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कक्षा 5
1. राख की रस्सी
Page No 8:
प्रश्न : - तिब्बत के मंत्री अपने बेटे के भोलेपन से चिंतित रहते थे।
(क) तुम्हारे विचार से वे किन-किन बातों के बारे में सोचकर परेशान होते हैं?
उत्तर : -
(क) तिब्बत के मंत्री का बेटा होशियारी से दूर बहुत सीधा-सादा व भोला था। इसलिए वे परेशान रहते कि मेरे बाद इसका क्या होगा?
(ख) तुम तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो क्या उपाय करती?
उत्तर : -
(ख) यदि मैं तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो बेटे को बहुत प्यार से समझती और समझदारी से काम करने के लिए प्रेरित करती।
प्रश्न : - 1: “मंत्री ने अपने बेटे को शहर की तरफ़ रवाना किया।”
(क) मंत्री ने अपने बेटे को शहर क्यों भेजा था?
उत्तर : -
(क) मंत्री ने अपने बेटे को सौ भेड़ों देकर शहर में दुनियादारी की समझ के साथ पैसे कमाने के लिए भेजा था।
(ख) उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर में ही क्यों भेजा?
उत्तर : - (ख) मंत्री ने अपने बेटे को शहर इसलिए भेजा ताकि वहाँ के लोगों की समझदारी, चालाकी व काम करने का तरीका उसके बेटे को समझ में आ सके।
(ग) तुम्हारे घर के बड़े लोग पहले कहाँ रहते थे? घर में पता करो। आस-पड़ोस में भी किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता करो जो किसी दूसरी जगह जाकर बस गया हो। उनसे बताचीत करो और जानने की कोशिश करो कि क्या वे अपने निर्णय से खुश हैं। क्यों? एक पुरुष, एक महिला और एक बच्चे से बात करो। यह भी पूछो कि उन्होंने वह जगह क्यों छोड़ दी?
उत्तर : -
(ग) पहले मेरे दादाजी उत्तर प्रदेश के गाँव में रहते थे। वे वहीं के निवासी थे। काम की तलाश में उन्हें गाँव से शहर आना पड़ा था।
हमारे पड़ोस में एक उड़ीया परिवार रहता है। उनका घर उड़ीसा के एक गाँव में है। उनका परिवार छोटा है। उन्हें भी नौकरी की तलाश में दिल्ली में आना पड़ा। परंतु अब भी खुश हैं।
पुरुष काम करने के लिए शहर आई जबकि महिलाएं अपने पतियों के साथ आई जबकि बच्चे मजबूरी बस अपने माता पिता के साथ शहर आए हैं।
प्रश्न : - 2 ‘जौ’ एक तरह का अनाज है जिसे कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रोटी बनाई जाती है, सत्तू बनाया जाता है और सूखा भूनकर भी खाया जाता है। अपने घर में और स्कूल में बातचीत करके कुछ और अनाजों के नाम पता करो।
गेहूँ जौ
…………… ………….. …………… ……………
उत्तर : -
गेहूँ जौ
चना बाजरा ज्वार मक्का
प्रश्न : - 3 गेहूँ और जौ अनाज होते हैं और ये तीनों शब्द संज्ञा हैं। ‘गेहूँ’ और ‘जौ’ अलग-अलग किस्म के अनाजों के नाम हैं इसलिए ये दोनों व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं और ‘अनाज’ जातिवाचक संज्ञा है। इसी प्रकार ‘रिमझिम’ व्यक्तिवाचक संज्ञा है। और ‘पाठ्यपुस्तक’ जातिवाचक संज्ञा है।
(क) नीचे दी गई संज्ञाओं का वर्गीकरण इन दो प्रकार की संज्ञाओं में करो –
लेह धातु शेरवानी भोजन ताँबा खिचड़ी शहर वेशभूषा
(ख) ऊपर लिखी हर जातिवाचक संज्ञा के लिए तीन-तीन व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ खुद सोचकर लिखो।
उत्तर : -
(क)
व्यक्तिवाचक संज्ञा - लेह, शेरवानी, ताँबा, खिचड़ी
जातिवाचक संज्ञा - धातु, भोजन, शहर, वेशभूषा
(ख) जातिवाचक संज्ञा के लिए तीन-तीन व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ इस प्रकार हैं –
धातु – सोना, चाँदी, ताँबा
भोजन – रोटी, दाल, चावल
शहर – दिल्ली, जयपुर, गाज़ियाबाद
वेशभूषा – कुर्त्ता, पजामा, साड़ी
तुम सेर, मैं सवा सेर
प्रश्न : - 1
इस लड़की का तो सभी लोहा मान गए। था न सचमुच नहले पर दहला! तुम्हें भी यही करना होगा।
तुम ऐसा कोई काम ढूँढ़ो जिसे करने के लिए सूझबूझ की ज़रूरत हो। उसे एक कागज़ में लिखो और तुम सभी अपनी-अपनी चिट को एक डिब्बे में डाल दो। डिब्बे को बीच में रखकर उसके चारों ओर गोलाई में बैठ जाओ। अब एक-एक करके आओ, उस डिब्बे से एक चिट निकालकर पढ़ो और उसके लिए कोई उपाय सुझाओ। जिस बच्चे ने सबसे ज़्यादा उपाय सुझाए वह तुम्हारी कक्षा का ‘बीरबल’ होगा।
उत्तर : - आपने पत्थर देखा है। एक बार एक मित्र ने कहा कि कि क्या तुम पानी का पत्थर ला सकते हो तो मैंने उसे हां में जवाब दिया।
जाओ तुम पानी का पत्थर लाओ । हां मैं पानी का पत्थर ला सकता हूं लेकिन तुम्हें उसे संभाल कर रखना होगा। वह मेरा मुंह देखने लगा मैंने बर्फ का टुकड़ा ला कर दिया वह उसे ज्यादा देर हाथ में ना रख सका और उसने उस जमीन पर फेंक दिया।
प्रश्न : - 2 मंत्री ने बेटे से कहा, “पिछली बार भेड़ों के बाल उतार कर बेचना मुझे ज़रा भी पसंद नहीं आया।”
क्या मंत्री को सचमुच यह बात पसंद नहीं आई थी? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
उत्तर : -
मंत्री को यह बहुत पसंद आया था लेकिन जब उसे पता चला होगा कि यह काम उसके बेटे के स्थान पर एक लड़की ने किया है, तो उसे बहुत दुख हुआ होगा।
इसी कारण उसने उसे दूसरी बार बाजार भेजा। इस बार भी जब उस लड़की ने बेटे की सहायता की तो उसने उससे अपने बेटे से शादी करने का प्रस्ताव रख दिया।
सींग और जौं
प्रश्न : - 1 पहली बार में मंत्री के बेटे ने भेड़ों के बाल बेच दिए और दूसरी बार में भेड़ों के सींग बेच डाले। जिन लोगों ने ये चीज़ें खरीदी होंगी, उन्होंने भेड़ों के बालों और सींगों का क्या किया होगा? अपनी कल्पना से बताओ।
उत्तर : - भेड़ की बालों और सिंह और से सजावटी सामान बनता है उन लोगों ने भेड़ों के बालों से ऊन और सींगों से सजावटी सामान बनाने के लिए खरीदा होगा।
बात कहने के तरीके
प्रश्न : - 1 नीचे कहानी से कुछ वाक्य दिए गए हैं। इन बातों को तुम और किस तरह से कह सकती हो –
(क) चैन से ज़िंदगी चल रही थी।
(ख) होशियारी उसे छूकर भी नहीं गई थी।
(ग) मैं इसका हल निकाल देती हूँ।
(घ) उनकी अपनी चालाकी धरी रह गई।
उत्तर : -
(क) जिंदगी आराम से कट रही थी।
(ख) वह बिल्कुल होशियार नहीं था।
(ग) मैं इसका उपाय बता देती हूँ।
(घ) उनकी चालाकी किसी काम नहीं आई।
प्रश्न : - 2 ‘लोनपो गार का बेटा होशियार नहीं था।’
(क) ‘होशियार’ और ‘चालाक’ में क्या फ़र्क होता है? किस आधार पर किसी को तुम चालाक या होशियार कह सकती हो? इसी प्रकार ‘भोला’ और ‘बुद्धू’ के बारे में भी सोचो और कक्षा में चर्चा करो।
उत्तर : -
(क) होशियार तथा चालाक- होशियार का अर्थ है समझदार। होशियार व्यक्ति हर कार्य के हर अच्छे-बुरे परिणाम को समझदारी से सोच विचार कर करता है।
चालाक का अर्थ है अत्यधिक चतुर। चालाक व्यक्ति चालाकी से अपना काम निकालता है। इसके लिए मैं दूसरे आदमी को मूर्ख भी बना सकता है। अपना काम निकालने के लिए चालाक व्यक्ति हर युक्ति अपना सकता है। फिर वह अच्छी हो या बुरी।
भोला और बुद्धू- जो सीधा-सादा होता है, उसे भोला कहते हैं। उसे चालाकी से बहुत दूर है ।
बुद्धू का अर्थ बेवकूफ होता है। उसे किसी प्रकार का ज्ञान नहीं होता है।
हम होशियार और चालाकी शब्दों की तरह ही भोला और बुद्धू शब्दों को लोग एक ही रूप में लेते हैं।
(ख) लड़की को तुम ‘समझदार’ कहोगी या बुद्धिमान? क्यों?
उत्तर:-
(ख) लड़की को हम समझदार तथा बुद्धिमान दोनों कहेंगे। लड़की ने लड़के की सहायता करने से पहले उसकी हर बात समझदारी से सुनी। उसके बाद बड़ी बुद्धिमानी से उस समस्या का बिलकुल उचित हल निकाला। लड़की ने अपनी समझदारी और बुद्धि से हर समस्या पर विजयी पायी।
Page No 10:
प्रश्न : - 1 कहानी में लोनपो गार के बेटे और लड़की को कोई नाम नहीं दिया गया है। नीचे तिब्बत में बच्चों के नामकरण के बारे में बताया गया है। यह परिचय पढ़ो और मनपसंद नाम छाँटकर बेटे और लड़की को कोई नाम दो।
नायिमा, डावा, मिगमार, लाखपा, नुखू, फू दोरजे—ये क्या हैं? कोई खाने की चीज़ या घूमने की जगहों के नाम। जी नहीं, ये हैं तिब्बती बच्चों के कुछ नाम। ये सारे नाम तिब्बत में शुभ माने जाते हैं। ‘नायिमा’ नाम दिया जाता है रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों को। मानते हैं कि इससे बच्चे को उस दिन के देवता सूरज जैसी शक्ति मिलेगी और जब-जब उसका नाम पुकारा जाएगा, वह शक्ति बढ़ती जाएगी। सोमवार को जन्म लेने वाले बच्चों का नाम ‘डावा’ रखा जाता है। यह लड़का-लड़की दोनों का नाम हो सकता है। तिब्बती भाषा में डावा के दो मतलब होते हैं, सोमवार और चाँद। यानी डावा चाँद जैसी रोशनी फैलाएगी और अँधेरा दूर करेगी। तिब्बत में बुद्ध के स्त्री-पुरुष रुपों पर भी नामकरण करते हैं खासकर दोलमा नाम बहुत मिलता है। यह बुद्ध के स्त्री रूप तारा का ही तिब्बती नाम है।
उत्तर : - लोनपो गार के बेटे का नाम ‘नुखू’ व लड़की के लिए ‘डावा’ नाम उचित लगता है।
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