पत्र

बुआ जी को पत्र

वेस्ट विनोद नगर
दिल्ली

10 अप्रैल 2005

आदरणीय बुआजी, नमस्ते।

आशा है आप सब ठीक होंगे। मेरी यहाँ परीक्षा होने वाली है। इस बार माँ ने कहा है कि गर्मी की छुट्टियों में हम सब आपके पास आ रहे है। मुझे आपको बहुत याद आती है। मुनिया दीदी और राजू भैया कैसे हैं? 
हम सब छुट्टियों में से खूब खेलेंगे। गाँव में आम भी ढेर सारे खाएंगे। आप सबके लिये यहाँ से क्या लाऊ ? बुआ जी जब में आऊँगी तो आप मेरे खाने के लिए मालपुआ की तैयारी करके रखना। बाकी बाते मिलने पर करेंगे।
आपकी बेटी 
महिमा


मौसी को बच्चों के पत्र

कैलाश कालोनी, 
दिल्ली 

19 नवंबर 2024

प्यारी मौसी,

नमस्ते, मौसी आप की याद आती है। जब आप नहीं होती तो मुझे रोना आता है। मौसी ज़रूर रक्षाबंधन पर आना। मौसी भाई और बहन कैसी है और आप कैसी हो। हम यहाँ ठीक है लेकिन छोटे भाई को बुखार आ गया था। अब तो वह ठीक है। मौसी हमारे घर कब आओगी। मौसी जरूर आना हमारे घर हम पार्टी बनाएँगे। ममता और रोहित पढ़ने जाते है तो उनसे कहना वो दोनों ध्यान से पढ़ें। राहुल तो रोता है कहता है कि मुझे मम्मी के पास जाना है। हम किसी दिन आएँगे । मौसी मैं पत्र बंद करती हूँ। छोटे भाई-बहन को प्यार देना।

आपकी बेटी, राधा

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