अपनी कक्षा की गतिविधि के बारे में बताते हुए पिता जी को पत्र
18 सितंबर, 20xx
परीक्षा भवन
आदरणीय पिता जी
सादर प्रणाम !
मैं यहाँ कुशलपूर्वक रह रहा हूँ। आशा है आप सब भी सकुशल होंगे। हमारे हिंदी के अध्यापक बहुत अच्छे हैं। कल हमारी हिंदी के अध्यापक ने कक्षा में बहुत रोचक गतिविधि करवाई। उन्होंने तीन-तीन छात्रों के समूह बनवाए जिसमें एक छात्र को मुहावरे का अभिनय करना था, दूसरे को वह (मुहावरा) पहचानना था जबकि तीसरे को उस मुहावरे का अर्थ स्पष्ट करना था ।
पढ़ाई में के समय पूरी कक्षा का हंस-हंसकर बुरा हाल था। यह गतिविधि मुहावरों को आसानी से समझने में बहुत सहायक हुई। हमारी कक्षा में 10 समूह बने थे इसलिए हमने लगभग दस मुहावरे भी सीखे और मनोरंजन भी हुआ। अब हम अगली गतिविधि का इंतज़ार कर रहे हैं। आदरणीय दादा जी, दादी जी और माँ को मेरा सादर प्रणाम तथा गुड़िया को प्यार ।
आपका पुत्र
क. ख. ग.
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