भाषा क्या होती है :-
हमारे भावों और विचारों की अभिव्यक्ति के लिए रूढ़ अर्थों में जो ध्वनि संकेत व्यवस्था प्रयोग में लायी जाती है। उसे भाषा कहते हैं।
अर्थात अपने विचारों को लिखकर या बोलकर प्रकट करने और दूसरों के विचारों को सुनकर या पढकर ग्रहण करने को भाषा कहते हैं।
जैसा कि समाजशास्त्र बताता है कि मनुष्य एक समाज में रहने के कारण एक सामाजिक प्राणी है। वह अपने विचारों, भावनाओं को बोलकर ही व्यक्त करता है। भाषा को ध्वनि संकेतों की व्यवस्था माना जाता है। यह मनुष्य के मुंह से निकली हुई अभिव्यक्ति होती है | इसे विचारों के आदान प्रदान का एक आसान साधन माना जाता हैं | इसके शब्द प्राय: रूढ़ होते हैं।
हम पृथ्वी पर जिन्दा हैं। हमारा भी एक अस्तित्व है। इसको किस प्रकार बताया जायेगा ? मैं कौन हूँ जब ये बात मानव के दिमाग में आई तो वह अपने चारों ओर देखने लगा उसके चारों ओर उसके जैसे बहुत से व्यक्ति थे। सब लोगों में हाव -भाव से परिचय हुआ। अचानक अस्फुट ध्वनि निकली उनमे सुधार हुए।
नयी ध्वनि निकली उनसे और वर्ण बने। वर्णों को जोड़ा गया जिससे शब्द बने और शब्दों को जोड़ने पर पद बने तथा पदों को जोड़ने पर वाक्य बने फिर इसी तरह से भाषा का विकास हुआ। भाषा शब्द को संस्कृत की ‘ भाष ‘ धातु से लिया गया है जिसका अर्थ होता है बोलना।
संस्कृत भाषा को हिंदी भाषा की जननी माना जाता है। हमें पता है कि भाषा का लिखित आज भी संस्कृत में पाया जा सकता है। लेकिन मौखिक रूप मुख से घिस घिसकर अपना स्वरूप खो चुके हैं आज हम उन्हें तद्भव शब्दों के रूप में जानते हैं। हिंदी भाषा को अपने अस्तित्व में आने के लिए बहुत समय लग गया है। पहले संस्कृत से पालि , पालि से प्राकृत , प्राकृत से अपभ्रंश तब अपभ्रंश से हिंदी भाषा का विकास हुआ है।
भाषा के भेद :-
1. लिखित भाषा
2. मौखिक भाषा
1. लिखित भाषा क्या होती है :-
जब हम दूर बैठे किसी व्यक्ति से अपनी बातें लिखकर व्यक्त करते हैं तो उसे लिखित भाषा कहते हैं। यह भाषा का स्थायी रूप होता है। ये लिपि पर आधारित होती हैं। इससे अपने अस्तित्व को सुरक्षित रखा जा सकता है।
जैसे :- ग्रन्थ , पुस्तकें , अख़बार , पत्र -पत्रिकाएँ आदि।
2. मौखिक भाषा क्या होती है :-
जब हम अपने विचारों को बोलकर या सुनकर व्यक्त करते हैं तो उसे मौखिक भाषा कहते हैं इसमें दो व्यक्तियों के बीच में बात हो रही हो और तीसरा भाषण से अपने विचारों को बताये तब मौखिक भाषा का ही प्रयोग होता है। मौखिक भाषा का सबसे अधिक प्रयोग नाटकों में होता है।
जैसे :- नाटक , फिल्म , समाचार सुनना आदि।
भाषा के भेद
1. मातृभाषा
2. राजभाषा
3. राष्ट्रभाषा
4. मानक भाषा
1. मातृभाषा क्या होती है :- जिस भाषा को बालक बचपन में अपनी माँ से सीखता है उसे मातृभाषा कहते हैं।
2. राजभाषा क्या होती है :– जब किसी देश में सरकारी काम में भाषा का प्रयोग होता है उसे राजभाषा कहते हैं अंग्रेजी हमारी सह राजभाषा है।
3. राष्ट्रभाषा क्या होती है :- भारत में अनेक भाषाएँ बोली , पढ़ी , लिखी , सुनी जाती हैं। सब प्रदेशों की अपनी अलग भाषा होती है। भारतीय संविधान ने 22 भाषाओँ को स्वीकार किया है – संस्कृत , हिंदी , अंग्रेजी , उर्दू , असमिया , पंजाबी , नेपाली , तमिल , तेलुगु , कन्नड़ , गुजराती , बांग्ला , उड़िया , कश्मीरी , कोंकणी , मणिपुर , मराठी , मलयालम , मैथिलि , डोंगरी , बोडो , संथाली और सिंधी आदि। इन सभी भाषाओँ का प्रयोग अपने अपने क्षेत्र में ही किया जाता है पर हिंदी को पुरे भारत में बोला जाता है इसलिए इसे राष्ट्रभाषा कहते हैं।
4. मानक भाषा क्या होती है :- मानक हिंदी हिंदी भाषा का ही मानक रूप होता है इसे शिक्षा , कार्यालयीन कामों में प्रयोग किया जाता है। हम जानते हैं की भाषा का क्षेत्र काल और पात्र की दृष्टि से व्यापक होता है। सभी भाषाओँ के विविध रूप को मानक कहते हैं।
भाषा और बोली क्या होती है :-
छोटे भूभाग में बोली जाने वाली भाषा को बोली कहते हैं। बोली को भाषा का प्रारंभिक रूप माना जाता है बोली भाषा का स्थानीय रूप होती है। हम जानते हैं कि हर दस किलोमीटर के बाद बोली बदल जाती है। बोली पहले तो उपभाषा बनती है फिर भाषा में बदलती है। भाषा व्याकरणिक नियमों से बंधी होती है लेकिन बोली स्वतंत्र होती है।
जब कोई भाषा बहुत बड़े भाग में बोली जाती है तो वह क्षेत्र में बंट जाता है और बोली बोली जाने लगती है। कोई भी बोली हो वो विकसित होकर भाषा का रूप ही लेती है। हिंदी को भी एक समय में बोली माना जाता था। क्योकि इसका विकास खड़ी बोली से हुआ था। हम जानते हैं की बोली का स्वरूप मानक नहीं होता लेकिन भाषाका स्वरूप मानक होता है।
बोली को लिख नहीं सकते इसलिए इसका साहित्य मौखिक होता है लेकिन भाषा को लिखा जा सकता है इसलिए इसका साहित्य लिखित होता है। जब कोई बोली विकसित होती है तो वह साहित्य की भाषा का रूप ले लेती है। हम जानते हैं कि जब कोई भाषा परिनिष्ठित होकर साहित्य की भाषा के पद पर आसीन हो जाती है तो उसकी लोकभाषा की उपस्थिति जरूरी होती है।
जैसे :- पूर्वी उत्तर प्रदेश की बोली अवधी है , बिहार की भोजपुरी और मैथिलि , हरियाणा में हरियाणवी और बांगड़ू , राजस्थान में राजस्थानी , मारवाड़ी और गुजराती बोली बोली जाती है।
हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएँ :-
भारत एक बहुभाषी देश है। भारत में बहुत सी भाषाएँ बोली जाती हैं। हिंदी को सारे भारत में बोला और समझा जाता है। हिंदी भाषा को भारत में शिक्षा और संचार का माध्यम माना जाता है। हिंदी को राजभाषा का दर्जा संविधान ने 14 सितम्बर 1949 को दिया था इसलिए 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी को अनेक राज्यों की राजभाषा घोषित किया गया है। क्योकि महात्मा गाँधी , सुभाषचन्द्र बोश जैसे स्वतन्त्रता सेनानियों ने इसे राजभाषा का गौरव दिलाया था। भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या 70 % है जिसका एक करण हिंदी फ़िल्में और नाटक भी हैं।
हिंदी का व्यवहार क्षेत्र :-
हिंदी केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में रह रहे लोग हिंदी को बोलते व् समझते है। बहुत से देश जैसे रोमेनिया , लन्दन , मोरिशस की 50 % आबादी हिंदी बोलती और समझती है। विश्व के बहुत से विश्व विद्यालयों में हिंदी पढाई जाती है | हिंदी अब भारत की पहचान बढ़ाती जा रही है।
हिंदी और कम्प्यूटर :-
हम जानते हैं कि कम्प्यूटर में भी हिंदी का बहुत प्रयोग किया जाता है। हिंदी की वजह से इन्टरनेट का प्रयोग बढ़ रहा है। लोग हिंदी में पत्र लिखने की जगह पर मेसेज और इमेल करने लगे है। कम्प्यूटर में भी हिंदी का प्रयोग बहुत बढ़ चढ़ कर हो रहा है।
लिपि क्या होती है :-
किसी भाषा को लिखने के लिए जिन चिन्हों की जरूरत होती है उन चिन्हों को लिपि कहते है। लिपि भाषा का लिखित रूप होता है। इसके माध्यम से मौखिक रूप की ध्वनियों को लिखकर प्रकट करने के लिए लिपि का प्रयोग किया जाता है। सारी भाषाओँ के लिखने की लिपि अलग होती है। हिंदी की लिपि देवनागरी होती है , अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन , उर्दू की लिपि फारसी और पंजाबी की लिपि गुरुमुखी है।
देवनागरी लिपि की विशेषताएं :-
1. इसे दाएं से बाएं लिखा जाता है।
2. हर वर्ण का आकार समान होता है।
3. ये उच्चारण के अनुरूप लिखी जाती हैं।
व्याकरण क्या होती है :-
व्याकरण वह शास्त्र है जिससे भाषा को शुद्ध लिखने , बोलने और पढने का ज्ञान सीखा जाता है। शुद्ध लिखने के लिए व्याकरण को जानने की बहुत जरूरत होती है। व्याकरण से भाषा को बोलना और लिखना आसान होता है। व्याकरण से हमें भाषा की शुद्धता का ज्ञान होता है। भाषा को प्रयोग करने के लिए हमें भाषा के नियमों को जानने की जरूरत है।
इन्ही नियमों की जानकारी हमें व्याकरण से मिलती है। प्रयोग के आधार पर भाषा की इकाई वाक्य होती है। व्याकरण हमे वाक्यों के गठन में पदों और पदबंधों की जानकारी देता है।
व्याकरण और भाषा का संबंध :-
कोई भी व्यक्ति व्याकरण को जाने बिना भाषा नहीं सीख सकता है। इसी वजह से भाषा और व्याकरण का बहुत गहरा संबंध है। व्याकरण को भाषा के उच्चारण , प्रयोग , अर्थों के प्रयोग के रूप को निश्चित करता है।
व्याकरण के अंग :-
1. वर्ण विचार
2. शब्द विचार
3. पद विचार
4. वाक्य विचार
1. वर्ण विचार :- इस विचार में वर्णों के उच्चारण , रूप , आकार , भेद , वर्णों को मिलाने की विधि , लिखने की विधि बताई जाती है।
2. शब्द विचार :- इस विचार में शब्दों के भेद , व्युत्पत्ति , रचना , रूप , प्रयोगों , उत्पत्ति आदि का अध्ययन करवाया जाता है।
3. पद विचार :- इस विचार में पद का तथा पद के भेदों का वर्णन किया जाता है।
4. वाक्य विचार :- इस विचार में वाक्यों की रचना , उनके भेद , वाक्य बनाने , वाक्यों को अलग करने , विराम चिन्हों , पद परिचय , वाक्य निर्माण , गठन , प्रयोग , उनके प्रकार आदि का अध्ययन करवाया जाता है।
साहित्य :-
ज्ञान राशि के संचित कोष को साहित्य कहा जाता है। साहित्य की रचना गद्य और पद्य दोनों में की जा सकती है। साहित्य के माध्यम से किसी भी देश , जाति , वर्ग को जीवित रखकर उसके अतीत रूपों को दर्शाया जाता है। ये मनुष्य की अनुभूति के विभिन्न पक्षों को स्पष्ट करता है। काव्य , नाटक , निबन्ध , कहानी सभी ही साहित्य के अंतर्गत आते हैं।
हिन्दी वर्णमाला :
किसी भी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। इसी ध्वनि को ही वर्ण कहा जाता है। वर्णों को चिन्हों द्वारा व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में उच्चारण और लेखन के आधार पर वर्णो की संख्या अलग-अलग है।
हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। जिनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं।
लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं जिनमें 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
वर्णमाला के दो भाग होते हैं :-
1. स्वर
2. व्यंजन
1. स्वर क्या होता है :- जिन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बोला जा सके उसे स्वर कहते हैं। परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 13 मानी गई है। लेकिन उच्चारण की दृष्टि से 10 ही स्वर होते हैं।
1. उच्चारण के आधार पर स्वर :-
अ, आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ आदि।
2. लेखन के आधार पर स्वर :-
अ, आ, इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , अं , अ: , ऋ आदि।
व्यंजन क्या होता है :- जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं। हर व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता है। अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता। वर्णमाला में कुल 35 व्यंजन होते हैं।
कवर्ग : क , ख , ग , घ , ङ
चवर्ग : च , छ , ज , झ , ञ
टवर्ग : ट , ठ , ड , ढ , ण ( ड़ ढ़ )
तवर्ग : त , थ , द , ध , न
पवर्ग : प , फ , ब , भ , म
अंतस्थ : य , र , ल , व्
उष्म : श , ष , स , ह
संयुक्त व्यंजन : क्ष , त्र , ज्ञ , श्र
यह वर्णमाला देवनागरी लिपि में लिखी गई है। देवनागरी लिपि में संस्कृत , मराठी , कोंकणी , नेपाली , मैथिलि भाषाएँ लिखी जाती हैं। वर्तमान हिंदी वर्णमाला में ऋ , ऌ , ॡ का प्रयोग नहीं किया जाता है।
विशेष :- भाषा की सार्थक इकाई वाक्य हैं। वाक्य से छोटी इकाई उपवाक्य , उपवाक्य से छोटी इकाई पदबंध , पदबंध से छोटी इकाई पद , पद से छोटी इकाई अक्षर और अक्षर से छोटी इकाई ध्वनि होती है ध्वनि को वर्ण भी कहते हैं।
जैसे :- पुन: = इसमें दो अक्षर हैं – पु , न । लेकिन इसमें वर्ण चार हैं = प् ,उ , न , ह आदि।
विलोम शब्द :
विलोम का अर्थ होता है उल्टा। जब किसी शब्द का उल्टा या विपरीत अर्थ दिया जाता है उस शब्द को विलोम शब्द कहते हैं अथार्त एक – दूसरे के विपरीत या उल्टा अर्थ देने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते हैं। इसे विपरीतार्थक शब्द भी कहते हैं।
विलोम शब्द बनाने के नियम :-
1. लिंग परिवर्तन से :-
जैसे :- भाई – बहन , राजा -रानी , वर-वधू , लड़का-लडकी , गाय-बैल , कुत्ता-कुतिया आदि।
2. अलग जाति के शब्दों से :-
जैसे :- अधम-उत्तम , अधिकतम-न्यूनतम , अनुराग-विराग , आजाद-गुलाम , आगे-पीछे , कडवा-मीठा आदि।
3. उपसर्ग से :-
जैसे :- ईश्वर-अनीश्वर , आस्था-अनास्था , अस्वस्थ-स्वस्थ , मान-अपमान आदि।
4. उपसर्ग की तरह प्रयोग होने वाले शब्दों के बदलने से :-
जैसे :- गणतन्त्र-राजतंत्र , एकतंत्र-बहुतंत्र , उत्तरायण-दक्षिणायण , विशालकाय-लघुकाय आदि।
5. नज समास के पद बनाकर :-
जैसे :- आदि-अनादि , संभव-असंभव , आस्तिक-नास्तिक , अनाथ-सनाथ आदि।
शब्द – विलोम के उदाहरण इस प्रकार हैं :-
अ , आ , ओ , औ से शुरू होने वाले शब्द :-
1. अच्छा – बुरा
2. अंकुश – निरंकुश
3. अकाल – सुकाल
4. अक्रुर – क्रुर
5. अकलुष – कलुष
6. अग्राह्य -ग्राह्य
7. अग्रज – अनुज
8. अग्रिम – अन्तिम
9. अचल – चल
10. अजल – निर्जल
11. अनंत – अंत
12. अति -अल्प
13. अथ – इति
14. अतुकान्त – तुकान्त
15. अतिवृष्टि – अनावृष्टि
16. अनाहूत – आहुत
17. अनुकूल – प्रतिकूल
18. अनुरक्ति -विरक्ति
19. अनित्य – नित्य
20. अनुलोम – विलोम
21. अनभिज्ञ – भिज्ञ
22. अभिज्ञ – अनभिज्ञ
23. अमृत, अमि, (अमिय) – विष, जहर
24. अर्पण – ग्रहण
25. अपेक्षा – उपेक्षा
26. अर्वाचीन – प्राचीन
27. अपकार – उपकार
28. अवलम्ब – निरालम्ब
29. अल्प – अधिक
30. अधम- उत्तम
31. अवनत उन्नत
32. अन्तरंग- बहिरंग
33. अनाथ- सनाथ
34. अथ – इति
35. आदर -अनादर
36. अदेय – देय
37. अन्तरंग – बहिरंग
38. अंतर – बाह्य
39. अंशतः – पूर्णतः
40. अल्पकालीन – दीर्घकालीन
41. अल्पज्ञ – बहुज्ञ
42. अपेक्षित – अनपेक्षित
43. अधुनातन – पुरातन
44. अंगीकार, स्वीकार – अस्वीकार
45. अवनि, पृथ्वी, भू, – अम्बर, आकाश, नभ
46. अधर्म – सध्दर्म
47. अदोष – सदोष
48. अल्पायु – दीर्घायु
49. अभ्यस्त – अनभ्यस्त
50. अनुरक्त – विरक्त
51. अमर – मर्त्य
52. अतल – वितल
53. अवर – प्रवर
54. अमावस्या – प्रूर्णिमा
55. असली – नकली
56. अरूचि – सुरूचि
57. अज्ञ – विज्ञ
58. अपकार – उपकार
59. अनागत – आगत
60. अनिष्ट – इष्ट
61. अस्त – उदय
62. अस्ताचल – उदयाचल
63. अनातुर – आतुर
64. अनैतिहासिक – ऐतिहासिक
65. अपचार – उपचार
66. अवरोह – आरोह
67. अनुत्तीर्ण – उत्तीर्ण
68. अमृत – विष
69. अथ – इति
70. अन्धकार – प्रकाश
71. अल्पायु -दीर्घायु
72. अनुराग -विराग
73. आदि -अंत
74. आगामी -गत
75. आग्रह – दुराग्रह
76. अनुज -अग्रज
77. आकर्षण – विकर्षण
78. अधिक – न्यून
79. आदान -प्रदान
80. आलस्य -स्फूर्ति
81. अर्थ – अनर्थ
82. आदर्श – यथार्थ
83. आय – व्यय
84. आहार – निराहार
85. अल्पभाषी – बहोत बोलने वाला
86. आतुर – शांत
87. आरोह – अवरोह
88. आचार – अनाचार
89. आदत्त – प्रदत्त
90. आह्वान – विसर्जन
91. आवृत – अनावृत
92. आद्र – शुष्क
93. आच्छादित – अनाछ्दित
94. आधुनिक – प्राचीन
95. आशिर्वाद – अभिशाप
96. आध्यात्मिक – भौतिक
97. आस्था -अनास्था
98. ओखली – मसूल
99. ओछा – गंभीर
100. ओज – ओजहीन
101. ओजस्विता – ओजहीनता
102. ओजस्वी – ओजहीन
103. ओट – प्रकट
104. ओढना – बिछाना
105. ओतप्रोत – विलग
106. औगत – सुगत
107. औद्योगिक – अनौद्योगिक
108. औपचारिकता – अनौपचारिकता
109. औघर – सुघर
110. औंधा – सीधा
111. औंधाना – सीधा करना
112. औचक – अक्सर
113. औचित्य – अनुचित्य
114. औचक – नियमित
115. औरत – मर्द
116. औलाद – वालिद
117. औवल – आखिर
118. औहाती – विधवा
119. अस्त – उदय
120. अज्ञ – विज्ञ
121. अतरंग – बाहिरी
122. अघम – उत्तम
123. अंदरूनी – बाहरी
124. अक्षम – सक्षम
125. अनभिज्ञ – अभिज्ञ
126. आंकुचन – प्रसारण
127. आरूढ़ – अनारूढ
128. अबला – सबला
129. आमिष – निरामिष
130. औद्त्य – अनौदत्य
131. अर्वाचीन – प्राचीन
132. अवनति – उन्नति
133. अनुपस्थिति – उपस्थिति
134. अमावस्या – पूर्णिमा
135. अभ्यातर – ब्रह्मा
136. अर्जन – वर्जन
137. अंगीकार – अस्वीकार
138. अघ – अनघ
139. अन्तर्द्वन्द्व – बहिर्द्वन्द्व
140. आना – जाना
इ , ई से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
141. इच्छा – अनिच्छा
142. इहलोक – परलोक
143. ईश्वर – अनीश्वर
144. ईर्ष्या – प्रेम
145. इष्ट – अनिष्ट
146. इधर – उधर
147. इकट्ठा – अलग
148. इति – अथ
149. इंसाफ – गैर इंसाफ
150. इकहरा – दुहरा
151. ईद – मुहर्रम
152. ईमानदार – बेईमान
153. इसका – उसका
154. यीश – अनीश
155. ईषत – अलम
156. इच्छित – अनिच्छित
157. ईश्वरवाद – अनीश्वरवाद
उ , ऊ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
158. उत्कर्ष – अपकर्ष
159. उत्थान – पतन
160. उद्यमी – आलसी
161. उर्वर – ऊसर
162. उधार – नगद
163. उत्कृष्ट – निकृष्ट
164. उत्तम – अधम
165. उपस्थित – अनुपस्थित
166. उचित्त – अनुचित
167. उषा – संध्या
168. उग्र – सौम्य
169. उदार – अनुदार
170. उपकार – अपकार
171. उन्नति – अवनति
172. उपयुक्त – अनुपयुक्त
173. उपाय – निरुपाय
174. उत्तरायण – दक्षिणायन
175. उपचार – अपचार
176. उन्नयन – अवनयन
177. उपयोगी – अनुपयोगी
178. उष्ण – शीत , शीतल
179. उदास – प्रसन्न , प्रफुल्ल
180. उदित – अस्त
181. उच्च – निम्न
182. उपजीव्य – उपजीवी
182. उतीर्ण – अनुत्तीर्ण
183. उपकारक – अपकारक
184. उतार – चढ़ाव
185. उदीची – प्रतीची
186. उपजाऊ – बंजर
187. उपार्जित – स्वंयप्राप्त
188. उत्पतन – निपतन , अवतरण
189. उदात्त – अनुदात्त
190. ऊँच – नीच
191. उन्मूलन – मुलन
192. उपयोग – दुरूपयोग
193. उपसर्ग – प्रत्यय
194. उतर – दक्षिण
195. उन्मीलन – निमीलन
196. उऋण – ऋण
197. उपमेय – अनुपमेय
198. उपमा – अनुपमा
199. उग्र – सौम्य
200. उदार – कृपन
201. उदयाचल – उस्ताचल
202. उपभुक्त – अनुपभुक्त
203. उत्तरार्ध – पूर्वार्द्ध
204. उन्मूलन – रोपण
205. उत्पत्ति – विनाश
ए , ऐ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
206. एकता – अनेकता
207. एडी – चोटी
208. एकल – बहुल
209. ऐतिहासिक – अनैतिहासिक
210. एकाग्र – चंचंल
211. ऐश्वर्य – अनैश्वर्य
212. एकत्र – विकर्ण
213. एक – अनेक
214. ऐहिक – पारलौकिक
215. एकांगी – सर्वांगीण
216. ऐसा – वैसा
217. ऐक्य – अनैक्य
218. एकमुखी – बहुमुखी
219. एकतंत्र – बहुतंत्र
220. एकेश्वरवाद – बहुदेववाद
ऋ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
221. ऋजु – वक्र
222. ऋत – अनृत
223. ऋणात्मक – धनात्मक
224. ऋषि – संसारी
225. ऋण – उऋण
क, ख से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
226. कृतज्ञ – कृतघ्न
227. खेद – प्रसन्नता
228. क्रय – विक्रय
229. कनिष्ठ – ज्येष्ठ
230. कृष – स्थूल
231. कृष्ण – शुक्ल
232. कंकाल – शरीर
233. कंगला – खुशहाल
234. कंजूस – दानी
235. कंटक – पुष्प
236. कंठस्थ – विस्मरण
237. कंपन – स्थिर
238. कई – एक
239. कगार – मंझधार
240. कटरा – कटरी
241. कटुता – मधुरता
242. कटुक्ति – सूक्ति
243. कट्टर – उदार
244. कठिन – सरल
245. कठोर – कोमल
246. कडवा – मीठा
247. कथन – चुप्पी
248. कथ्य – अकथ्य
249. कद्रदान – नाकद्र
250. कनिष्ठ – वरिष्ठ
251. कपट – निष्कपट
252. कपाल – पद
253. कड़ा – मुलायम
254. कडाह – कडाही
255. कम – ज्यादा
256. कमखर्च – खर्चीला
257. कमीना – भला
258. करतल – पदतल
259. करार – बेकरार
260. कपूत – सपूत
261. कबूलना – नकारना
262. कर्जदार – महाजन
263. कर्ण कटु – कर्ण प्रिय
264. कर्मशाला – विश्रामशाला
265. कर्मशील – कर्महीन
266. कलकल – शांत
267. करीना – बेढंग
268. करुण – निष्ठुर
269. कीर्ति – अपकीर्ति
270. कृत्रिम -प्राकृत
271. कर्मण्य – अकर्मण्य
272. कर्कश – कोमल , मधुर , सुशील
273. कुरूप – सुरूप , सुंदर
274. कोप – कृपा
275. क्रिया- प्रतिक्रिया
276. क़ानूनी – गैरकानूनी
277. किनारा – बीच
278. कान्त – कांता
279. कुमार्ग – सुमार्ग
280. कुपुत्री – सुपुत्री
281. कच्चा – पक्का
282. कम – ज्यादा , अधिक
283. कमी – बेशी
284. काम – आराम
285. काला – गोरा
286. कुत्सा – प्रशंसा , स्तुति
287. कमजोर – ताकतवर , बलवान
288. काबिल – नाकाबिल
289. क्रेता – विक्रेता
290. कायर – निडर
291. क्रोध – क्षमा
292. खरीद – बिक्री
293. खल – सज्जन
294. खद्य – अखाद्य
295. खिलना – मुरझाना
296. खीजना – रीझना
297. खंडन – मंडन
298. खरा – खोटा
299. खुशी – गम
300. खुश – नाखुश , गमगीन , दुखी
301. खुला – बंद
302. खोलना – बांधना
303. खुशबू – बदबू
304. खुशकिस्मत – बदकिस्मत
305. खुशनसीब – बदनसीब
306. क्रूर – अक्रूर
307. कार्य – अकार्य
308. कल – आज
309. कनीय – वरीय
310. कन्या – वर
311. कुकृति – सुकृत्य
312. कुख्यात – विख्यात
313. कदाचार – सदाचार
314. खगोल – भूगोल
315. कठिनाई – सरलता
316. कभी-कभी – अक्सर
317. केंद्रित – विकेन्द्रित
318. करीबी – दूर के
319. खरीदना – बेचना
ग, घ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
320. घटना – बढना
321. गर्म – ठंडा
322. घृणा – प्रेम
323. गमन – आगमन
324. गंभीर – वाचाल
325. गीला – सुखा
326. गहरा – छिछला
327. गरल – सुधा
328 गणतंत्र – राजतंत्र
329. गुण – दोष
330. गद्य – पद्य
331. गर्मी – सर्दी
332. गत – आगत
333. घात – प्रतिघात
334. घन – तरल
335. गाँव – शहर
336. गुण – अवगुण
337. गंदा – साफ
338. गलत – सही
339. गुप्त – प्रकट
340. गुरु , लघु
341. गौरव – लाघव
342. गोचर – अगोचर
343. ग्राम्य – नागर
344. गहरा – उथल
345. गरीब – अमीर
346. घर – बाहर
347. घाटा – फायदा
348. गेय – अगेय
349. गृही – शिष्ट
350. गृहीत – त्यक्त
352. गगन – पृथ्वी
353. गृहस्थ – सन्यासी
354. ग्राह्म – त्याज्य
355. घरेलू – बाहरी
356. गाढ़ा – पतला , तनु
357. गूढ़ – प्रकट
358. गडबड – सही
359. गौण – प्रमुख प्रधान
360. ग्रहण – त्याग
361. ग्रास – मोक्ष
362. गाड़ना – उखाड़ना
363. गोरक्षक – गोभक्षक
364. घटाव – जोड़
365. घटिया – बढ़िया
366. गजब – सामान्य
367. गठित – अगठित
368. गठियाना – खोलना
369. गठीला – ढीला
370. गड्मड – सिलसिलेवार
371. गंधाहारक – गंधदायक
372. गंधीला – सुगंधित
373. गंभीर – सहज
374. गँवाना – पाना
375. गणनीय – अगणित
376. गण्य – नगण्य
377. गतिमान – स्थिर
378. गतिरोध – निर्विरोध
379. गदर – शांति
380. घंटा – घण्टी
381. घंटा – पल
382. घनेरा – नगण्य
383. घमासान – सामान्य
384. घाटी – पर्वत
385. घायल – दुरुस्त
386. घमंड – विनय
387. घोषित – अघोषित
च , छ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
388. छूत – अछूत
389. छली – निश्चल
390. चढ़ाव – उतार
391. चर – अचर
392. चल – अचल
393. चाह – अनचाह
394. चिन्मय – जड़ , अचिन्मय
395. चिर – नवीन , अचिर
396. चिरन्तर – नश्वर
397. चेतन – अचेतन
398. चोर – साधु
399. चोर – पुलिस
400. चंचल – स्थिर
401. चतुर – मूर्ख
402. चाहा – अनचाहा
403. चालाक – बेवकूफ
404. चुस्त – ढीला
405. चय – अपचय
406. चिकना – रुखड़ा
407. चाँदनी – अँधेरा
408. चमकदार – चमकहीन
409. चालू – सुस्त , बंद
410. चिंतित – निश्चिंत
420. चपल – गंभीर
421. छांह – धूप
422. छाया – प्रकाश , रोशनी
423. छेद्य – अछेद्य
424. छूट – कैद
425. चौड़ी – संकरी , तंग
426. छोटा – बड़ा
ज , झ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
427. जागरूक – उदासीन
428. जन्म – मृत्यु
429. जीवन – मरण
430. जंगम – स्थावर
431. जटिल – सरल
432. जड़ – चेतन
433. ज्येष्ठ – कनिष्ठ
434. जल – स्थल
435. जातीय – विजातीय
436. ज्वार – भाटा
437. जाग्रत – सुषुप्त
438. जीत – हार
439. जाति – कुजाति
440. झूठ – सच
441. झोंपड़ी – महल
442. जंगली – पालतू
443. जय – पराजय
444. ज्योति – तम
445. जल्दी – देरी
446. जीवित – मृत
447. ज्योतिर्मय – तमोमय
448. जोड़ – घटाव
449. जेय – अजेय
450. जवानी – बुढ़ापा
451. जाड़ा – गर्मी
452. जीव – निर्जीव
453. जात – परजात
454. जब – तब
455. जल्लाद – देवता
456. जीना – मरना
457. जमीन – आसमान
458. जनता – सरकार
459. जरा – जवानी
460. जीवात्मा – परमात्मा
461. झूठा – सच्चा
462. झगड़ा – मेल , मिलाप
ठ , ड , ढ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
463. ठंडा – गर्म
464. ठोस – तरल
465. डरपोक – निडर , साहसी
466. ढलना – चढना
467. ढीठ – संकोची
468. ढालवाँ – चढ़ाव , चढाई
त , थ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
469. तम – ज्योति
470. तिमिर – प्रकाश
471. तीव्र – मंद
472. तुकांत – अतुकांत
473. तुच्छ – महान
474. ताप – शीत
475. तामसिक – सात्विक
476. तरल – ठोस
477. तरुण – वृद्ध
478. तारीफ – शिकायत
479. तिक्त – मधुर
480. तीक्ष्ण – कुंठित
481. तटस्थ – पक्षपाती
482. तृषा – तृप्ति
483. त्याज्य – अत्याज्य
484. त्यागी – स्वार्थी
485. थोक – खुदरा
486. थोडा – बहुत
487. ताना – भरना
488. तृषा – तृप्ति
489. तीक्षण – कुंठित
490. तृप्त – अतृप्त
491. थलचर – जलचर
492. तुल – अतुल
493. तकलीफ – आराम
494. तपन – ठंडक
द , ध से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
495. दिन – रात
496. दाता – याचक
497. दुर्लभ – सुलभ
498. दुत्कार – स्वागत
499. दयालु – निर्दयी
500. धीर – अधीर
501. देव – दानव
502. देवता – राक्षस
503. देय – अदेय
504. दुष्ट – सज्जन
506. देवत्व – दानवत्व
507. दिवा – रात्रि
508. दीर्घकाय – लघुकाय , कृशकाय , क्षीणकाय
509. देर – सवेर , जल्दी
510. दुराचारी – सदाचारी
512. दंड – पुरस्कार
513. दूषित – स्वच्छ
514. दुर्बल – सबल
515. दक्षिण – उत्तर , वाम
516. द्रुत – विलंबित
517. देश – परदेश , विदेश
518. दुर्दिन – सुदिन
519. देहाती – शहरी
520. दुर्गति – सद्गति
521. दुर्भाग्य – सौभाग्य
522. दुर्भाव – सद्भाव
523. दिनचर्या – रात्रिचर्या
524. दोषी – निर्दोषी
525. दृढ – विचलित
526. दृश्य – अदृश्य
527. दोष – गुण
528. दुश्यकाव्य – श्रव्यकाव्य
528. दीर्घ – ह्स्व
529. दृदांत – शांत
530. धनी – निर्धन , गरीब
531. धर्म – अधर्म
532. धूप – छाँह
533. धनवान – निर्धन , दरिद्र
534. दास – स्वामी
535. दानी – कंजूस
536. दुर्जन – सज्जन
537. दुर्दांत – शांत
538. धरा – गगन
539. ध्वंस – निर्माण
540. धृष्ट – विनीत
541. धीरे – तेज
542. दाएं – बाएँ
न , प से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
543. न्याय – अन्याय
544. प्यार – घर्णा
545. नूतन – पुरातन
546. निंदा – स्तुति
547. नख – शिख
548. नैसर्गिक – कृत्रिम
549. नश्वर – साश्वत
550. निकट – दूर
551. निर्मल – मलिन
552. निरर्थक – सार्थक
553. निर्जीव – सजीव
554. नेकी – बदी
555. पाप – पुण्य
556. पूर्ण – अपूर्ण
557. प्रत्यक्ष – परोक्ष
558. प्रमुख – सामान्य
559. पूर्ववर्ती – परवर्ती
560. प्रवृति – निवृति
561. पठित – अपठित
562. प्रश्न – उत्तर
563. परतंत्र – स्वतंत्र
564. पक्ष – विपक्ष
565. परमार्थ – स्वार्थ
566. प्रधान – गौण
567. पुष्ट – अपुष्ट
568. प्रतिकूल – अनुकूल
569. निर्माण – ध्वंस
570. निर्मल – मलिन
571. नया – पुराना
572. निडर – डरपोक
573. पका – अधपका
574. पसंद – नापसंद
575. पूरा – आधा
576. पूर्व – पश्चिम
577. पतला – मोटा
578. निर्दय – सदय
579. निषिद्ध – विहित
580. निष्काम – सकाम
581. प्राचीन – नवीन
582. प्राची – प्रतीची
583. प्रभु – भृत्य
584. प्रसाद – अवसाद
585. पूर्ववर्ती – परवर्ती
586. पाश्चत्य – पौवार्त्य
587. निजी – सार्वजनिक
588. नकद – उधार
589. नियमित – अनियमित
590. निश्चित – अनिश्चित
591. निरक्षर – साक्षर
592. नूतन – पुरातन
593. नीचा – ऊँचा
594. नकली – असली
595. पतिव्रता – कुलटा
596. प्रलय – सृष्टि
597. प्रभावित – अप्रभावित
598. पोषण – कुपोषण
599. परिचित – अपरिचित
600. प्रवेश – निकास
601. पदोन्नति – पदावनति
602. प्रारम्भ – अंत
603. परकीया – स्वकीया
604. नागरिक – ग्रामीण
605. प्रभु – दास
606. निर्लज – सलज्ज
607. नगर – ग्राम
608. निदय – सदय
609. निश्छल – छली
610. निषेध – विधि
611. नर – नारी
612. निर्गुण – सगुण
613. नीरस – सरस
614. निंघ – वंघ
615. निर्जीव – सजीव
616. नैतिक – अनैतिक
617. नरक – स्वर्ग
618. नित्य – अनित्य
619. नेक – बद
620. नाम – अनाम
621. प्रात: – सांय
622. प्रमुख – सामान्य
623. प्रारंभिक – अंतिम
624. परार्थ – स्वार्थ
625. पुरुष – स्त्री
626. प्रयोग – अप्रयोग
627. प्रजा – राजा
628. पात्र – कुपात्र
629. प्रज्ञ – मूढ़
630. पराया – अपना
631. प्रशंसा – निंदा
632. पतनोन्मुख – विकासोन्मुख
633. निरामिष – सामिष
634. नमकहराम – नमकहलाल
635. निगलना – उगलना
636. नफा – नुकसान
637. निशीथ – मध्याह्र
638. नम – शुष्क , खुश्क
639. नराघम – नरोत्तम
640. नापाक – पाक
641. नद – नदी
642. नजरबंद – नजरमुक्त
643. नमाज – कलमा
644. नेम – कुनेम
645. नास्तिक – आस्तिक
646. नीरस – सरस
647. पृथू – तनु
648. प्राण – निष्प्राण
649. पेट – पीठ
650. पोषण – शोषण
फ , ब से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
651. फायदा – नुकसान
652. फल – निष्फल
653. बंधन – मुक्ति
654. बैर – प्रीति
655. बर्बर – सभ्य
656. बलवान – कमजोर
657. बाढ़ – सुखा
658. बच्चा – बूढ़ा
659. बंजर – उर्वर
660. बुद्धिमता – मूर्खता
661. बासी – ताजा
662. बुराई – भलाई
663. फूलना – मुरझाना
664. फूट – मेल
665. बहिरंग – अन्तरंग
666. बाह्म – अभ्यन्तर
667. बद – नेक
668. बुरा – अच्छा
669. बाढ़ग्रस्त – सूखाग्रस्त
670. फैला – सिमटा
671. बालक – वृद्ध
672. बहार – पतझड़ , खिजान
673. बसाना – उजाड़ना
674. बनाना – बिगाड़ना
675. बीमार – निरोग , स्वस्थ
676. बहिस्कार – स्वीकार , अंगीकार
677. बुरिद्वमान – बुद्धिहीन
678. बेगम – बादशाह
679. बहुत – थोडा
680. बैर – मित्र , दोस्त
681. बली – निर्बल
भ , म से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
682. मूक – वाचाल
683. मौखिक – लिखित
684. मितव्यय – अपव्यय
685. मोक्ष – बंध
686. भद्र – अभद्र
687. भाव – अभाव
688. मानव – दानव
689. मिलन – विछोह
690. भूत – भविष्य
691. मनुष्यता – पशुता
692. मिथ्या – सत्य
य , र से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
693. राजा – रानी , रंक
694. रात – दिन
695. यश – अपयश
696. रुग्ण – स्वस्थ
697. रक्षक – भक्षक
698. रहित – सहित
699. रात्रि – दिवस
700. योगी – भोगी
701. रचना – विनाश
702. रत – विरत
703. राजतंत्र – प्रजातंत्र
704. रिक्त – पूर्ण
705. रंगीन – रंगहीन
ल , व से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
706. वृष्टि – अनावृष्टि
707. वरदान – अभिशाप
708. विधि – निषेध
709. विधवा – सधवा
710. लोभ – संतोष
711. विपन्न – संपन्न
712. विशुद्ध – दूषित
713. विरोध – समर्थन
714. लोभी – संतोषी
715. लेन – देन
716. लौह – स्वर्ण
717. वन – मरु
718. विरह – मिलन
719. विशालकाय – लघुकाय
720. विश्वास – संदेह
721. विवाद – निर्णय
722. विशिष्ट – साधारण
723. विस्तार – संक्षेप
724. लघु – गुरु
725. लौकिक – अलौकिक
726. लिप्त – अलिप्त
727. लुप्त – व्यक्त
728. वसंत – पतझड़
729. वरदान – अभिशाप
730. वाद – प्रतिवाद
731. वास्तविक – अवास्तविक
732. विकास – पतन
733. विवादास्पद – निर्विवाद
734. विनय – अविनय
735. विशालकाय – लघुकाय
736. वृद्ध – बालक
737. विश्वास – अविश्वास
738. विषम – सम
739. वीर – कायर
740. विवेक – अविवेक
741. विशलेषण – संश्लेषण
742. विजय – पराजय
743. व्यवहारिक – अव्यवहारिक
744. वृहत – लघु
745. वीरान – आबाद
746. वैतनिक – अवैतनिक
747. व्यक्त – अव्यक्त
748. व्यर्थ – सार्थक
749. व्यय – आय
750. व्यष्टि – समष्टि
751. विद्या – अविद्या
752. विरत – निरत
752. विष – अमृत
753. विशेष – सामान्य
754. विपत्ति – संपत्ति
755. विभक्त – अविभक्त
756. विदुषी – अज्ञानी
757. विद्वान् – मूर्ख
758. वृद्धि – हास्र
759. वादी – प्रतिवादी
760. वैमनस्य – सौमनस्य
761. विरागी – रागी
762. लहू – पसीना
763. लहलहाना – मुरझाना
764. लवलीन – अमग्न
765. लवण – शर्करा
766. ललित – कुरूप
767. ललाई – सफेदी
768. ललचाना – त्यागना
769. ललकारना – पुकारना
770. ललकार – पुकार
771. ललकना – विलगना
772. लरजना – थिरना
773. लयात्मक – अलायात्मक
774. लय – बेलय
775. लम्हा – घंटा
776. लडकी – लड़का
777. लटपट – सही
778. लटकना – उठना
779. लचीलापन – कड़ापन
780. लचीला – कठोर
781. लचक – कठोरता
782. लघुशंका – दीर्घशंका
783. लघुता – बडप्पन
784. लग्न – कुलग्न
785. लब्धप्रतिष्ठित – छिन्नप्रतिष्ठ
786. लब्ध – अनुपलब्ध
787. लबालब – खाली
788. लहँगा – साड़ी |
789. लफंगा – भला , शरीफ
790. लदाई – उतराई
791. लताड़ – प्यार
792. लथपथ – सुखा
793. लतिका – पौधा
794. लताड़ना – थापराना
795. लतखोर – भला
796. लड़ाना – मिलाना
797. लड़ाका – सद्भावी
798. लड़ाई – सुलह
799. लड़ना – मिलना
800. लडखडाना – संभालना
801. लगाव – दुराव
802. लगाना – हटाना
803. लगातार – रुक-रुककर
804. लगभग – पूरा
805. लखपति – खाकपति
806. लक्ष्य – अलक्ष्य
807. लक्षितार्थ – अभिधार्थ
808. लक्षित – अलक्षित
809. लक्षणा – अभिधा
810. लक्ष्ण – कुलक्षण
811. लकीर – बिंदु
812. लम्बोदर – छोटा
813. लंबित – त्वरित
814. लम्बाई – चौडाई
815. लम्बा – ठिगना
816. लम्ब – आधार
817. लम्पट – सदाचारी
स , श , श्र , ष से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
818. सहयोग – असहयोग
819. स्त्री – पुरुष
820. सोत्साह – निरुत्साह
821. स्वाधीन – पराधीन
822. सजीव – निर्जीव
823. सुगंध – दुर्गंध
824. संक्षेप – विस्तार
825. सरस – नीरस
826. सौभाग्य – दुर्भाग्य
827. सगुण – निर्गुण
828. शुष्क – आद्र
829. शयन – जागरण
830. शीत – उष्ण
831. सक्रिय – निष्क्रिय
832. सफल – असफल
833. सज्जन – दुर्जन
834. शुभ – अशुभ
835. संतोष – असंतोष
836. समझदार – नासमझ
837. शकुन – अपशकुन
838. सामिष – निरामिष
839. सूक्ष्म – स्थूल
840. शासक – शासित
841. शुचि – अशुचि
842. शोषण – पोषण
843. समास – व्यास
844. सम्पद – विपद
845. स्थावर – जंगम
846. स्वकीया – परकीया
847. संगत – असंगत
848. संत – असंत
849. श्वेत – श्याम
850. सदाशय – दुराशय
851. सपूत – कपूत
852. समाज – व्यक्ति
853. ससीम – असीम
854. संकीर्ण – उदार
855. सूक्ष्म – स्थूल
856. सुगम – दुर्गम
857. सुभग – दुर्भग
858. श्रव्य – दृष्य
859. श्रांत – अश्रांत
860. शक्तिशाली – शक्तिहीन
861. शिष्य – गुरु
862. शत्रु – मित्र
863. शुभ – तरल
864. शिव – अशिव
865. श्रीगणेश – इतिश्री
866. श्रद्धा – अश्रद्धा
867. सभ्यता – बर्बरता
868. संगत – असंगत
869. सर्द – गर्म
870. सत – असत
871. सफल – विफल
872. सचेत – अचेत
873. सच्चरित – दुश्चरित
874. सहयोगी – प्रतियोगी
875. सजल – निर्जल
876. सित – असित
877. स्वामी – सेवक
878. सुधा – गरल
879. संधि – विग्रह
880. सामायिक – असामयिक
881. सुस्त – चुस्त
882. संबंध – असंबंध
883. स्वधर्म – विधर्म
884. स्वजाति – विजाती
885. स्वदेश – विदेश
886. सकाम – निष्काम
887. सुबुद्धि – कुबुद्धि
888. सच – झूठ
889. सुबह – शाम
890. सभ्य – निर्भय
891. सुदूर – अदूर
892. सुना – भरा
893. सदाशय – दुराशय
894. संकीर्ण – उदार
895. सत्य – असत्य
896. साधु -असाधु
897. सुर – असुर
898. संग – असंग
899. सुलझाव – उलझाव
900. स्थूल – सूक्ष्म
901. सहस – कठिन
ह , क्ष , त्र , ज्ञ से शुरू होने वाले विलोम शब्द :-
902. हार – जीत
903. हानि – लाभ
904. हर्ष – शोक
905. क्षणिक – शाश्वत
906. हास्य – रुदन
907. क्षम – अक्षम
908. क्षर – अक्षर
909. क्षुद्र – महान
910. क्षम्य – अक्षम्य
911. क्षमा – दंड
912. क्षणिक – शास्वत
913. क्षर – अक्षर
914. ह्स्व – दीर्घ
915. हित – अहित
916. हिंसा – अहिंसा
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