30. हिंदी व्याकरण || रेखाचित्र और संस्मरण में क्या अंतर है !

30. हिंदी व्याकरण || 

रेखाचित्र और संस्मरण में क्या अंतर है !

सूची

* रेखा चित्र क्या है ?

* रेखा चित्र क्या है ?

* रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर।


रेखाचित्र क्या है ?

रेखाचित्र को अंग्रेजी में स्कैच कहते हैं. जैसे हम किसी व्यक्ति या किसी वस्तु का चित्र बनाते है रेखाओं द्वारा वैसे ही शब्द रेखाओं का प्रयोग कर के हम किसी व्यक्ति, उसके स्वाभाव और उसके व्यक्तित्व को शब्दों द्वारा चित्रित करते है. जिसे लोग एक कहानी या कविता के रूप में पढ़ के हमारे दिमाग में बनी स्मृति का पता लगा सकते हैं. इस प्रकार के लेखन में वो कहानी होती है जिससे की लेखक किसी व्यक्ति से प्रभावित होके उसके विषय में वर्णन करे.

संस्मरण क्या है !!

कुछ स्मृतियों के आधार पे लिखे गए आलेख, उपन्यास, कविता जिनमे किसी व्यक्ति या उसके विषय में या किसी और विषय में वर्णन किया गया हो संस्मरण कहलाता है. इसमें कई प्रकार के वर्णन हो सकते हैं जैसे की कोई व्यक्ति जो प्राचीन समय में बहुत प्रशिद्ध हो उसके ऊपर लिखा गया आलेख, यात्रा में घटित कोई कहानी जो प्रशिद्ध हो, या किसी के व्यक्तित्व के बारे में जो व्यक्ति बहुत प्रशिद्ध रहा हो ये सभी संस्मरण कहलाते हैं. इन सभी में आपको एक समानता दिखी होगी की ये सभी उदाहरण में प्रशिधि का जिक्र हुआ है जी हाँ इसका तातपर्य यह है की वो सभी आलेख, उपन्यास और कहानी संस्मरण के अंतर्गत आती हैं जो कभी पहले प्रशिद्ध रही हो जिनके विषय में लेखक ने लिखा है.

रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर !!

# रेखाचित्र में आत्मपरकता नहीं होती है इसमें कुछ बची हुई स्मृतियाँ हमारे दिल दिमाग में रेखा के रूप में बन जाती है रेखाचित्र कहलाती हैं. संस्मरण में आत्मपरकता होती है ये हमारी पुरानी यादें होती हैं जो अचानक से याद आ जाती है.

# रेखाचित्र किसी भी कॉल हो सकता है इसमें ये आवश्यक नहीं कि ये भूतकाल का ही हो. ये आपका वर्तमान का भी हो सकता है. लेकिन संस्मरण हमारा अतीत का ही होता है अर्थात भूतकाल का ही होता है.

# रेखाचित्र में हम सामान्य व्यक्ति के बारे में बताते हैं लेकिन संस्मरण हमेशा किसी प्रसिद्ध व्यक्ति का ही होता है. जिसके बारे में लेखक के जीवन में कहीं न कहीं बहुत महत्व होगा.

# रेखाचित्र में कल्पना का समावेश हो सकता है ये चीज जरूरी नहीं की जिसके विषय में आप लिख रहे हैं वो व्यक्ति वास्तविकता में हो लेकिन संस्मरण में व्यक्ति का कभी न कभी होना अनिवार्य है अर्थात कि इसमें तटस्थता होना अनिवार्य है.

# उदाहरण: “लड़कियों के लिए उनका राजकुमार सफेद घोड़े पे आएगा और उन्हें ले जायेगा।” ये रेखाचित्र है जिसमे लड़कियां सपना देखती हैं अपने हमसफर राजकुमार के रूप में. लेकिन संस्मरण में “कृष्ण ने महाभारत में अपना दर्शन चक्र नहीं चलाया” इस वाक्य में अपने देखा की ये प्रसिद्ध भी हैं, अतीत से भी जुड़े हैं और ये घटना सच्ची है इसे संस्मरण कहते हैं.

आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी और आपके कितना काम आयी हमे बताना न भूले और यदि आपके मन में कोई प्रश्न, कोई सुझाव या कोई शिकायत हो तो हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं हम उसे सुलझाने की कोशिश करेंगे।


संस्मरण | Sansmaran

  1. संस्मरण वास्तविक होता है।
  2. संस्मरण संछिप्त में होता है।
  3. संस्मरण किसी महानपुरुष या किसी घटना से सम्बंधित होता है।
  4. संस्मरण में विवरणात्मक शैली का प्रयोग होता है।
  5. संस्मरण विवरण प्रधान होता है।
  6. संस्मरण किसी महान व्यक्ति का होता है।
  7. संस्मरण में अनुभूतियों का स्मृति के आधार पर चित्रण होता है।
  8. संस्मरण में लेखक तठस्थ नहीं रहता। उसमे आत्मीयता एवं व्यक्तिपरकता का तत्व होता है।
  9. संस्मरण विषय किसी भी कोई भी विशेष व्यक्ति या घटना का हो सकता है।
  10. संस्मरण अभिधामूलक होता है।
  11. संस्मरण में भाव की सघनता रहती है।

संस्मरण के उदाहरण | sansmaran ke Udaharan

उदाहरण –
भगवती चरण वर्मा – गणेशशंकर विद्या
कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर – द्वीप जले शंख बजे

रेखाचित्र | Rekhachitra

  1. रेखाचित्र वास्तविक व काल्पनिक दोनों होता है।
  2. रेखाचित्र विस्तृत होता है।
  3. रेखाचित्र किसी के भी साधारण विषय पर भी लिखा जा सकता है या सकती है।
  4. रेखाचित्र में चित्रात्मक शैली का प्रयोग किया जाता है।
  5. रेखाचित्र सजीव होता है।
  6. रेखाचित्र में सामान्य से समान्य व्यक्ति का रेखाचित्र हो सकता है।
  7. रेखाचित्र सांकेतिकता आधार पर चित्रण होता है।
  8. रेखाचित्र में लेखक पूर्णतः तथस्ट रहता है।
  9. रेखाचित्र के विषय विविध हो सकते है।
  10. रेखाचित्र सांकेतिक और व्यंजक होता है।
  11. रेखाचित्र में कलात्मक चित्रण की प्रधानता रहती है।

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