कविता का सारांश
प्रस्तुत कविता ‘बहुत हुआ’ के कवि हरीश निगम हैं। इस कविता में कवि ने वर्षा के कारण बच्चों को होने वाली कठिनाइयों का वर्णन किया है। बच्चों के माध्यम से कवि कहता है कि हे बादल भइया, अब पानी बरसाना बंद करो। बहुत हो चुका। रात भर वर्षा के कारण घर के चूने से हम सब को नानी याद आ गई है। हम कहाँ जाएँ और कहाँ खेलें। चारों तरफ कीचड़ और पानी है। घर में फँसकर हमारी स्थिति पिंजरे में बंद सुग्गे (तोते) की तरह हो गई है। बच्चे सूरज दादा से प्रार्थना करते हैं कि वे जल्दी धूप खिलाएँ। बच्चे अपने दोस्तों से कहते हैं कि सब मिलकर सड़कों से पानी हटने की दुआ करें।
काव्यांशों की व्याख्या
1. बादल भइया
बहुत हुआ!
कीचड़-कीचड़
पानी पानी।
याद सभी को
आई नानी
सारा घर
दिन रात चुआ
शब्दार्थ: कीचड़-पानी में मिली हुई धूल या मिट्टी। चुआ-टपका।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक रिमझिम, भाग-2 में संकलित कविता ‘बहुत हुआ’ से ली गई हैं। इस कविता के कवि हरीश निगम ने वर्षा के कारण बच्चों को होने वाली कठिनाइयों का वर्णन किया है।
व्याख्या – इन पंक्तियों के माध्यम से कवि बादल से कहता है कि बादल भइया, कीचड़-कीचड़, पानी-पानी अब अब बस करो। वर्षा के कारण सभी बच्चों को नानी याद आ गई है तथा घर दिन-रात टपकता रहता है।
2. जाएँ कहाँ
कहाँ पर खेलें?
घर में फंसे
बोरियत झेलें
ज्यों पिंजरे में
मौन सुआ
धूप खिलाएँ
ताल नदी
सड़कों से जाएँ
तुम भी भैया
करो दुआ!
शब्दार्थ: बोरियत-मन लगना उबाऊपन। मौन-चुप, खामोश। सुआ-सुग्गा, तोता। ताल-तालाब।
प्रसंग – पूर्ववत।
व्याख्या – इन पंक्तियों में बच्चे कह रहे हैं कि वर्षा के कारण हम कहाँ जाएँ और कहाँ खेलें। घर में फँसकर हम बोर हो जाएँगे। यहाँ हमारी स्थिति पिंजरे में बंद तोते की तरह हो गई है। बच्चे सूरज दादा से धूप खिलाने को कह रहे हैं। वे अपने मित्रों से कह रहे हैं कि सब मिलकर दुआ करो कि सड़कों पर से जमा पानी निकल जाए।
प्रश्न-अभ्यास
बरसात
प्रश्न 1 ‘बारिश’ कहने पर तुम्हारे मन में कौन-कौन-से शब्द आते हैं? सोचो और लिखो।
उत्तर:
बादल, पानी, रिमझिम, बूँदे, कागज़ की नाव, हरे-भरे पेड़-पौधे, भरे-भरे ताल-तलैये, कीचड़, छाता, इत्यादि शब्द मन में आते हैं।
प्रश्न 2 जब बहुत बारिश होने लगती है तब तुम कहाँ खेलती हो? कौन-कौन-से खेल खेलती हो?
उत्तर:
जब बहुत बारिश होती है, तो हम भीगने से बचने केेे लिए अपने घर के अंदर ही खेलते हैं। जैसे- लूडो, विडियो गेम, लुकाछिपी, व्यापार, गुड्डेे-गुडियों का खेल, अंताक्षरी इत्यादि खेल खेलती हूँ।
उत्तर:
खूब तेज़ बारिश होगी, तो हमारे घर के चारों और बारिश ही बारिश दिखाई देगी। जिसमें लोग भीग रहे होंगे। चारों तरफ पानी ही पानी होगा। तालााब व गड्डे पानी से भर जाएँगे। बारिश सेेेेेेे धुलने के बाद पेड़ पौधे हरे भरे दिखेंगे । घर के आस-पास के ताल-तलैये भर जाएँगे तथा जगह-जगह कीचड़ दिखाई देगा।
प्रश्न 4
बारिश में कितना पानी बरसता है? वह सब पानी कहाँ-कहाँ जाता होगा?
उत्तर:
बारिश में काफ़ी मात्रा में पानी बरसता है। यह पानी नदी, नालों, खेतोंं, ताल-तलैयों, नदी-नालों समुद्र आदि में चला जाता है।
प्रश्न 5 ये सब बारिश से बचने के लिए क्या करेंगे? बताओ।
उत्तर:
लोग – अपने-अपने घरों के अंदर चले जाएँगे और छतरी लेकर बाहर निकलेंगे।
कबूतर – कबूतर अपने घोंसले में घुस जाएगा।
केंचुआ – जमीन के अंदर ही रहेगा या मिट्टी में गहराई तक घुस जाएगाा।
कुत्ता – किसी चीज के नीचे छिप जाएगा।
मछली – मछली पर बारिश का कोई असर नहीं होगा।
मोर – झाड़ियों में या किसी पेड़ के नीचे बैठ जाएगा।
बहुत हुआ !
प्रश्न 1
बड़े लोग ऐसा कब कहते हैं
(i) बहुत हुआ, अब चुपचाप बैठो!
उत्तर:
जब हम बहुत ज्यादा बोलते हैं।
(ii) बहुत हुआ, अब अंदर चलो!
उत्तर:
जब हम काफी देर तक घर से बाहर रहते हैं।
उत्तर:
जब हम बहुत देर तक जगे रहते हैं।
(iv) बहुत हुआ, अब टी०वी० बंद करो!
उत्तर:
जब हम ज्यादा देर तक टीवी देखते हैं।
कविता से।
प्रश्न 1
कविता में ऐसा क्यों कहा गया होगा?
(i) तेज बारिश होने पर सड़कें नदी बन जाती हैं।
उत्तर:
तेज़ बारिश होने पर सड़कों से पानी की ठीक से निकासी न होने के कारण बरसात का पानी सड़कों पर भर कर नदी जैसा दिखाई देने लगता है। कविता में ऐसा इसलिए कहा गया है कि तेज़ बारिश होने पर सड़कें नदी बन जाती हैं।
(ii) सब ओर कीचड़ होने पर नानी याद आती है।
उत्तर:
बारिश में पानी के कारण सड़कों पर कीचड़ हो जाता है, चारों तरफ़ कीचड़ होने के कारण चलना मुश्किल हो जाता है। जिससे चलने वालों को बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैैसे उनके कपड़े, जूते गंदे आदि हो जाते हैं। इसलिए कविता में कहा गया है कि सब ओर कीचड़ होने पर नानी याद आती है। नानी याद आ जाती है।
अब नहीं बरसूँगा !
एक दिन बादल ने सोचा-मैं अब कभी नहीं बरसँगा। जब मैं बरसता हूँ तब भी लोग मेरी बुराई करते हैं। जब नहीं बरसता हूँ, तब भी मेरी बुराई करते हैं। आज से बरसना बिल्कुल बंद। फिर क्या हुआ होगा? कहानी को आगे बढ़ाओ।
उत्तर:
बादल जब बहुत दिनों तक नहीं बरसा, तो पानी नहीं बरसने के कारण लोग परेशान होने लगे। किसानों की खड़ी फसल पानी की कमी से सूखने लगी। लोग गर्मी से परेशान होने लगे। नदियों में भी पानी सूखने लगा। चारों ओर कोहराम मचने लगा। फिर क्या था लोगों ने मिलकर बादल को मनाने की सोची। वे सब बादल के पास गए और उससे अपनी गलती के लिए माफी माँगी। बादल लोगों की प्रार्थना से पिघल गया और उसने तुरंत ही वर्षा कर लोगों को सूखे और गर्मी से मुक्ति दिलाई। इसके बाद बादल ने बरसना बंद कर दिया। बारिश होने के कारण चारों तरफ़ हाहाकार मच गया। धरती सूख गई। फ़सलें मुरझा गईं। पशु-पक्षी तड़पने लगे। बच्चे उदास हो गए। सबने मिलकर बादल से जल बरसाने और पृथ्वी पर हरियाली लाने की प्रार्थना की। बादल का मन पसीज गया और उसने फिर से बरसना प्रारंभ कर दिया।
एक चित्र कई काम
प्रश्न 1 कविता के साथ जो चित्र दिया गया है, उसमें कौन क्या कर रहा है?
उत्तर:
एक बच्चा चित्र बना रहा है।
दूसरा बच्चा लूडो खेल रहा है।
बिल्ली खिड़की से झाँक रही है।
आदमी हँस रहा है।
एक बच्ची खेल रही है।
कुत्ता भौंक रहा है।
प्रश्न 2
तुमने देखा कि चित्र में कई काम हो रहे हैं। इन वाक्यों में जो शब्द किसी काम के बारे में बता रहे हैं उनके नीचे रेखा खींचो।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
Post a Comment
Post a Comment