समरूप भिन्नार्थक शब्द चार शब्दों से मिलकर बने होते हैं – श्रुति+सम+भिन्न+अर्थ। जिसका अर्थ होता है समान लगने वाला परन्तु भिन्न। जो शब्द सुनने में एक जैसे लगते हैं पर उनके अर्थ अलग होते हैं उन्हें समरूप भिन्नार्थक शब्द कहते हैं। इन्हें समध्वनि , समत्रुत , समोच्चरित और श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द भी कहते हैं।
पहला समरूप शब्द (अर्थ) = दूसरा समरूप शब्द (अर्थ) के उदहारण इस प्रकार हैं :-
1. अनल (आग) = अनिल (हवा, वायु)
2. ओर (तरफ) = और (तथा)
3. कुल (वंश) = कूल (किनारा)
4. पानी (जल) = पाणि (हाथ)
5. शर (बाण) = सर (तालाब)
6. कंगाल (गरीब) = कंकाल (ठठरी)
7. अवधि (समय) = अवधि (अवध की भाषा)
8. नीरद (बादल) = नीरज (कमल)
9. प्रमाण (सबूत) = प्रणाम (नमस्कार)
10. कोश (शब्द-भंडार) = कोष (खजाना)
11. अचार (आम, निम्बू का अचार) = आचार (आचरण)
12. अनु (पीछे) = अणु (कण)
13. अपेक्षा (उम्मीद, तुलना) = उपेक्षा (अनादर)
14. अभय (निडर) = उभय (दोनों)
15. कपट (धोखा) = कपाट (दरवाजा)
16. दिन (दिवस) = दीन (गरीब)
17. दिशा (तरफ) = दशा (हालत)
18. देव (देवता) = दैव (भाग्य)
19. द्वार (दरवाजा) = द्वारा (के माध्यम से)
20. धन (दौलत) = धान (चावल)
21. नादान (बेसमझ) = निदान (इलाज)
22. पका (पका हुआ) = पक्का (मजबूत)
23. शोक (दुःख) = शौक (चाव)
24. श्याम (काला) = शाम (संध्या)
25. अन्न (अनाज) = अन्य (दूसरा)
26. कलि (कलयुग) = कली (अधखिला फूल)
27. अंश (भाग) = अंस (कंधा)
28. अपकार (बुरा कार्य) = उपकार (भला कार्य)
29. ग्रह (मंगल ,शुक्र) = गृह (घर)
30. उपयुक्त (उचित) = उपर्युक्त (ऊपर लिखा गया)
31. सूर (अँधा) = शूर (वीर)
32. किला (दुर्ग) = कीला (खूंटा)
33. करण (करण कारक) = कर्ण (कान)
34. चरम (अंतिम) = चर्म (खाल)
35. निधन (मृत्यु) = निर्धन (गरीब)
36. लक्ष (लाख) = लक्ष्य (उद्देश्य)
37. अलि (भँवरा) = अली (सखी,मित्र)
38. अंक (गोद) = अंग (शरीर का हिस्सा)
39. अंतर (ह्रदय) = अंदर (भीतर)
40. आदि (आरम्भ) = आदी (आदत होना)
41. आधि (मानसिक रोग) = आधी (आधा हिस्सा)
42. अवश्य (जरुर) = अवश (लाचार)
43. कर्म (काम) = क्रम (सिलसिला)
44. आकर (खान,भंडार) = आकार (आकृति)
45. समान (बराबर) = सामान (वस्तु)
46. द्रव (तरल पदार्थ) = द्रव्य (धन दौलत)
47. दीप (दीपक) = द्वीप (टापू)
48. चालक (चलाने वाला) = चालाक (चतुर)
49. चर्म (चमड़ा) = चरम (अंतिम)
50. प्रकार (भेद) = प्राकार (खाई)
51. प्रसाद (कृपा) = प्रासाद (महल)
52. तुरंग (घोडा) = तरंग (लहर)
53. जरा (बुढ़ापा) = ज़रा (थोडा सा)
54. नीड़ (घोंसला) = नीर (जल)
55. मूल्य (कीमत) = मूल (जड़)
56. भवन (घर) = भुवन (संसार)
57. शस्त्र (हथियार) = शास्त्र (कोई भी धार्मिक ग्रन्थ)
58. शाल (वृक्ष या चादर) = साल (वर्ष)
59. कटक (सेना का समूह) = कंटक (काँटा)
60. परिमाण (मात्रा) = परिणाम (नतीजा)
61. गुरु (आचार्य) = गुर (उपाय)
62. आसन (बैठने के लिए बिछौना) = आसन्न (निकट होना)
63. अविराम (बिना रुके) = अभिराम (सुंदर)
64. चपल (चंचल) = चपला (बिजली)
65. बदन (शरीर) = वदन (मुख)
66. प्रधान (मुख्य) = प्रदान (देना)
67. खान (मुस्लिम पठान) = खान (खदान)
68. अंत (समाप्त) = अंत्य (आखिरी)
69. बात (वचन) = वात (हवा)
70. अभय (निर्भय) = उभय (दोनों)
71. अब्ज (कमल) = अब्द (बादल)
72. अम्बुज (कमल) = अम्बुधि (सागर)
73. अँगना (आँगन) = अंगना (स्त्री)
74. अवलम्ब (सहारा) = अविलम्ब (शीघ्र)
75. अभिराम (सुंदर) = अविराम (लगातार)
76. जल्द (बादल) = जलज (कमल)
77. तरणि (सूर्य) = तरणी (छोटी नाव)
78. नियत (निश्चित) = नियति (भाग्य)
79. निश्छल (छल रहित) = निश्चल (अटल)
80. पुरुष (नर) = परुष (कठोर)
81. प्रवाह (बहने की क्रिया) = परवाह (चिंता)
82. पर्ण (पत्ता) = प्रण (प्रतिज्ञा)
83. दारु(लकड़ी) = दारू (शराब)
84. तरी (गीलापन) = तरि (नाव)
85. प्रमाण (साक्ष्य) = परिमाण (मात्रा)
86. अतुल (जिसकी तुलना न हो) = अतल (तलहीन)
87. अगम (दुर्लभ) = आगम (प्राप्ति)
88. आवास (निवास स्थान) = आभास (झलक)
89. इत्र (सुगंध) = इतर (दूसरा)
90. कृति (रचना) = कृती (निपुण)
91. कृपाण (कटार) = कृपण (कंजूस)
92. कटिबद्ध (तैयार) = कटिबन्ध (कमरबंध)
93. चिर (पुराना) = चीर (कपडा)
94. डीठ (दृष्टि) = ढीठ (निडर)
95. तड़ाक (जल्दी) = तड़ाग (तालाब)
96. तक्र (मट्ठा) = तर्क (बहस)
97. अर्क (सूर्य) = अर्घ (पूजा का जल)
98. असमान (जो बराबर न हो) = आसमान (आकाश)
99. गदा (एक हथियार) = गधा (एक जानवर)
100. गूंधना (सानना) = गूंथना (पिरोना)
101. गिरि (पर्वत) = गिरी (बिज का गूदा)
102. छत्र (छत) = क्षत्र (मुकुट)
103. छात्र (विद्यार्थी) = क्षात्र (क्षत्रिय)
104. तरणी (नाव) = तरुणी (युवती)
105. दूत (सन्देशवाहक) = दूयत (जुआ)
106. नारी (स्त्री) = नाडी (नब्ज)
107. प्रणय (प्रेम) = परिणय (विवाह)
108. पथ (रास्ता) = पथ्य (रोगी का भोजन)
109. बलि (भेंट) = बली (शक्तिशाली)
110. रक्त (खून) = रिक्त (खाली)
111. अमित (बहुत) = अमीत (शत्रु)
112. आर्त्त (दुखी)= आर्द्र (गीला)
113. ऋत (सत्य) = ऋतु (मौसम)
114. कपिश (मटमैला) = कपीश (वानरों का राज)
115. कुच (स्तन) = कूच (प्रस्थान)
116. गण (समूह) = गण्य (गिनने योग्य)
117. चषक (प्याला) = चसक (लत)
118. चक्रवाक (चकवा पक्षी) = चक्रवात (तूफान)
119. नत (झुका हुआ) = नित (प्रतिदिन)
120. नगर (शहर) = नागर (शहरी)
121. निशित (तीक्ष्ण) = निशीथ (आधी रात)
122. निसान (झंडा) = निशान (चिन्ह)
123. निशाकर (चन्द्रमा) = निशाचर (राक्षस)
Post a Comment
Post a Comment