Class 7th Science HM (Full Book)
Chapter 1. पौधों में पोषण
अध्याय -समीक्षा
अध्याय -समीक्षा
·
सूर्य सभी सजीव प्राणियों के लिए ऊर्जा का चरम स्रोत है |
·
हरे पौधों में भोजन संश्लेषण की प्रक्रिया सूर्य के प्रकाश की
उपस्थिति में होता है जिसे प्रकाश संशलेषण कहते है |
·
पत्तियों में एक हरा वर्णक होता है जिसे क्लोरोफिल कहते है |
·
क्लोरोफिल सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को ग्रहण करने में सहायता करते
है |
·
कार्बन-डाइऑक्साइड एवं जल प्रकाश संश्लेषण के लिए कच्चे माल का कार्य
करते है |
·
ऑक्सीजन जो सभी सजीव प्राणियों के जीवन की उत्तरजीविता के लिए आवश्यक
है प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के दौरान बनता है |
·
पौधें प्रकाश संश्लेषण के दौरान भोजन के रूप में कार्बोहाइड्रेट्स
बनाते है |
·
पत्तियों में स्टार्च (मंड) की उपस्थिति प्रकाश संश्लेषण का होना
दर्शाता है|
·
कार्बोहाइड्रेट्स कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन से बना होता है |
·
मृदा में कुछ जीवाणु होते है जो गैसीय नाइट्रोजन को उपयोगी रूप में
परिवर्तित कर देते है और इसे मृदा में छोड़ देते है |
·
कीटों के भक्षण करने वाले पौधों को कीट-भक्षी पादप कहते है |
·
कुछ जीव एक-दुसरे के साथ रहते है तथा आवास एवं पोषक तत्व एक-दुसरे से
बाँटते है इसे सहजीवी सम्बन्ध कहते है|
·
लाइकेन सहजीवी सम्बन्ध का एक उदहारण है |
·
कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, वसा, विटामिन एवं खनिज हमारे भोजन के संघटक
होते है |
·
हमारे शरीर के लिए भोजन के संघटक आवश्यक होते है जिन्हें पोषक कहा
जाता है |
अभ्यास
:
Q1. जीवों को खाध्य की आवश्यकता क्यों
होती है ?
उत्तर
: जीवों को खाध्य की आवश्यकता निम्न कारणों से होती है :
(i) काम करने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है |
(ii) शरीर निर्माण के लिए |
(iii) शरीर के टूट-फुट की मरम्मत के लिए |
(iv) कोशिकाओं को नियमित उर्जा प्रदान करने के लिए |
Q2. परजीवी एवं मृतजीवी में अंतर
स्पष्ट कीजिये |
उत्तर:
परजीवी
:
(i) ये अपना भोजन अन्य जीवों से प्राप्त करते हैं |
(ii) परजीवी समान्यत: परपोषी के शरीर के ऊपर या भीतर रहते हैं |
मृतजीवी
:
(i) मृतजीवी अपना पोषण जीवो के मृत और सड़े-गले जेविक पदार्थों से प्राप्त
करते है|
(II)मृतजीवी मृत और सड़े-गले पदार्थों के ऊपर रहते है|
Q3.आप पती में मंड (स्टार्च) की
उपस्थित का परिक्षण कैसे करेगे?
उत्तर-(i)
पातियो पर आयोडीन
बिलियन की बूंदे गिराकर हम मंड की उपस्थित का परीक्षण कर सकते है|
(ii) जब आयोडीन बिलियन मंड (स्टार्च) के संपर्क में आता है तो एक गहरा
नीला रंग नागेर आता है |
Q4. हरे पादपो में खाघ संश्लेषण
प्रक्रम का संक्षिप्त बिवरण दीजीए |
उत्तर
-(i) पादपो
में खाघ संश्लेषण प्रकाश संश्लेषण की क्रीया दवारा संपन्न होता है |
(ii) प्रकाश
संश्लेषण के दोरान पती की क्लोरोफिल यूक्त कोशिकायें, सूर्य के प्रकाश की उपस्थित में
कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण करती है
Q5. किसी प्रवाह चित्र की सहायता से
द्रशाइए की पादप भोजन के मूलभूत स्त्रोत है |
चित्र 1.2
पादप के मूलभूत
स्त्रोत है |
Q6. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
(क)
क्योंकि हरे पादप अपना खाध स्वंय बनाते है, इसलिए उन्हें
........................कहते है |
(ख)पादपो
द्वारा संश्लेषित खाध का भंडारन ......................के रूप में किया जाता है |
(ग)
प्रकाश संश्लेषण के प्रक्रम में जिस वर्णक द्वारा सौर ऊर्जा संग्रहित की जाती है |उसे .,................
कहते हैं |
(घ)
प्रकाश संश्लेषण में पादप वायुमंडल से .....................लेते है तथा
............का उत्पादन करते है
उत्तर-
(क)
स्वपोषी
(ख)
मंड
(ग)
क्लोरोफिल
(घ)
कार्बन डाइऑक्साइड
Q7. निम्न कथनों से संबद परिभाषित
शब्द बताइंए :
(क)
पीत दुर्बल तने वाला परजीवी पादप |
(ख)
एक पादप जिसमे स्वपोषन एवं विषमपोशी दोनों ही प्रणाली पाई जाती है |
(ग)
वे रंध्र जिनके द्वारा पतियो में गैसों का आदान-प्रदान (विनिमय) होता है |
उत्तर-
(क)
अमरबेल
(ख)
घटपर्णी
(ग)
पर्णरंध्र
Q8. सही उत्तर पर (tick)
का
चिन्ह लगाइए :
(क)
अमरबेल उदहारण है किसी
(i) स्वपोषी का |
(ii) परजीवी का |
(iii) मृत जीवी का |
(iv) परपोषी का |
(ख)
किटो को पकरकर अपना आहार बनाने वाले पादप का नाम हैं :
(i) अमरबेल
(ii) गुडहल
(iii) घटपर्णी (पिचर पादप)
(iv) गुलाब
उत्तर-
(क)
(ii) परजीवी
का
(ख)
(iii) घटपर्णी
(पिचर पादप)
Q9. कालम A में दीए गए शब्दों का मिलान कालम
B के शब्दों से कीजीए |
कालम A कालम B
(क)
क्लोरोफिल (i)
जीवाणु
(ख)
नाइट्रोजन (ii)
परपोषीत
(ग) अमरबेल
(iii) घटपर्णी
(घ)
जंतु (iv)
पति
(ड)
कीटभक्षी (v)
परजीवी
उत्तर-
(क)-(iv),
(ख)-(i)
(ग)-(v)
,(घ)-(ii)
(ड)-(iii)
Q10. निम्न कथनों में से सत्य एव असत्य
कथनों का चयन कीजिए |
(क)
प्रकाश संश्लेषण में कार्बोन डाइऑक्साइड मुक्त होती है |
(ख)
ऐसे पादप, जो अपना भोजन स्वंय संशालेषित करते है, मृतजीवी कहलाते है |
(ग)
प्रकाश संशलेषण का उत्पाद प्रोटीन नहीं है |
(घ)
प्रकाश संश्लेषण में सौर ऊर्जा क रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरण हो जाया है |
उत्तर-
(क)
असत्य
(ख)
असत्य
(ग)
सत्य
(घ)
सत्य
सही विकल्प चूनिए-
Q11. पादप के किस भाग दवार प्रकाश
संश्लेषण हेतु वायु से कार्बोन डाइऑक्साइड ली जाती है ?
(क)
मूल रोम
(ख) रंध्र
(ग)
पर्णशिराए
(घ) बहरादल
उत्तर-
(ख) रध्र
Q12. वायुमंडल से मुख्यत: जिस भाग
दवारा पादप कार्बोन डाइऑक्साइड प्राप्त करते है, वह है-
(क)
जर (ख) तना
(ग)
पुष्प (घ)
पत्तियों
उत्तर-
(घ) पत्तियों क
Chapter 2. जंतुओं में पोषण
अध्याय -समीक्षा
अध्याय-समीक्षा
·
मानव सहित सभी जीवों को वृद्धि करने, शरीर को स्वस्थ एवं गतिशील बनाए रखने के लिए खाद्य
पदार्थों की आवश्यकता होती है।
·
पाचक रस जटिल पदार्थों को उनके सरल रूप में बदल देते हैं। आहार नाल एवं
संबद्ध ग्रंथियाँ मिलकर पाचन तंत्रा का निर्माण करते
हैं।
·
जंतु पोषण में पोषण आवश्यकताएँ, भोजन अंतर्ग्रहण की विधियाँ एवं शरीर में इनका
उपयोग सम्मिलित है।
·
आहार नाल तथा स्रावी ग्रंथियाँ संयुक्त रूप से मानव के पाचन तंत्र का निर्माण करती हैं। इसमें (i) मुख-गुहिका, (ii) ग्रसिका, (iii) आमाशय,
(iv) क्षुद्रांत्र,
(v) बृहदांत्र, जो मलाशय में समाप्त होती है
तथा (vi) गुदा सम्मिलित हैं। पाचक रस स्रावित करने वाली मुख्य ग्रंथियाँ हैंः (i)
लाला-ग्रंथि, (ii) यकृत, एवं (iii) अग्न्याशय। आमाशय कीभित्ति एवं
क्षुद्रांत्र की भित्ति भी पाचक रस स्रावित करती है
·
विभिन्न जीवों में भोजन ग्रहण करने की विधियाँ भी भिन्न हैं।
·
पाचन एक जटिल प्रक्रम है, जिसमें (i) अंतर्ग्रहण, (ii) पाचन (iii) अवशोषण, (iv) स्वांगीकरण एवं (v)
निष्कासन शामिल
हैं।
·
भोजन का अंतर्ग्रहण मुख द्वारा होता है। आहार को शरीर के अंदर लेने की
क्रिया अंतर्ग्रहण कहलाती है।
·
आमाशय का आंतरिक अस्तर (सतह) को श्लेष्मा हाइड्रोक्लोरिक
अम्ल तथा रस स्रावित करता है।
·
मंड जैसे कार्बोहाइड्रेट का पाचन मुख में ही प्रारंभ हो जाता है।
प्रोटीन का पाचन आमाशय में प्रारंभ होता है। यकृत द्वारा स्रावित पित्त, अग्न्याशय से अग्न्याशयिक स्राव
एवं क्षुद्रांत्र भित्ति द्वारा स्रावित पाचक रस की क्रिया से भोजन के सभी घटकों का पाचन क्षुद्रांत्र में पूरा
हो जाता है।
·
श्लेष्मा आमाशय के आंतरिक स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है।
·
जल एवं कुछ लवण बृहदांत्र में अवशोषित होते हैं। अवशोषित पदार्थ शरीर
के विभिन्न भागों को स्थानांतरित कर दिए जाते हैं।
·
बिना पचे अपशिष्ट जिनका अवशोषण नहीं होता, मल के रूप में गुदा
द्वारा शरीर के बाहर निकाल दिए जाते हैं।
·
गाय, भैंस एवं हिरण जैसे घास खाने वाले जंतु रोमंथी (रूमिनैन्ट) कहलाते
हैं। वे पत्तियों का अंतर्ग्रहण तीव्रता से करके उन्हें निगल लेते हैं तथा रूमेन में
भंडारित कर लेते हैं। कुछ अंतराल के बाद भोजन पुनः मुख में आ जाता है और पशु धीरे-धीरे जुगाली कर उसे चबाते
हैं।
·
अमीबा में भोजन का अंतर्ग्रहण पादाभ की सहायता से होता है तथा इसका
पाचन खाद्य धानी में होता है।
·
यकृत गहरे लाल-भूरे रंग की ग्रंथि है, जो उदर के ऊपरी भाग में दाहिनी (दक्षिण) ओर अवस्थित होती है। यह शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है।
·
यकृत पित रस स्रावित करता है जो पिताशय में संग्रहित होता है | यह वसा के पाचन में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाता है |
·
अग्नाशय एक हल्के पीले रंग की ग्रंथि है जो पाचन के लिए बहुत से एंजाइम स्रावित करता है
जैसे- पेप्सिन, ट्रिप्सिन, पैनक्रियाटिन आदि |
अभ्यास
Q.1
उचित
शब्द द्वारा रिक्त स्थानो कि पूर्ति कीजिए |
(क) मानव पाचन के मुख्य चरण
............, .........., .........., एवं ........ है |
(ख) मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि का नाम
............ है |
(ग) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
एवं ......... का स्राव होता है, जो भोजन पर क्रिया करते है |
(घ) क्षुद्रांत की आंतरिक भित्ति
पर अंगुली के समान अनेक प्रवर्ध होते है, जो ......... कहलाते है | (च)
अमीबा अपने भोजन का पाचन ......... में करता है |
उत्तर-
(क) अंतग्रहन, पाचन, अवशोषण, स्वगीकरण एव निष्कासन
(ख) यकृत
(ग) आमाशयी
(घ) दिर्घरोम
(च) खघधानी |
Q.2
सत्य
एवं असत्य कथनो को चिन्ह किजिए |
(क) मंड का पाचन आमाशय से प्रारंभ
होता है |
(ख) जीभ लाला-ग्रंधी को भोजन के
साथ मिलाने में सहायता करती है |
(ग) पित्ताशय में रस अस्थायी
रूप से भंडारित होता है
(घ) रुमिनैनट निगली हुई घास को को
अपने मुख में वापस लाकर धीरे-धीरे चबाते रहते है |
उत्तर-
(क) असत्य
(ख) सत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
Q.3
निम्न
में से सही विकल्प पर (tick) का चिन्ह लगाईए |
(क) वसा का पूर्णरूपेण पाचन जिस
अंग में होता है, वह है
(i)
आमाशय
(ii) मुख
(iii)
(iv) बृहदानत्र
(ख) जल का अवशोषण मुख्यत: जिस अंग
दवारा होता है, वह है-
(i)
आमाशय
(ii) ग्रसिका
(iii)
(iv) बृहदानत्र
उत्तर-
(क) (iii)
(ख) (iv)
Q.4
कालम
A में दिए गए कथनों का मिलन कालम B में दिए गए कथनों से किजिए |
कालम A |
कालम B |
खाद्य घटक |
पाचन
के उत्पाद |
कार्बोहाइड्रेटस |
वसा
अम्ल एवं गीलसराल |
प्रोटीन |
शर्करा |
वसा |
ऐमिनो
अम्ल |
उत्तर:
कालम A कालम B
खाद्य घटक
पाचन के उत्पाद
कार्बोहाइड्रेटस
शर्करा
प्रोटीन
ऐमिनो अम्ल
वसा
वसा अम्ल एवं गीलसराल
Q.5
दीघ्ररोम
क्या है? वह कहा पाए जाते है एवं उनके
कार्य क्या है ?
उत्तर- (i) सुद्रांत्र या छोटी आंत की भीतरी दीवार पर
हजारो अंगुली जैसी रचनाए उभरी रहती है| इन्हे दीघ्ररोम कहते
है |
(ii)
दिर्घरोम सुद्रांत्र
में
Q6. पित कहाँ निर्मित होता है ? यह भोजन के किस घटक के पाचन में
सहायता करता है ?
उत्तर: पित का निर्माण यकृत
में होता है और इसका संग्रहण पिताशय में होता है | यह भोजन में उपस्थित वसा का पाचन
करता है |
Q7. उस कार्बोहाइड्रेट का नाम लिखिए जिसका पाचन रुमिनैंट द्वरा किया जाता
है परन्तु मानव द्वारा नहीं | इसका कारण बताइए |
उत्तर: उस कार्बोहाइड्रेट का
नाम सेलुलोज है जिसका पाचन मनुष्य नहीं करता है | यह सिर्फ रुमिनैंट (मवेशी) द्वारा
ही इसका पाचन होता है | इसका कारण यह है कि सेलुलोज एक विशेष
प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है और इसका पाचन रूमिनैन्टस कर सकते है रूमिनैन्टस में
क्षुद्रांत्र एवं बृहदांत्र के बीच एक थैलीनुमा बड़ी संरचना होती है, जहाँ भोजन के सेलुलोस का पाचन यहाँ
पर कुछ जीवाणुओं द्वारा
किया जाता है, जो मनुष्य के आहार नाल में
अनुपस्थित होते हैं।
Q8. क्या कारण है कि हमें ग्लूकोस से ऊर्जा तुरंत प्राप्त होता है ?
उत्तर: ग्लूकोस शर्करा का सरल रूप है जिसे पाचित
करना बहुत ही आसान है और यह तुरंत ही आँतों द्वारा अवशोषित हो जाता है | यही कारण है कि हमें ग्लूकोस से
तुरंत ऊर्जा प्राप्त होता है |
Q9. आहार
नाल के कौन-से
भाग द्वारा निम्न क्रियाएँ संपादित होती हैं
(i) पचे भोजन का
अवशोषण --------------- ।
(ii) भोजन को चबाना
--------------- ।
(iii) जीवाणु नष्ट
करना --------------- ।
(iv) भोजन का
संपूर्ण पाचन --------------- ।
(v) मल का निर्माण
--------------- ।
उत्तर:
(i) क्षुद्रांत
(ii) मुँह
(iii) आमाशय
(iv) क्षुद्रांत
(v) बृहदान्त्र
Q10. मानव एवं अमीबा के पोषण में कोई एक समानता एवं
एक अंतर लिखिए।
उत्तर:
मानव एवं अमीबा के पोषण में
समानता : ये दोनों ही विषमपोषी पोषण करते है - क्योंकि दोनों में ये सभी क्रियाएँ
होती हैं जिनमें खाद्धय पदार्थों का सरल पदार्थों में परिवर्तित किया जाता है एवं
ऊर्जा मुक्त होती है साथ ही साथ इनमें (i) अंतर्ग्रहण, (ii) पाचन (iii) अवशोषण, (iv) स्वांगीकरण एवं (v)
निष्कासन आदि भी
होता है |
मानव एवं अमीबा के पोषण में अंतर
: अमीबा में पाचन क्रिया बहुत ही सरल है जबकि मनुष्य में यह बहुत ही जटिल है
|
अतिरिक्त
प्रश्न : हल सहित
प्रश्न
: प्राणी
(जंतु) अपना भोजन किस प्रकार बनाते हैं?
उतर : प्राणी (जंतु) अपना
भोजन प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से पौधें से प्राप्त करते हैं। कुछ प्राणी सीधे ही
पौधों का भक्षण करते हैं जबकि कई अन्य उन जंतुओं को अपना आहार बनाते हैं जो पौधे
खाते हैं। कुछ जंतु, पौधों एवं जंतु दोनों को खाते हैं।
प्रश्न
: मानव
सहित सभी जीवों को वृद्धि करने, शरीर को स्वस्थ एवं गतिशील बनाए
रखने के लिए
किस चीज की आवश्यकता होती है?
उत्तर : मानव सहित सभी जीवों
को वृद्धि करने, शरीर को स्वस्थ एवं गतिशील बनाए रखने के लिए खाद्य पदार्थों
की आवश्यकता होती है।
प्रश्न
: पाचन
तंत्र का निर्माण कैसे होता हैं?
उत्तर : पाचक रस जटिल
पदार्थों को उनके सरल रूप में बदल देते हैं। आहार नाल
एवं संबद्ध ग्रंथियाँ मिलकर पाचन तंत्र का निर्माण करते हैं।
प्रश्न
: मानव
में पाचन क्रिया किस प्रकार होता है?
उत्तर : हम अपने मुख
द्वारा भोजन का अंतर्ग्रहण करते हैं, इसे पचाते हैं तथा फिर उसका उपयोग करते
हैं। आहार का बिना पचा भाग मल के रूप में निष्कासित किया जाता है। क्या आपने कभी
यह जानने का प्रयास किया है कि शरीर के अंदर भोजन का
क्या होता है? भोजन एक सतत् नली से गुजरता है, जो मुख-गुहिका से प्रारम्भ होकर गुदा तक
जाती है।
प्रश्न
: आहार
नली को कितने भागों में बाँटा जाता है ?
उत्तर : आहार नली को
मुख्य छ: भागों में बाँटा जाता हैं -
(1) मुख-गुहिका
(2) गा्रस-नली या गा्रसिका ;3.द्धआमाशय ;4.द्धक्षुद्रांत्रा ;छोटी आँतद्ध ;5.द्धबृहदांत्रा ;बड़ीआँतद्धजो मलाशय से जुड़ी होती
है तथा ;6.द्धमलद्वार अथवा गुदा।
प्रश्न-
अंतर्ग्रहण किसे कहते है?
उत्तर -भोजन का अंतर्ग्रहण
मुख द्वारा होता है। आहार को शरीर वेफ अंदर लेने की क्रिया अंतर्ग्रहण कहलाती है।
प्रश्न-
हम जीभ का उपयोग किन किन तरह से करते है?
उत्तर -हम बोलने वेफ
लिए जीभ का उपयोग करते हैं। इसवेफ अतिरिक्त यह भोजन में लार को मिलाने का कार्य
करती है तथा निगलने में भी सहायता करती है। जीभ द्वारा ही हमें स्वाद का पता चलता
है। जीभ पर स्वाद-कलिकाएँ होती हैं, जिनकी सहायता से हमें विभिन्न प्रकार वेफ
स्वाद का पता चलता है।
प्रश्न-
जब आप जल्दी जल्दी खाना खाते है तो आपको खाँसी हिचकी और घुटन का अनुभव क्यों होता
है ?
उत्तर -कभी-कभी जब
आप जल्दी-जल्दी खाते हैं, अथवा खाते समय बात करते हैं, आपको हिचकी आती है अथवा घुटन का
अनुभव होता है। यह खाद्य कणों वेफ श्वास नली में प्रवेश करने वेफ कारण होता है।
प्रश्न-
आमाशय का आंतरिक अस्तर ;सतहद्ध को क्या क्या रस स्रावित करता है?
उत्तर - आमाशय का आंतरिक
अस्तर ;सतहद्ध
को श्लेष्मल हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा रस स्रावित करता है।
प्रश्न-
श्लेष्मा आमाशय के आंतरिक स्तर को क्या प्रदान करता है?
उत्तर - श्लेष्मा
आमाशय के आंतरिक स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रश्न-
अम्ल अनेक ऐसे कौन से जीवाणुओं को नष्ट करता है जो हमारे के भोजन साथ वहाँ तक जाते
है?
उत्तर- अम्ल अनेक
ऐसे जीवाणुओं को नष्ट करता है, जो भोजन वेफ साथ वहाँ तक पहुँच जाते हैं।
साथ ही यह माध्यम को अम्लीय बनाता है। पाचक रस ;जठर रसद्ध प्रोटीन को सरल पदार्थों में
विघटित कर देता है।
प्रश्न-
क्षुद्रांत्रा कितने मीटर लंबी कुंडलित नली है?
उत्तर-
क्षुद्रांत्रा लगभग 7ण्5 मीटर लंबी अत्यध्कि कंुडलित नली
है। यह यकृत एंव अग्न्याशय से स्त्राव प्राप्त करती है। इसके अतिरिक्त इसकी भिति
से भी कुछ रस स्त्रावित होते है।
प्रश्न-
यकृत किस रंग की ग्रंथि है?
उत्तर- यकृत गहरे
लाल-भूरे रंग की ग्रंथि है, जो उदर वेफ ऊपरी भाग में दाहिनी ;दक्षिणद्ध ओर अवस्थित होती है। यह
शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है।
प्रश्न-
पित्त रस किसे कहते है?
उत्तर- यह पित रस
ड्डावित करती है, जो एक थैली में संग्रहित होता रहता है, इसे पित रस कहते है। पित्त रस वसा वेफ
पाचन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रश्न-
अग्न्याशय किस रंग कि बड़ी ग्रंथी है और वह किसके नीचे स्थित होती है?
उत्तर- अग्न्याशय
हल्वेफ पीले रंग की बड़ी गं्रथि है, जो आमाशय वेफ ठीक नीचे स्थित होती है।
प्रश्न-
‘अग्न्याशयिक
रस’ किन
तथ्यों पर क्रिया करता है तथा इनको किस रुप में परिवर्तित करता है?
उत्तर- ‘अग्न्याशयिक रस’ कार्बोहाइड्रेट्स एवं प्रोटीन पर
क्रिया करता है तथा इनको उनवेफ सरल रूप में परिवर्तित कर देता है।
प्रश्न-
आंशिक रुप से पचा भोजन किस भाग में पहुँचता है? और आंत्रा रस पाचन क्रिया को क्या कर देता
है?
उत्तर- आंशिक रूप से
पचा भोजन अब क्षुद्रांत्रा वेफ निचले भाग में पहुँचता है जहाँ आंत्राद रस पाचन
क्रिया को पूर्ण कर देता है। कार्बोहाइड्रेट सरल शर्वफरा जैसे कि ग्लूकोस में
परिवर्तित हो जाते हैं।
प्रश्न-
भोजन को श्वास नली में प्रवेश करने से किस प्रकार रोका जाता है?
उत्तर- भोजन निगलने
वेफ समय एक माँसल रचना वाल्व का कार्य करती है, जो श्वासनली को ढक लेती है तथा भोजन को
ग्रसनी में भेज देता है। संयोगवश यदि, भोजन वेफ कण श्वास नली में प्रवेश कर जाते
हैं, तो
हमें घुटन का अनुभव होता है तथा हिचकी आती है।
Chapter 3. तन्तु से वस्त्र तक
अध्याय-समीक्षा
अध्याय-समीक्षा
·
जंतुओं से प्राप्त किए जाने वाले रेशे को जांतव रेशे कहते हैं |
·
ऊन के रेशे (फाइबर) भेड़ अथवा याक के बालों से
प्राप्त किए जाते हैं। जबकि रेशम के फाइबर रेशम कीट
के कोकून (कोश) से प्राप्त होते हैं।
·
भेड़, बकरी, याक और कुछ अन्य जंतुओं से ‘ऊन’ प्राप्त की जाती है। ऊन प्रदान
करने वाले इन जंतुओं के शरीर बालों से ढके होते हैं |
·
बालों के बीच अधिक मात्रा में वायु आसानी से भर जाती है। यें वायु ऊष्मा की
कुचालक है, अतः बाल इन जंतुओं को गर्म रखते हैं। ऊन इन रोयेंदार रेशों से
प्राप्त की जाती है।
·
भेड़ की रोयेंदार त्वचा पर दो प्रकार के रेशे होते हैं- (i)
दाढ़ी के रूखे बाल, और (ii) त्वचा के निकट अवस्थित तंतुरूपी मुलायम बाल।
·
भेड़ों की कुछ नस्लों में केवल तंतुरूपी मुलायम बाल ही होते हैं। इनके जनकों का विशेष रूप से ऐसी भेड़ों को जन्म देने के लिए चयन किया जाता है, जिनके शरीर पर सिर्फ मुलायम बाल हों।
·
तंतुरूपी मुलायम बालों जैसे विशेष गुणयुक्त भेड़ें उत्पन्न करने के लिए जनकों के चयन की यह प्रक्रिया ‘वरणात्मक प्रजनन’ कहलाती है।
·
याक की ऊन तिब्बत और लद्दाख में प्रचलित है |
·
बकरी के बालों से भी ऊन प्राप्त की जाती है अंगोरा ऊन को अंगोरा नस्ल की
बकरियों से प्राप्त किया जाता है जो जम्मू एवं कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों
में पाई जाती हैं
|
·
कश्मीरी बकरी की त्वचा के निकट मुलायम बाल (फर) होते हैं, इनसे बेहतरीन शॉलें बनाई जाती
हैं, जिन्हें पश्मीना शॉलें कहते हैं।
·
दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले लामा और ऐल्पेका से भी ऊन प्राप्त
होती है |
·
जब पाली गई भेड़ के शरीर पर बालों की घनी वृद्धि हो जाती है, तो ऊन प्राप्त करने के लिए उसके बालों को काट लिया जाता है।
·
भेड़ के बालों को त्वचा की पतली परत के साथ शरीर
से उतार लिया जाता है यह प्रक्रिया ऊन की कटाई कहलाती है।
·
भेड़ों से त्वचा सहित उतारे गए बालों को टंकियों में डालकर अच्छी तरह
धोया जाता है जिससे उनकी चिकनाई, धूल और गर्त निकल जाए | यह प्रक्रम अभिमार्जन कहलाता है |
Chapter 18. अपशिष्ट जल की कहानी
अध्याय -समीक्षा
प्रश्न: अपशिष्ट जल किसे कहते
हैं ?
उत्तर: झाग से भरपूर, तेल मिश्रित, काले, भूरे रंग का जल जो सिंक, शौचालय, लौंड्री आदि से नालियों में जाता
है, वह
अपशिष्ट जल कहलाता है |
प्रश्न: वाहित मल से आप क्या
समझते है ?
उत्तर: वाहित मल घरों, उद्योगों, अस्पतालों, कार्यालयों और अन्य उपयोगों के
बाद प्रवाहित किये जाने वाला अपशिष्ट जल होता है अथवा यह वर्षा का जल या सडकों से
बह कर आया वर्षा जल भी हो सकता है |
प्रश्न: शहरों में मल विसर्जन
किसके द्वारा होता है ?
उत्तर: सीवर के द्वारा
प्रश्न: वाहित मल में क्या-क्या
मिश्रित होता है ?
उत्तर: वाहित मल एक
जटिल मिश्रण होता है, जिसमें निलंबित ठोस, कार्बनिक और अकार्बनिक अशुद्धियाँ, पोषक तत्व, मृतजीवी और रोग वाहक जीवाणु और
अन्य सूक्ष्मजीव होते हैं |
प्रश्न: जल को रोगाणुओं से मुक्त
करने के लिए क्या किया जाता है ?
उत्तर: उसे क्लोरीन
अथवा ओजोन जैसे रसायनों से रोगाणु मुक्त किया जाता है |
प्रश्न: जल जनित रोग क्या है ? इनके नाम लिखों |
उत्तर: वे सभी रोग जो jl
के संदूषण से
उत्पन्न होते है जल जनित रोग कहलाते हैं | जैसे-हैजा, टाइफाइड, पोलियो, मैनिंजाइटिस, हेपेटाइटिस, पेचिस एवं पीलिया रोग आदि |
प्रश्न: अपशिष्ट जल को कहाँ
उपचारित किया जाता है ?
उत्तर: अपशिष्ट जल को
वाहित मल उपचार संयंत्र में उपचारित किया जाता है |
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