोटक घोड़ा
उष्ट्र ऊंट
गदर्भ गधा
मातुल मामा
चर्मकार चमार
स्वर्णकार सुनार
दण्ड डंडा
अद्य आज
कूप कुआं
कच्छप कछुआ
लक्ष लाख
शायं शाम
पाद पांव
लोह लोहा
ओष्ठ ओंठ
अंगुष्ठ अंगूठा
आम्र आम
कुकर कुत्ता
उलूक उल्लू
कोकिल कोयल
अश्रु आंसू
काक कौआ
स्तंभ खंबा
सौभाग्य सुहाग
कार्य काज
सूत्र सूत
पञ्च पांच
सूर्य सूरज
आश्रम आसरा
श्रावण सावन
श्रृंखला सांकल
स्वप्न सपना।
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