कविता का सारांश
निरंकार देव ‘सेवक’ द्वारा रचित कविता ‘टेसू राजा बीच बाजार’ एक लोकगीत है। इस कविता में टेसू राजा बाजार में अनार ले रहे हैं। वे प्रश्न करते हैं कि अनार में कितने दानें हैं, तो उन्हें उत्तर मिलता है कि जितने कंबल में खाने हैं। तब कंबल में कितने खाने हैं, इसको भला भेड़ क्यों बताने लगी? एक झुंड में उतनी ही भेड़ें होती हैं, जितने कि एक पेड़ पर पत्ते। अब टेसू राजा प्रश्न करते हैं कि एक पेड़ पर कितने पत्ते होते हैं, तो इसका उत्तर मिलता है कि जितने गोपी के घर कपड़े। गोपी के घर उतने ही कपड़े हैं, जितने कलकत्ते में कुत्ते हैं। निष्कर्ष निकलता है कि कुल बीस लाख तेईस हजार दाने वाला एक अनार है। टेसू राजा कहते हैं कि मुझे भी चार अनार दे दो।
काव्यांशों की व्याख्या
1. टेसू राजा बीच बाजार,
खड़े हुए ले रहे अनार।
इस अनार में कितने दाने?
जितने हों कंबल में खाने।
कितने हैं कंबल में खाने?
भेड़ भला क्यूँ लगी बताने।
शब्दार्थ: कंबल-ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा, जो ओढ़ने-बिछाने के काम आता है।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक रिमझिम भाग-2 में संकलित कविता ‘टेसू राजा बीच बाज़ार’ से ली गई हैं। इस कविता के कवि निरंकार देव ‘सेवक’ हैं। इसमें कवि ने बीच बाजार में अनार खरीदने पहुँचे टेसू राजा के विषय में बताया है।
व्याख्या – टेसू राजा बाजार में अनार लेने के लिए खड़े हैं। वे पूछते हैं कि इस अनार में कितने दाने हैं। उन्हें उत्तर मिलता है कि जितने कंबल में खाने होते हैं। अब एक कंबल में कितने खाने होते हैं, यह भला कोई भेड़ क्यों बताने लगी?
2. एक झुंड में भेड़े कितनी?
एक पेड़ पर पत्ती जितनी।
एक पेड़ पर कितने पत्ते?
जितने गोपी के घर लत्ते।
गोपी के घर लत्ते कितने?
कलकत्ते में कुत्ते जितने।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक रिमझिम भाग-2 में संकलित कविता ‘टेसू राजा बीच बाज़ार’ से ली गई हैं। इस कविता के कवि निरंकार देव ‘सेवक’ हैं। इसमें कवि ने बीच बाजार में अनार खरीदने पहुँचे टेसू राजा के विषय में बताया है।
व्याख्या – इन पंक्तियों में टेसू राजा प्रश्न करते हैं कि एक झुंड में कितनी भेड़ें होती हैं तो उन्हें उत्तर मिलता है कि एक पेड़ पर जितनी पत्तियाँ होती हैं, उतनी ही। अब पुनः टेसू राजा सवाल करते हैं कि एक पेड़ पर कितने पत्ते होते हैं, तो जवाब मिलता है कि जितने गोपी के घर कपड़े हैं। अब वे प्रश्न उठाते हैं। कि गोपी के घर कितने कपड़े हैं तो उन्हें उत्तर मिलता है कि जितने कलकत्ते में कुत्ते हैं।
दानेवाला एक अनार।
टेसू राजा कहें पुकार,
लाओ मुझको दे दो चार।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक रिमझिम भाग-2 में संकलित कविता ‘टेसू राजा बीच बाज़ार’ से ली गई हैं। इस कविता के कवि निरंकार देव ‘सेवक’ हैं। इसमें कवि ने बीच बाजार में अनार खरीदने पहुँचे टेसू राजा के विषय में बताया है।
व्याख्या – टेसू राजा को इस बार जवाब मिलता है कि एक अनार बीस लाख तेईस हजार दाने वाला है। तब टेसू राजा कहते हैं कि मुझे चार अनार दे दो।
प्रश्न-अभ्यास
गिनत-अनगिनत
प्रश्न 1 कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें गिना जा सकता है और कुछ चीज़ों की नहीं।
जिन चीजों को गिन सकती हो उनके आगे ‘हाँ’ लिखो।
जिन्हें नहीं गिन सकती हो उनके आगे ‘नहीं’ लिखो।
उत्तर:
कवि बन जाओ तुम
प्रश्न 2. नीचे दी गई कविता को ध्यान से पढ़ोः
एक पेड़ पर कितने पत्ते?
जितने गोपी के घर लत्ते।
गोपी के घर लत्ते कितने?
कलकत्ते में कुत्ते जितने।
अब तुम कविता को आगे बढ़ाकर लिखने की कोशिश करो।
उत्तर:
कलकत्ते में कुत्ते कितने;
मेरे सिर में बाल हैं जितने।
तुम्हारा अंदाज़ा
क्या सचमुच अनार में इतने दाने होते हैं?
अंदाजे से बताओ
प्रश्न 3. एक अनार में कितने दाने होते होंगे?
उत्तर: एक अनार में लगभग 200 दाने होते होंगे।
प्रश्न 5. एक भुट्टे में कितने दाने होते होंगे?
उत्तर: एक भुट्टे में लगभग 200 दाने होते होंगे।
प्रश्न 6. एक मूंगफली में कितने दाने होते होंगे?
उत्तर: एक मूंगफली में 2-3 दाने होते हैं।
मौका मिलने पर ज़रूर जाँच करना कि तुम्हारा अंदाजा कितना सही था।
हाट बाज़ार
(क) टेसू राजा बाज़ार अनार लेने गए थे।
प्रश्न 7. तुम बाज़ार क्या-क्या लेने जाती हो?
उत्तर: मैं बाजार कॉपी, किताब, खिलौने, कॉमिक्स की किताबें इत्यादि खरीदने के लिए जाती हूँ।
प्रश्न 8. बाज़ार कैसे जाती हो?
उत्तर: मैं बाज़ार अपनी मम्मी या पापा के साथ मोटर साइकिल अथवा कार से जाती हूँ। कभी-कभी हम लोग ऑटोरिक्शा करके भी बाज़ार जाते हैं।
प्रश्न 9. उस बाज़ार का क्या नाम है?
उत्तर: उस बाजार का नाम सरोजिनी नगर मार्केट, दिल्ली है।
प्रश्न 10. अपने घर के पास के कुछ और बाजारों के नाम पता करो।
उत्तर: खान मार्केट, आई.एन.ए. मार्केट, मालवीय नगर मार्केट, लाजपत नगर मार्केट, आदि।
( ख ) बाजार अलग-अलग तरह के होते हैं। जैसे-मंडी, हाट, सोम बाज़ार, मॉल, पैंठ, किनारी बाजार, आदि।
कक्षा में बात करो कि इन सब बाजारों में क्या अंतर है। तुम्हारे घर के पास में किस तरह के बाज़ार हैं।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
फेर-बदल
जितने हो कंबल में खाने।
इस वाक्य को इस तरह भी लिख सकते हैं।
कंबल में जितने खाने हों।
प्रश्न 11. इसी तरह नीचे लिखे वाक्यों को बदलकर लिखोः
उत्तर:
- कितने हैं कंबल में खाने?
“कंबल में कितने खाने हैं। - एक झुंड में भेड़े कितनी
“एक झुंड में कितनी भेड़े - टेसू राजा कहे पुकार, लाओ मुझको दे दो चार।
टेसू राजापुकार कर कह रहे हैं लाओ मुझे भी चार दे दो। - फूलों से बनाओ होली के रंग।
“होली के रंग फूलों से बनाओ।
किसके नाम
अनार, आम, अमरूद, पपीता – ये सब फलों के नाम हैं।
प्रश्न 12. बताओ ये सब किसके नाम हैं?
उत्तर:
बाज़ार-बाजा
इन शब्दों को बोलकर देखो। जा और जा बोलने में अलग-अलग लगते हैं न! नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। उन्हें बोलो और खोजो कि अक्षर के नीचे बिंदु होने और न होने से आवाज़ में क्या फ़र्क पड़ता है।
प्रश्न 13. दो-दो शब्द खुद जोड़ोः
उत्तर:
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